जॉनी वॉकर ब्लैक लेबल और Chivas Regal के शौकीनों की होगी बल्ले-बल्ले, कम होने जा रहे दाम, मिलेंगी इतनी सस्ती
Johnnie Walker: अगर आप जॉनी वॉकर, सिवाज रीगल पीने के शौकीन हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। अब आने वाले समय में इनकी कीमतें कम हाे सकती हैं। ऐसा फ्री ट्रेड एग्रीमेंट यानी FTA की वजह से होगा। दरअसल भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट प्रस्तावित है।
हाइलाइट्स
- भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट यानी एफटीए प्रस्तावित है
- एग्रीमेंट होने पर जॉनी वॉकर और सिवाज रीगल की कीमतों पर असर पड़ेगा
- बोतलबंद और कास्क व्हिस्की दोनों के लिए आयात शुल्क कम हो सकता है
नई दिल्ली: जाम छलकाने के शौकीनों के लिए खुशखबरी है। अगर आप स्कॉच यानी कि जॉनी वॉकर (Johnnie Walker), सिवाज रीगल (Chivas Regal) पीना पसंद करते हैं तो अब आपको ये सस्ती कीमतों पर मिल सकती हैं। दरअसल भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट यानी एफटीए प्रस्तावित है। अगर दोनों देशों के बीच इस एग्रीमेंट पर मुहर लग गई तो इसका असर जॉनी वॉकर और सिवाज रीगल की कीमतों पर पड़ेगा। इनके दाम कम हो जाएंगे। असल में इस एग्रीमेंट के बाद भारत और ब्रिटेन के बीच जॉनी वॉकर ब्लैक लेबल और सिवास रीगल जैसे फेमस ब्रॉन्ड्स के शिपमेंट में इजाफा हो सकता है। यह फ्री ट्रेड एग्रीमेंट अपने अंतिम चरण में है।
आयात शुल्क होगा कम
इसमें बोतलबंद स्कॉच के लिए न्यूनतम आयात प्राइस (Minimum Import Price) शामिल होने की उम्मीद है। इसके बोतलबंद और कास्क व्हिस्की, दोनों के लिए आयात शुल्क (Import Duty) कम हो सकता है। बता दें कि भारत और ब्रिटेन के बीच एफटीए पर 11वें दौर की बातचीत हाल ही में खत्म हुई है। इस बातचीत में शामिल होने के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल लंदन गए थे।
बता दें कि पहले यह समझौता पिछले साल दीपावली से पहला पूरा होना का लक्ष्य रखा गया था। हालांकि, ब्रिटेन में राजनीतिक अस्थिरता के कारण यह टल गया था। इसके बाद एक बार फिर से दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत शुरू हुई और भारत-ब्रिटेन के अधिकारी सभी पहलुओं को हल करने के लिए बातचीत कर रहे हैं।
कितनी कम होंगी कीमतें
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस एग्रीमेंट के तहत एमआईपी सीमा से ऊपर बोतलबंद स्कॉच पर इंपोर्ट शुल्क 150 फीसदी से कम होकर 100 फीसदी किया जा सकता है। कास्क पर 75 फीसदी पर आधा शुल्क लगाया जा सकता है। अभी इसपर बातचीत चल रही है। इधर इस एग्रीमेंट की वजह से घरेलू उद्योग की चिंता बढ़ गई है। घरेलू उद्योग सभी 750 मिलीलीटर की बोतल पर 5 फीसदी की एमआईपी पर जोर दे रहा है। ये एक ऐसा कदम है जिससे देश में ब्रिटेन से स्कॉच का इंपोर्ट काफी बढ़ सकता है।
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