जयपुर ग्रेटर नगर निगम का 1189 करोड़ का बजट पास:डिप्टी मेयर समेत कई बीजेपी पार्षद विपक्ष की भूमिका में दिखे; प्रक्रिया पर उठाए सवाल
जयपुर निगर निगम ग्रेटर की आज हुई साधारण सभा वित्त वर्ष 2024-25 का 1189.42 करोड़ का बजट पास किया गया। इस बैठक में आज विपक्ष के सदस्य पक्ष की भूमिका में, जबकि पक्ष के सदस्य विपक्ष की भूमिका में नजर आए। बीजेपी से पार्षद और नगर निगम के डिप्टी मेयर पुनीत कर्णावट ने बजट पास करने की प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए सदन में विरोध किया। उन्होंने 48 घंटे से भी कम समय का नोटिस देकर बैठक बुलाने को नियम के विरूद्ध बताया। उन्होंने कहा कि सदन में सभी सदस्यों चर्चा करवाए बिना बजट पास करवाना अलोकतांत्रिक है।
दरअसल, वित्त समिति की अध्यक्ष शील धाबाई के बजट पेश किया और उसे ध्वनिमत से पारित करने लगे तो डिप्टी मेयर ने इसे सदन के सदस्यों के अधिकारों का हनन बताया। इस बात पर डिप्टी मेयर और मेयर के बीच हल्की नोकझोंक हो गई। डिप्टी मेयर ने कहा कि पिछले 2 बार के बजट सदन में रखे बिना ही सरकार को भिजवा दिए गए और आज जब बैठक बुलाई जा रही है तो सदस्यों से इस पर चर्चा क्यों नहीं करवाई जा रही? उन्होंने तीखे लिहाजे में सदन को संबोधित करते हुए कहा कि सदन के सदस्यों से बिना चर्चा करवाए और उनके सुझाव जाने बिना बजट को पास करके इसका क्यों कर्मकांड कर रहे हो। इस तरह अलोकतांत्रिक तरीके से बजट को पास करवाने से राम राज्य स्थापित करने की कल्पना साकार नहीं होगी।
मेयर सौम्या गुर्जर के देरी से आने के कारण नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा तय समय से 30 मिनट की देरी से शुरू हुई।
शहर की रैंकिंग पर हमें शर्म आनी चाहिए
उप महापौर पुनीत कर्णावट ने सदन में सफाई की रैंकिंग का भी मुद्दा उठाया और कहा कि पिछले दिनों हमारे शहर की रैंकिंग आई। उसको लेकर हमें शर्म तक नहीं है। हम लगातार पिछड़ते जा रहे हैं। हम सफाई पर 300 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम खर्च करते हैं। इंदौर भी हमारे जैसा ही शहर है, लेकिन वह पिछले चार-पांच साल से पहले-दूसरे नंबर पर हैं और हम लगातार पिछड़ते जा रहे हैं।
विजिलेंस टीम की अवैध वसूली पर सदन में हंगामा
नगर निगम की बैठक में विजिलेंस टीम की कार्यशैली में सुधार करने की मांग को लेकर सभी पार्षदों ने हंगामा किया। उप महापौर के अलावा बीजेपी के ही पार्षद गोविंद छीपा, अभय पुरोहित, जितेंद्र श्रीमाली समेत 8-10 पार्षदों ने विजिलेंस टीम के निरीक्षक विजेंद्र पूनिया और उनके निचले स्टाफ विक्रम समेत अन्य पर शहर में हो रहे छोटे-छोटे निर्माण से अवैध वसूली करने के आरोप लगाए। इसके अलावा शहर की दुकानों से मिठाइयों के डिब्बे पैक करवा कर उनके पैसे नहीं देने के आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
बजट में आंकड़े ही गलत, सदन में उठा मुद्दा
सदन में जो बजट पेश किया गया उसमें दिए आंकड़े ही गलत थे। शहर में पेड़-पौधे लगाने के लिए मौजूदा वर्ष 2023-24 में 2.5 करोड़ रुपए का प्रावधान किया, लेकिन उस मद में दिसंबर 2023 तक खर्च की गई रकम शून्य बताई। जब कांग्रेस के एक पार्षद ने इस मुद्दे को उठाया तो उद्यान समिति की चेयरमैन राखी राठौड़ ने भी इसे गलत बताया। राठौड़ ने कहा कि इस मद में 1.30 करोड़ रुपए की राशि खर्च हो चुकी है, लेकिन इस बजट कॉपी में इसे अंकित नहीं किया, जो गलत है।
मेयर देरी से आईं, 30 मिनट बाद शुरू हुई साधारण सभा
इससे पहले जयपुर नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा तय समय से 30 मिनट की देरी से शुरू हुई। मेयर सौम्या गुर्जर के देरी से आने के कारण पार्षद और अधिकारी उनका इंतजार करते रहे। 2 बजे प्रस्तावित बैठक 2 बजकर 30 मिनट पर शुरू हुई। बैठक शुरू होते ही पूरे सदन में जय श्रीराम के नारे लगे। इसके बाद दिवंगतों को 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई और सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया।
मेयर ने बैठक की शुरुआत रामायण के श्लोक से की। मेयर ने श्लोक पढ़ने के बाद जयपुर में भी रामराज्य की स्थापना करने की बात कही। उन्होंने 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जिक्र करते हुए उसके लिए निगम प्रशासन की ओर से किए जा रहे कामों और आयोजनों के बारे में बताया।
साधारण सभा की बैठक में शहर का एक भी विधायक-सांसद नहीं पहुंचा। उनकी जगह उनके प्रतिनिधि बैठे नजर आए।
विधायकों की जगह उनके प्रतिनिधि पहुंचे
आज सदन में पहली बार ऐसा देखने को मिला, जब बैठक शुरू होने के दौरान शहर का एक भी विधायक-सांसद मौजूद नहीं रहा। विधायक की जगह उनके प्रतिनिधि बैठे नजर आए। विधायक सीट पर तीन व्यक्ति बैठे नजर आए, जो विधायक दीया कुमारी के प्रतिनिधि हैं। सूत्रों के मुताबिक विधायक के ओएसडी हनुमान सिंह, निजी सहायक विकास चौधरी और स्टाफ के सदस्य रामचरण शर्मा (रिटायर्ड आरएएस) विधायक-सांसद कुर्सी पर बैठे नजर आए।
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