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जयपुर में एयरफोर्स के 9 हॉक विमानों ने दिखाए करतब:जलमहल के ऊपर हुआ एयर शो, बड़ी संख्या में लोग देखने पहुंचे ! देखे विडियो

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जयपुर में एयरफोर्स के 9 हॉक विमानों ने दिखाए करतब:जलमहल के ऊपर हुआ एयर शो, बड़ी संख्या में लोग देखने पहुंचे

जयपुर

जयपुर में शुक्रवार को जलमहल पर वायुसेना के 9 हॉक विमानों ने हैरतअंगेज करतब दिखाए। इस दौरान सूर्य किरण के एयर शो को देखने के लिए आमेर रोड पर भीड़ लगी रही। करीब एक घंटे तक सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम ने एयर शो किया। इसमें तीन पायलट जयपुर के रहे। सभी विमानों ने जयपुर एयरपोर्ट से उड़ान भरी।

दरअसल, आमेर रोड स्थित जलमहल पर वायुसेना स्टेशन में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था। अब शनिवार और रविवार को भी एयर शो किया जाएगा।

सूर्यकिरण के विमानों ने अलग-अलग हैरतअंगेज करतब दिखाए।

सूर्यकिरण के विमानों ने अलग-अलग हैरतअंगेज करतब दिखाए।

दरअसल, एयर शो युवा पीढ़ी ‘भारतीय वायुसेना के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए आयोजित किया गया है। इसके लिए जयपुर शहर और आसपास के इलाकों से आमजन और स्टूडेंट्स को आमंत्रित किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग एयर शो देखने पहुंचे।

एयर शो के दौरान अलग-अलग फोर्मेशन दिखाई गईं।

एयर शो के दौरान अलग-अलग फोर्मेशन दिखाई गईं।

जल महल की पाल पर एयर शो देखने पहुंचे एयरफोर्स के अधिकारी।

जल महल की पाल पर एयर शो देखने पहुंचे एयरफोर्स के अधिकारी।

वायुसेना के कुल 9 हॉक विमानों ने जयपुर में करतब दिखाए।

वायुसेना के कुल 9 हॉक विमानों ने जयपुर में करतब दिखाए।

सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम ने जयपुर एयरपोर्ट से उड़ान भरी।

सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम ने जयपुर एयरपोर्ट से उड़ान भरी।

जयपुर में एयर शो करने वाली सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम।

जयपुर में एयर शो करने वाली सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम।

सूर्यकिरण के पायलट विंग कमांडर राजेश काजला और फ्लाइट लेफ्टिनेंट कंवल संधू।

सूर्यकिरण के पायलट विंग कमांडर राजेश काजला और फ्लाइट लेफ्टिनेंट कंवल संधू।

सूर्यकिरण टीम के बारे में जाने

साल 1996 में ‘सूर्यकिरण’ की स्थापना हुई थी। सूर्यकिरण वायुसेना की 52वें स्कवाड्रन का हिस्सा है। ये टीम इंडियन एयरफोर्स की एयरोबैटिक्स प्रदर्शन टीम है। इस टीम में 13 पायलट होते हैं। इसमें से केवल 9 एक साथ उड़ान भरते हैं। केवल लड़ाकू विमान उड़ाने वाले पायलटों को इसके लिए चुना जाता है। इनके पास किरण एयरक्राफ्ट चलाने का 1,000 घंटे और लगभग 2,000 घंटे का लड़ाकू उड़ान अनुभव होता है। पायलटों के अलावा टीम में फ्लाइट कमांडर, एक प्रशासक और क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर होते हैं। यह टीम देश के कई हिस्सों में एयर शो के जरिए हवा में करतब दिखा चुकी है।

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