Rajasthan election: ‘जादूगर’ की मुट्ठी में है जोधपुर, जानें उनकी सरकार की योजनाओं को लेकर क्या कह रहे वोटर?
सरदारपुरा सीट पर माली समुदाय काफी प्रभावशाली है। यहां पर वह लगातार अशोक गहलोत को वोट करता रहा है। मुस्लिम समुदाय के मतदाता भी यहां पर काफी अच्छी संख्या में हैं। यह दो समुदाय मिलकर अशोक गहलोत की जीत को सुनिश्चित कर देते हैं। भाजपा ने राजपूत उम्मीदवार महेंद्र राठौड़ पर अपना दांव लगाया है…
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‘राजनीति का जादूगर’ कहे जाने वाले अशोक गहलोत ने जोधपुर के सरदारपुरा विधानसभा सीट से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी। वे यहां से लगातार पांच बार जीत दर्ज कर चुके हैं और तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। अपने गृहक्षेत्र जोधपुर पर उनकी जबर्दस्त पकड़ आज भी दिखाई पड़ती है। जोधपुर के ज्यादातर लोग अपने क्षेत्र का मुख्यमंत्री बनाने के लिए एक बार फिर उनको वोट कर सकते हैं। उन्हें लगता है कि यदि उनके क्षेत्र का मुख्यमंत्री होगा, तो जोधपुर का उसी तरह विकास होगा जैसा पिछले पांच साल में हुआ है। गहलोत ने जोधपुर को बड़ा अस्पताल और मेडिकल कॉलेज देकर अपने क्षेत्र के लोगों का दिल जीत लिया है। इसका लाभ उन्हें इस चुनाव में मिल सकता है।विज्ञापन
जोधपुर राजस्थान ही नहीं पूरे देश के बड़े शहरों में गिना जाता है। पर्यटन क्षेत्र यहां के लोगों को रोजगार का बड़ा अवसर उपलब्ध कराता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि कांग्रेस की विधायक मनीषा पंवार जोधपुर में बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं रही हैं। लोगों के बीच उनकी उपलब्धता भी बहुत कम रही है, लेकिन इसके बाद भी अशोक गहलोत के कारण जोधपुर का खूब विकास हुआ है। साफ-सफाई, सुंदरीकरण, पर्यटन स्थलों का विकास, सड़कों-फ्लाई ओवर और परिवहन सुविधाओं के मामले में जोधपुर देश के किसी भी बड़े शहर को टक्कर दे सकता है। यही कारण है कि यहां के लोग सरकार से बहुत खुश हैं। अशोक गहलोत की छवि के कारण कांग्रेस यहां भी मजबूत दिखाई पड़ रही है।
सरदारपुरा सीट पर माली समुदाय काफी प्रभावशाली है। यहां पर वह लगातार अशोक गहलोत को वोट करता रहा है। मुस्लिम समुदाय के मतदाता भी यहां पर काफी अच्छी संख्या में हैं। यह दो समुदाय मिलकर अशोक गहलोत की जीत को सुनिश्चित कर देते हैं। भाजपा ने राजपूत उम्मीदवार महेंद्र राठौड़ पर अपना दांव लगाया है। लेकिन पार्टी का यह दांव कितना सफल रहेगा, अभी कहना मुश्किल है।
बेटियों की शिक्षा
मिठाई की दुकान चलाने वाले सुनील सेठ ने बताया कि अशोक गहलोत सरकार की योजना के कारण उनकी दो बेटियां अच्छे प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। बस उन्हें घर से लेने आती है। ड्रेस और किताबें भी मुफ्त मिलती हैं। यदि अशोक गहलोत सरकार न होती, तो वे अपनी बेटियों को अच्छी शिक्षा न दिला पाते। केंद्र सरकार के जीएसटी कानून के कारण अब उन्हें सौ-दो सौ रुपये की मिठाई बेचने पर भी टैक्स देना पड़ता है। अब दाम बढ़ाने के बाद भी उन्हें नुकसान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि अब सरकार ने यह घोषणा कर दी है कि बेटियों को केजी से लेकर परास्नातक तक मुफ्त शिक्षा मिलेगी। भाजपा ने भी इसी तरह का वादा किया है। यदि इसी तरह जनता के विकास के मुद्दे पर राजनीति होती, तो उनके जैसे गरीबों का भला होता। उनके एक कर्मचारी की पत्नी को गंभीर बीमारी हुई है। गहलोत सरकार की स्वास्थ्य योजना के कारण उसका मुफ्त में इलाज हो रहा है। यदि सरकार की स्वास्थ्य योजना न होती, तो ऐसे परिवार अपना इलाज करने की भी हिम्मत न करते। उनका आरोप है कि भाजपा सांप्रदायिक मामले उठाकर राजनीतिक लाभ लेना चाहती है, लेकिन उनके जैसे गरीब अशोक गहलोत सरकार के साथ खड़े हैं।
विकास चाहिए
जालोरी गेट, जोधपुर के व्यापारी मुकेश सोलंकी ने कहा कि वे विकास के नाम पर वोट देते हैं। अशोक गहलोत सरकार ने अच्छा कामकाज किया है। हालांकि एक महत्वपूर्ण फ्लाई ओवर इस शहर की जरूरत है। शाम के समय मुख्य इलाके में भारी जाम लग जाता है। कई बार वादा करने के बाद भी यह काम पूरा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के काम कार्ड से स्थानीय लोगों में संतुष्टि है, हालांकि इसे और बेहतर किए जाने की जरूरत है।
सबको साथ लेकर चले सरकार
एलआईसी एजेंट जगदीश चंद्र शर्मा ने कहा कि अशोक गहलोत सरकार ने अपने पिछले पांच साल के कार्यकाल में अच्छा काम किया है। स्थानीय लोग उनके विकास के काम से संतुष्ट हैं। लेकिन लोगों में यह धारणा बन चुकी है कि सरकार एक वर्ग विशेष को ज्यादा प्राथमिकता देती है। इससे कुछ लोगों में असंतुष्टि है। सरकार को सबको एक साथ लेकर चलना चाहिए। यदि अशोक गहलोत अपनी इस कार्यशैली में सुधार कर सकें, तो लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता और ज्यादा बढ़ेगी।
विकास किया, लेकिन…
शास्त्री नगर के शास्त्री सर्कल में एक रेस्टोरेंट चला रहे किशन गोयल ने कहा कि अशोक गहलोत ने उनके क्षेत्र को बड़ा मेडिकल कॉलेज देकर लोगों की सुविधा बढ़ाई है। लोगों को अपने नजदीक ही बेहतर इलाज मिल पा रहा है, जिससे लोगों की परेशानी कम हुई है। इसी तरह एक कॉलेज देकर भी उन्होंने शहर के बच्चों-युवाओं को बेहतर शिक्षा पाने के लिए अवसर उपलब्ध कराया है।
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