जैसलमेर की राजनीति में पहली बार ‘भगवा’ की एंट्री, महंत लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव
राजस्थान विधानसभा चुनाव में जैसलमेर से इस बार महंत बालभारती निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। भाजपा की ओर से उन्हें टिकट नहीं देकर जैसलमेर के दो बार के विधायक रहे छोटूसिंह भाटी पर विश्वास जताया है। जिसके चलते उन्होंने निदालीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है। जिसने भाजपा के साथ ही कांग्रेस की भी चिंताएं बढ़ा दी है।
जैसलमेर : विधानसभा चुनाव 2023 का आगाज हो चुका है। सभी राजनीतिक दल अपने जिताऊ उम्मीदवार को मैदान में उतार रहे है। ऐसे में बागी समीकरण ना बिगाड़ दे, इसको लेकर भी पार्टियां बागियों को मनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। चुनावी मैदान में भाजपा की बात करें तो भाजपा हिंदुत्व के एजेंडे का कार्ड लिए नजर आती है। ऐसे में राजस्थान के इस चुनाव में भी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ हो या अलवर से सांसद बालक नाथ,सभी जनता में भाजपा के ब्रांड एम्बेसडर बने हुए हैं। भाजपा ने राजस्थान के योगी के नाम से जानें वाले बालकनाथ को तिजारा से चुनावी मैदान में भी उतारा है। वहीं भारत-पाक सीमा पर बसे सरहदी जिले जैसलमेर के एक योगी ने भाजपा के खिलाफ बगावत के सुर तेज कर निर्दलीय ताल ठोक दी है। जिसने भाजपा के साथ ही कांग्रेस की भी चिंताएं बढ़ा दी है।
भाजपा से बागी हो महंत ने भरी निर्दलीय हुंकारदरअसल जैसलमेर की चमत्कारी मठ गजरूप सागर के मठाधीश महंत बालभारती जहां बीते लंबे समय से भाजपा से अपनी दावेदारी जता रहे थे और जनसंपर्क कर रहे थे। ऐसे में भाजपा की ओर से उन्हें टिकट नहीं देकर जैसलमेर के दो बार विधायक रहे छोटूसिंह भाटी पर विश्वास जताया है। जिससे महंत पार्टी से नाराज हो गए और उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
मूल ओबीसी ने महंत को दिया समर्थनमहंत बाल भारती को मूल ओबीसी के जिलाध्यक्ष अचलाराम ने अपना पूर्ण समर्थन दिया है। जिससे अब जैसलमेर का चुनाव रोचक होता दिख रहा है। बता दें कि जैसलमेर विधानसभा में करीब अढाई लाख वोटर्स हैं, जिसमें 85 हजार के करीब मूल OBC के वोटर्स हैं। महंत का कहना है कि उनके साथ मूल ओबीसी के साथ ही 36 कौम के लोग हैं और वह जनता के आशीर्वाद से निर्दलीय ही चुनाव जीतेंगे। ऐसे में महंत के निर्दलीय ताल ठोकने से कांग्रेस और भाजपा के नेताओं की चिंताएं बढ़ गई है।
जैसलमेर विधानसभा में पहली बार महंत की एंट्रीजैसलमेर विधानसभा में ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई महंत चुनावी मैदान में उतरा है। ऐसे में जहां कांग्रेस से रुपाराम धनदेव और भाजपा से छोटूसिंह भाटी ने अपना नामांकन दर्ज करवाया। वहीं दोनों के नामांकन दर्ज के बाद महंत की निर्दलीय एंट्री ने सभी को चौंका दिया है।
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