झुंझुनूं में बेधड़क बिक रहा चाइनीज मांझा:प्रशासन की सख्ती के बावजूद बेच रहे; रोक कागजी कार्रवाई तक ही सीमित
शहर में खुलेआम बिक रहा चाइनीज मांझा
झुंझुनूं शहर में चाइनीज मांझा खुले आम बेचा जा रहा है। बच्चे इसको खरीद भी रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इससे बेखबर हैं। जबकि इस मांझे से कई हादसे होने के बाद इसे बेचने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन झुंझुनूं में इसकी खुलेआम बिक्री को रोकने के लिए प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। कस्बे के बाजारों की कई दुकानों पर चरखे खुले आम रखे हैं। तीन सौ रुपए से चार सौ के बीच इनकी अच्छी बिक्री हो रही है। पिछली साल चाइनीज मांझे से शहर में कई हादसे हुए थे।
पतंग बाजी का युवाओं में उत्साह
परिंदों के लिए भी जानलेवा
चाइनीज मांझा परिंदों के लिए भी जानलेवा बन रहा है। मकर संक्रांति पर तो सैकड़ों परिंदे घायल होते हैं। पिछले वर्ष कस्बे में भी कई पंरिदे इस मांझे की चपेट में आकर घायल हो चुके हैं। पिछली बार कई लोग चपेट में भी आए थे। यह मांझा इतना खतरनाक है कि इससे आदमी की जान तक जा रही है। यह इतना तेज होता है कि अगर तेजी से व्यक्ति इसकी चपेट में आ जाए तो स्किन को चीरता हुआ निकल जाता है। प्लास्टिक मांझे से हुए जानलेवा हादसों के बाद से ही इस पर पूरी तरह रोक लगा दी थी, लेकिन शहर में इसकी बिक्री को देखकर यह रोक केवल कागजी ही नजर आ रही है।
गांवों और कस्बों में भी आपूर्ति
झुंझुनूं में बड़ी मात्रा में डोर, पतंग व चायनीज मांजे की आपूर्ति होती है। फिर यहां के एक दो थोक पतंग मांझा व्यापारी कस्बे के विभिन्न गांव कस्बों में भी आपूर्ति करते हैं। यहां से आस पास के गांवों में छोटे दुकानदारों को चाइनीज मांझे की आपूर्ति की जाती है।
इधर प्रशासन के अधिकारी भी चाइनीज मांझे की बिक्री पर रोक के लिए प्रभावी रोक की तैयारी का दावा कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि किसी भी स्थिति में चाइनीज मांझे की बिक्री नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए विभाग को भी कार्रवाई के लिए सतर्क किया जा रहा है।
लाखों रुपए का होता व्यापार
कस्बे में पतंगबाजी का दौर शुरू होने के साथ ही पतंग के थोक व खुदरा व्यापारी सक्रिय हो गए हैं। कई दुकानदारों ने पतंग मांजे का स्टॉक कर लिया है, बिक्री भी शुरू हो गई है। कुछ पतंग विक्रेताओं का कहना है कि कस्बे में मकर संक्रांति के अवसर पर करीब लाखों रुपए का व्यापार होता है। इसमें आधी व्यापार चाइनीज मांझे का होता है।
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