जापान में 7.4 तीव्रता का भूकंप:सुनामी का अलर्ट जारी, समुद्र में 16 फीट ऊंची लहरें उठ सकती हैं; रिंग ऑफ फायर में था केंद्र
जापान के इशिकावा प्रांत के एक मेट्रो स्टेशन का डिस्प्ले बोर्ड भूकंप के तेज झटकों के कारण टूट गया।
जापान में सोमवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। जापानी मीडिया NHK के मुताबिक रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.4 दर्ज की गई। प्रशासन ने सुनामी का अलर्ट जारी किया है।
जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी के मुताबिक भूकंप इशिकावा प्रांत के अनामिजु शहर में आया। इसका केंद्र धरती से 10 किलोमीटर नीचे था। भारतीय समय के मुताबिक दोपहर 12:40 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसके 8 मिनट बाद ही 6.2 तीव्रता का पहला आफ्टर शॉक रिकॉर्ड किया गया। इसके बाद 5.2 तीव्रता का दूसरा आफ्टर शॉक रिकॉर्ड किया गया।
एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि 5 मीटर (16 फीट) ऊंची लहरें उठ सकती हैं। कोस्टल एरिया में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कहा गया है। फिलहाल किसी के मारे जाने की खबर नहीं है।
मैप से समझिए भूकंप कहां आया
फुकुशिमा प्लांट पर पैनी नजर
जापान के मीडिया के मुताबिक फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट पर पैनी नजर रखी जा रही है। दरअसल, जापान में मार्च 2011 में 9 तीव्रता वाले भूकंप के कारण जबर्दस्त सुनामी आई थी। तब उठी सुनामी की लहरों ने फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को तबाह कर दिया था।
इसे पर्यावरण को नुकसान के लिहाज से बड़ी घटना माना गया था। तब समुद्र में उठी 10 मीटर ऊंची लहरों ने कई शहरों में तबाही मचाई थी। इसमें करीब 16 हजार लोगों की मौत हुई थी।
भूकंप की तस्वीरें…
इशिकावा प्रांत के वाजिमा शहर में सड़क टूट गई।
भूकंप के झटके महसूस होने के बाद लोग ऑफिस और घरों से बाहर आ गए।
जापान में भूकंप के बाद लोग जान बचाने के लिए टेबल के नीचे बैठे नजर आए।
इशिकावा प्रांत के कई शहरों में तबाही देखी गई। घर टूट गए।
जापान की नदियों में पानी की लहरें उठ रही हैं।
रिंग ऑफ फायर पर बसा है जापान
जापान भूकंप के सबसे ज्यादा सेंसेटिव एरिया में है। यहां भूकंप आते रहते हैं, क्योंकि ये दो टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के पास स्थित है। इशिकावा प्रान्त, जहां भूकंप आया है, महासागर के चारों ओर भूकंपीय फॉल्ट लाइनों की एक घोड़े की नाल के आकार की श्रृंखला- रिंग ऑफ फायर, के करीब स्थित है।
रिंग ऑफ फायर ऐसा इलाका है जहां कॉन्टिनेंटल प्लेट्स के साथ ओशियनिक टेक्टॉनिक प्लेट्स भी मौजूद हैं। ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो भूकंप आता है। इनके असर से ही सुनामी आती है और वॉल्केनो भी फटते हैं।
दुनिया के 90% भूकंप इसी रिंग ऑफ फायर में आते हैं। यह क्षेत्र 40 हजार किलोमीटर में फैला है। दुनिया में जितने सक्रिय ज्वालामुखी हैं, उनमें से 75% इसी क्षेत्र में हैं। 15 देश- जापान, रूस, फिलिपींस, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका, कनाडा, अमेरिका, मैक्सिको, ग्वाटेमाला, कोस्टा रिका, पेरू, इक्वाडोर, चिली, बोलिविया रिंग ऑफ फायर की जद में हैं।
दुनिया में हर साल 20 हजार भूकंप आते हैं
हर साल दुनिया में कई भूकंप आते हैं, लेकिन इनकी तीव्रता कम होती है। नेशनल अर्थक्वेक इंफोर्मेशन सेंटर हर साल करीब 20,000 भूकंप रिकॉर्ड करता है। इसमें से 100 भूकंप ऐसे होते हैं जिनसे नुकसान ज्यादा होता है। भूकंप कुछ सेकेंड या कुछ मिनट तक रहता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप 2004 में हिंद महासागर में आया था। यह भूकंप 10 मिनट तक रहा था।
Add Comment