टेस्ट में मार्क कम आने से नहीं होते थे परेशान:जेईई मेन टॉपर्स ने बताए अपने सक्सेस मंत्र, बोले- टेस्ट से ही खुद का एनालिसिस होता है
टेस्ट में मार्क कम आते तो परेशान नहीं होते थे
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई-मेन 2024 के जनवरी सेशन का परिणाम जारी कर दिया। परिणामों में कोटा कोचिंग के स्टूडेंटस ने श्रेष्ठता साबित की है। परिणामों के अनुसार कोटा में एलन के 6 क्लासरूम स्टूडेंट्स ने ओवरआल 100 पर्सेन्टाइल स्कोर किया है। इसमें 4 स्टूडेंट्स ने परफेक्ट स्कोर 300 में से 300 अंक प्राप्त किए हैं। परफेक्ट स्कोर करने वालों में कोटा कोचिंग के क्लासरूम स्टूडेंट हिमांशु, आदित्य कुमार, नीलकृष्णा और दक्षेश मिश्रा हैं। इनके साथ ही इशान गुप्ता व मीत विक्रम भाई ने भी 100 पर्सेन्टाइल स्कोर किया है। छात्रा द्विजा धर्मेश कुमार पटेल ने गर्ल कैटेगरी में आल इंडिया टॉप किया है। यह परीक्षा 24 जनवरी से 1 फरवरी तक हुई। 24 जनवरी को बीआर्क के लिए एक शिफ्ट में परीक्षा हुई। 27 जनवरी से 1 फरवरी के मध्य 5 दिनों में 10 शिफ्टों में बीई-बीटेक के लिए परीक्षा हुई।
हिमांशु ने जेईई मेन परीक्षा में 100 पर्सेन्टाइल एवं परफेक्ट स्कोर 300 में से 300 अंक प्राप्त किए।
छोटे लक्ष्य बनाता हूं और मेहनत करता हूं – हिमांशु
स्टूडेंट हिमांशु ने जेईई मेन परीक्षा में 100 पर्सेन्टाइल एवं परफेक्ट स्कोर 300 में से 300 अंक प्राप्त किए हैं। हिमांशु ने इससे पूर्व दसवीं कक्षा 87 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की थी। हिमांशु ने बताया कि मैं रोजाना 7 से 8 घंटे सेल्फ स्टडी करता हूं। इसके अलावा टेस्ट में मार्क्स कम आने से हताश नहीं होता। इसके विपरीत मैं मोटिवेट होता हूं, लक्ष्य निर्धारित करता हूं कि अगले टेस्ट में कड़ी मेहनत करके अच्छे अंक हासिल करने हैं। जेईई मेन और जेईई एडवांस्ड राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाएं हैं, जिसमें छोटे-छोटे लक्ष्य निर्धारित कर के ही आप बड़ा लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। फिलहाल मेरा लक्ष्य 12वीं बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक और जेईई एडवांस में अच्छी रैंक हासिल करना है ताकि आईआईटी मुंबई की सीएस ब्रांच में एडमिशन मिल सके। मेरी बड़ी बहन निष्ठा गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज भरतपुर से एमबीबीएस कर रही है, जबकि एक बहन निकिता नीट की तैयारी कर रही है।
आदित्य ने बताया कि मैं रोजाना 8 से 9 घंटे सेल्फ स्टडी करता हूं। कोचिंग में समय-समय पर जो टेस्ट होते थे, उनको लेकर काफी सीरियस रहता था।
कोचिंग टेस्ट को लेकर सीरियस रहा- आदित्य कुमार
दो साल से क्लास रूम स्टूडेंट आदित्य कुमार ने 100 पर्सेन्टाइल व परफेक्ट स्कोर 300 हासिल किया है। पिता प्रकाश कुमार और मां मीनू प्रभा का खुद का स्टार्ट अप है। आदित्य ने बताया कि मैं रोजाना 8 से 9 घंटे सेल्फ स्टडी करता हूं। कोचिंग में समय-समय पर जो टेस्ट होते थे, उनको लेकर काफी सीरियस रहता था, क्योंकि टेस्ट से ही आप खुद का एनालिसिस कर पाते हो। अगर किसी टेस्ट में मार्क्स कम आते थे तो कोशिश रहती थी कि अगले टेस्ट में उन गलतियों को दोबारा नहीं दोहराऊं। इससे पहले 10वीं कक्षा 97.8 प्रतिशत अंकों से पास की थी। फिलहाल 12वीं बोर्ड और जेईई एडवांस्ड पर फोकस है। मैं आईआईटी मुम्बई की सीएस ब्रांच से बीटेक करने के बाद एस्ट्रोफिजिक्स के क्षेत्र में जाना चाहता हूं।
जेईई मेन परीक्षा में 100 पर्सेन्टाइल स्कोर एवं परफेक्ट स्कोर 300 में से 300 अंक हासिल किए
लगातार सवालों की प्रेक्टिस की- दक्षेश मिश्रा
पिछले तीन साल से रेगुलर क्लास रूम स्टूडेंट दक्षेश मिश्रा ने जेईई मेन परीक्षा में 100 पर्सेन्टाइल स्कोर एवं परफेक्ट स्कोर 300 में से 300 अंक हासिल किए हैं। दक्षेश ने इससे पहले दसवीं कक्षा 98 प्रतिशत अंकों से पास की है। उसने बताया कि मैं रोजाना 10 से 12 घंटे सेल्फ स्टडी करता हूं। दक्षेश ने अपना स्टडी प्लान शेयर करते हुए बताया कि मैं पूरी तरह एनसीईआरटी सिलेबस पर फोकस करता हूं। लगातार सवालों की प्रैक्टिस करता हूं क्योंकि इससे कॉन्फिडेंस लेवल मजबूत होता है। लास्ट टाइम में रिवीजन सबसे महत्वपूर्ण है। फिलहाल 12वीं बोर्ड एग्जाम और जेईई एडवांस्ड पर पूरा फोकस है। आईआईटी मुंबई की सीएस ब्रांच से बीटेक करने का सपना है। दक्षेश के पिता संजय मिश्रा इंजीनियर हैं और मां सुनीता मिश्रा टेलीकॉम सेक्टर में कार्यरत हैं।
आईआईटी मुंबई की सीएस ब्रांच से बीटेक करने का सपना है।
कंसेप्ट क्लियर होना बहुत जरूरी है – नीलकृष्णा
स्टूडेंट नीलकृष्णा ने जेईई-मेन में 100 पर्सेन्टाइल स्कोर एवं परफेक्ट स्कोर 300 में से 300 अंक हासिल किए हैं। नीलकृष्णा ने इससे पहले दसवीं कक्षा 97 प्रतिशत अंकों से पास की है। कृष्णा ने बताया कि मैं रोजाना 10 से 12 घंटे सेल्फ स्टडी करता हूं। फिलहाल 12वीं बोर्ड एग्जाम और जेईई एडवांस्ड पर पूरा फोकस है। टेस्ट देने के बाद पेपर का एनालिसिस करता हूं। कमजोर टॉपिक पर विशेष फोकस रहता है। जेईई जैसे एग्जाम को क्लियर करने के लिए कंसेप्ट क्लियर होना बहुत जरूरी है। इसके अलावा एक से ज्यादा बार रिवीजन और सवालों की बार-बार प्रैक्टिस करता हूं। आईआईटी मुंबई की सीएस ब्रांच से बीटेक करने का सपना है। नीलकृष्णा के पिता किसान हैं।
Add Comment