NATIONAL NEWS

जिला परिषद के चयनित बेरोजगार शिक्षकों ने कलेक्ट्री में प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

बीकानेर। बीकानेर जिला परिषद के द्वारा चयनित शिक्षकों द्वारा अब तक नियुक्ति ना मिलने पर बीकानेर जिला कलेक्टर कार्यालय पर धुड़ा राम माली के नेतृत्व में प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन दिया गया। प्रदर्शनकारी बेरोजगार शिक्षकों में सरकार के रवैये व बीकानेर जिले के मंत्रियों के खिलाफ गुस्सा खुलकर सामने आया।

कलेक्टर को दिए ज्ञापन में कहा गया कि मुख्यमंत्री जी एक लाख लोगों को नियुक्ति देने की बात कर रहे हैं लेकिन बीकानेर जिला परिषद में 1999 से लटके शिक्षकों की ओर उन्होंने कोई गौर नहीं किया है। ज्ञापन में कहा गया बीकानेर जिला परिषद में वर्ष 1999 में निकली तृतीय श्रेणी अध्यापकों की भर्ती पर आज दिनांक तक नियुक्ति नही हुई है । इस नियुक्ति के लिए वित्तीय स्वीकृति भी जारी हो चुकी है लेकिन बेरोजगार शिक्षकों को रोजगार नही मिला। इस भर्ती के विज्ञापन निकलने के बाद से राजस्थान में दोनों ही प्रमुख दलों की सरकारें कई बार बनी लेकिन यह मुद्दा जस का तस बना रहा। पिछले चुनाव में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने इन आवेदकों को भरोसा दिलाया था राजस्थान में कांग्रेस की सरकार आने पर वे इस मामले को निपटा देंगे। सरकार बने एक अरसा हो गया है इस कारण से अब बेरोजगारों का भरोसा टूटने लगा है।

यहां गौरतलब है कि जिला परिषद् बीकानेर मे 1999 मे 250 पदों पर भर्ती निकाली एवं जिसके लिए सम्पूर्ण भर्ती प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई थी । इस दौरान एक सरकारी आदेश के माध्यम से इस पर रोक लगा दी गई,जो इस भर्ती प्रक्रिया के लम्बित होने का कारण बना I
इसके लिए सभी चयनित लम्बे समय से संघर्षरत्त है। इस भर्ती के लिए आंदोलन का एक लंबा दौर चला । अर्द्धनग्न प्रदर्शन से लेकर आमरण – अनशन तक हुए । आंदोलनकारियों को अनशन के चलते कई बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।
इस आंदोलन का इतना असर हुआ कि विभाग ने कई बार पत्र लिख कर सरकार से मार्गदर्शन माँगा। जिसमे ये स्पष्ट अंकित किया है कि यदि सरकार निर्देश दे तो इस भर्ती को पूर्ण किया जा सकता है।
ज्ञापन में कहा गया इस प्रकरण पर किसी भी प्रकार की कोर्ट की रोक नही है । रोक सरकार ने लगाई है और वही इसे हटाने मे सक्षम है । ऐसा जवाब विभाग प्रत्येक बार देता रहा है। ज्ञापन में बताया गया साल 2013 में आमरण अनशन के दबाव से तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक वी .श्रवण कुमार ने सरकार से भर्ती हैतु मार्गदर्शन एवं अनुमति माँगी थी,मगर उस पर भी कोई कार्यवाही नही हो पाई ।
भाजपा सरकार के समय राजेन्द्र सिह राठौड की अध्यक्षता में गठित मंत्रीमण्डलीय उपसमिति में चयनितों के पक्ष को सुना गया । इस प्रकरण में नियुक्ति हैतु सैद्धान्तिक सहमति देते हुए जिला परिषद से तथ्यात्मक रिपोर्ट मंगवाई थी ।
वर्ष 2003 में गहलोत सरकार ने जुलाई में शिक्षा सचिव के माध्यम से आदेश भी जारी किये , लेकिन सरकार के वे आदेश आज भी फाइलों में दफन है । ज्ञापन में कहा गया है राज्य सरकार के पत्रांक एफ /13(244) प्रा.शि. वि./99 दिनांक 1/7/2003 को 250 पद हैतु वित्तिय स्वीकृति भी शासन सचिव विधि प्रकोष्ठ द्वारा दी जा चुकी है ।
ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से साया कंवर , सुनीता बारिया ,शहनाज हुसैन, घनश्याम गहलोत , हरिशंकर शर्मा , दीनदयाल आचार्य , बलदेव पुरोहित , बलदेव व्यास , मनोज रावत , राकेश जोशी, अशोक मारू , इंद्र जोशी, पंकज आचार्य , राजकुमार सैनी महेंद्र कोटनीस व सुरेंद्र शर्मा सहित सैकड़ों शिक्षकों ने ज्ञापन के माध्यम से अपनी व्यथा मुख्यमंत्री तक पहुंचाई।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!