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जैश-ए-मोहम्मद ने कराई थी RSS मुख्यालय की रेकी, कश्मीर में सक्रिय आतंकी को दिया था आदेश

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*जैश-ए-मोहम्मद ने कराई थी RSS मुख्यालय की रेकी, कश्मीर में सक्रिय आतंकी को दिया था आदेश*
जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी ने नागपुर एटीएस पुलिस को बताया कि उसे उसके पाकिस्तान स्थित हैंडलर द्वारा शहर में आरएसएस मुख्यालय की रेकी करने का काम सौंपा गया था। जिसे उसने अंजाम भी दिया…

*REPORT BY SAHIL PATHAN*

जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा पिछले साल गिरफ्तार किए गए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ने नागपुर पुलिस को बताया कि उसे उसके पाकिस्तान स्थित हैंडलर द्वारा शहर में आरएसएस मुख्यालय की रेकी करने का काम सौंपा गया था। जैश के आतंकी के इस कबूलनामे के बाद पुलिस अलर्ट हो गई है।
नागपुर के डीएसपी एटीएस अभय पन्हेकर ने बताया कि जम्मू कश्मीर द्वारा पिछले साल गिरफ्तार किए गए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी से पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं। आतंकी का नाम रईस अहमद शेख है, पिछले दो दिनों से उससे पूछताछ की जा रही है। शेख ने उन्हें बताया कि उसने शहर में डॉ. हेडगेवार स्मृति भवन (आरएसएस मुख्यालय) की रेकी करने का प्रयास किया और उसके वीडियो फुटेज पाकिस्तान में मौजूद अपने हैंडलर उमर को भेजे। उमर पाकिस्तान के नवाबपुर में संगठन का ऑपरेशनल कमांडर है।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के अवंतीपोरा कस्बे के रहने वाले शेख को पिछले साल दिसंबर में एक ग्रेनेड की कथित बरामदगी के बाद गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान, उसने पिछले साल जुलाई में नागपुर की अपनी यात्रा के बारे में बताया था। जिसके बाद नागपुर पुलिस हरकत में आई और आतंकी से पूछताछ की। आतंकी के कबूलनामे के बाद शहर की पुलिस ने आरएसएस मुख्यालय के आसपास सुरक्षा और कड़ी कर दी है और उसके आसपास ड्रोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है।

*स्लीपर सेल की तलाश तेज*
आतंकी ने पूछताछ में कहा कि आरएसएस मुख्यालय की रेकी के लिए नागपुर में जैश के एक स्लीपर सेल को उसकी मदद करनी थी, लेकिन ऐसा नहीं पाया। शेख के बयान के बाद नागपुर पुलिस जैश के उस स्लीपर सेल की तलाश कर रही है। बताया जा रहा है कि जिस स्लीपर सेल को शेख से संपर्क करना था, वह नागपुर हवाई अड्डे पर नहीं उसे दिखा। फिर शेख ने पश्चिम नागपुर के सीताबुल्दी इलाके में एक होटल में चेक इन किया और गूगल मैप्स का उपयोग करके खुद से ही आरएसएस मुख्यालय का पता खोजा।
शेख का इरादा आरएसएस मुख्यालय के चारों ओर छह लेन की रेकी करने का था, लेकिन वह सुरक्षा कर्मियों की भारी उपस्थिति को देखकर पीछे हट गया और आरएसएस मुख्यालय के बहुत करीब जाने की हिम्मत नहीं कर पाया। शेख ने जांचकर्ताओं को बताया है कि उसने रेशमबाग मैदान से गुजरते हुए और किसी के साथ फोन पर होने का नाटक करते हुए भवन का वीडियो बनाया।

*अगली बार नहीं जुटा पाया हिम्मत*
बाद में उसने वीडियो को अपने हैंडलर के साथ व्हाट्सएप पर साझा किया, लेकिन वीडियो की खराब क्वालिटी के चलते उसे डांट सुननी पड़ी। इसके बाद उसे फिर से मौके पर जाने के लिए कहा गया, लेकिन अगली बार वह हिम्मत नहीं जुटा सका। शेख ने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया और मध्य नागपुर में संतरा मार्केट के पास एक मस्जिद में चला गया, जहां वह दिन भर रुका और शाम को होटल लौट आया। 15 जुलाई को शेख नागपुर-दिल्ली-श्रीनगर फ्लाइट से कश्मीर लौटा।
पुलिस आयुक्त (सीपी) अमितेश कुमार ने कहा कि शेख गरीब पृष्ठभूमि से आता है। जैश-ए-मोहम्मद में काम करने वाले उसके एक दोस्त की सिफारिश पर ही उसे संगठन में एंट्री मिली थी। शेख को लगने लगा था कि आतंकी संगठन के लिए काम करके वो कुछ पैसा कमा लेगा। गौरतलब है कि शेख का दोस्त हाल ही में जम्मू कश्मीर में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया है।.

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