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चौथे इंटरनेशनल लिटरेचर समिट और वर्ल्ड पोएट्री कॉन्फ्रेंस का हुआ भव्य समापन

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  • विश्व के कई प्रसिद्ध लेखकों की 25 पुस्तकों का हुआ विमोचन

चंडीगढ़। साहित्यिक संगठन आज़ाद फाउंडेशन और वर्ल्ड लिटरेचर इंडिया की ओर से होटल ऑयस्टर, सेक्टर 17 में चौथा इंटरनेशनल लिटरेचर समिट और वर्ल्ड पोएट्री कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया।
पिछले 3 संस्करणों में भारत, अमेरिका, कनाडा, ईरान, ऑस्ट्रेलिया, भूटान, सर्बिया से क्रमशः 90, 150, 40 प्रतिभागियों ने भाग लिया था।
इस बार भारत और विदेशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 70 कवियों और विद्वानों ने हिस्सा लिया और कार्यक्रम की शोभा बढाई। भिन्न देशों अमेरिका, कनाडा, सर्बिया, मिस्र, जॉर्डन और जर्मनी से कवियों ने शिरकत की और भारत में केरल, कोलकता, पश्चिम बंगाल, हैदराबाद, चेन्नई, गुड़गांव, नई दिल्ली, राजस्थान और चंडीगढ़, पंजाब से विद्वान और कवियों ने उपस्थिति दर्ज की।
सम्मेलन के अध्यक्ष और प्रोफेसर एमेरिटस इन इंडियन लिटरेचर, द यूरोपियन इंस्टिट्यूट ऑफ रोमा स्टडीज, प्रोफेसर जे एस आनंद ने कहा कि समकालीन समय में घटते मानव मूल्य और साहित्य की भूमिका इस सम्मेलन का थीम रहेगी।
इस कार्यक्रम के पहले दिन कुल 15 किताबों का विमोचन किया गया जिसमें डॉ जे एस आनंद की पांच पुस्तकों का विमोचन किया गया। इसके अलावा डॉ आनन्द की एक पुस्तक डॉ माजा हरमन के साथ प्रकाशित हुई है उसका भी विमोचन भव्य तरीके से अति उत्साह के साथ किया गया। इसके अलावा कर्नल दलविंदर सिंह ग्रेवाल की पाँच किताबों का विमोचन किया गया और इन किताबों की खास बात है कि यह किताबें सिख गुरुओं के इतिहास पर आधारित हैं और उन्होंने खुद लंबे समय तक इन विषयों पर रिसर्च कर लिखी है।
डॉ शालिनी यादव, डॉ अरविन्द चौधरी, डॉ मोली जोसेफ, और डॉ आशू गर्ग सहित कई कवियों की पुस्तकों सहित 10 पुस्तकों का विमोचन दूूसरे दिन किया गया। कवियों ने एक दूसरे के साहित्यिक योगदान की दिल खोलकर सराहना की और प्रोत्साहन दिया।
किताबों के विमोचन के मौके पर डॉ माजा हरमन सेकुलिक, हरीश नारंग , पूर्व प्रोफेसर, जेएनयू, दिल्ली, डॉ ललित मोहन शर्मा, और डॉ लक्ष्मी श्री बनर्जी, पूर्व वाइस चांसलर, कल्हान यूनिवर्सिटी विशिष्ट अतिथियों के रूप में उपस्थित हुए। डॉ भागीरथ चौधरी और डॉ मोली जोसफ ने अपने वक्तव्य से सबका ज्ञानवर्धन किया औल समसामयिक कवियों के सामने कुछ अहम सवाल चिंतन मनन के लिए रखे गए ताकि भविष्य मे काव्य उत्कृष्ट हो पाए और काव्य के युवा पाठक बढ सके।
कोलकाता-अमेरिका स्थित विद्वान डॉ. बासुदेब चक्रवर्ती आयोजन समिति के अध्यक्ष के रूप में योगदान किए। डॉ. परनीत जग्गी, एसोसिएट प्रोफेसर, बी आर अंबेडकर पीजी कालेज, श्री गंगानगर ने आयोजन की सचिव और डॉ मनमिंदर सिंह आनंद, डीएवी कॉलेज, चंडीगढ़ सम्मेलन के कार्यकारी सचिव के रूप में आयोजन को सफलतापूर्वक संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
आजाद फाउंडेशन के चेयरमैन, प्रोफेसर जे एस आन्नद, डॉ मुकेश ग्रोवर और डॉ किरण ग्रोवर की देखरेख में आयोजित यह काव्य सम्मेलन साहित्य प्रेमियों के लिए प्रेरित करने वाला साबित हुआ।

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