तालिबान बोला- हमें मंदिरों से ऐतराज नहीं:TTP के गढ़ वजीरिस्तान में मंदिर बनेगा; यहां खुशी से रह रहे 60 हिन्दू परिवार
अफगान सीमा से सटे पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान में मीरनशाह में रहने वाले 60 हिंदू परिवारों के लिए मंदिर बनाया जाएगा। ये इलाका पाक सेना और सरकार के नाक में दम करने वाले आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का गढ़ है।
पाक फौज पिछले 10 साल से यहां प्रतिबंधित TTP के साथ मुठभेड़ में शामिल रही है। मीरनशाह में TTP की समानांतर सरकार को भी मंदिर बनने से कोई ऐतराज नहीं है। उत्तरी वजीरिस्तान के सांसद मोहसिन दावार ने बताया कि मंदिर के लिए जमीन का चयन कर लिया गया है। जल्द ही मंदिर निर्माण के लिए बजट भी आवंटित होगा।
TTP के नेतृत्व में हिन्दूओं का ध्यान रखा जा रहा
तालिबान के एक कमांडर ने बातचीत में कहा कि हिंदू परिवारों की रक्षा और उनकी मान्यताओं का ख्याल रखा जा रहा है। हम पंचायत में अर्जी देते हैं, तालिबान समस्याओं का समाधान भी करता है। अनिल का कहना है कि यहां पर TTP के दबदबे से हिंदुओं को कभी परेशानी नहीं हुई।
उन्होंने बताया कि तालिबानी पंचायत में हम TTP के कमांडरों को अपनी समस्याओं की अर्जी देते हैं और उनका समाधान भी होता है। अन्य राज्यों में हिंदू परिवारों पर हमले और मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाओं के बावजूद वजीरिस्तान में ऐसा नहीं है। अनिल का कहना है कि हम यहां पर सुरक्षित महसूस करते हैं। मीरनशाह में अपना कारोबार भी कर सकते हैं।
पंजाब-सिंध का हाल; तीन साल में 12 मंदिरों पर हमले
पाक के सिंध और पंजाब प्रांत में तीन साल के दौरान 12 मंदिरों पर हमलों की घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें पंजाब के रावलपिंडी में 100 साल पुराने मंदिर, जबकि सिंध के नगारपारकर में श्रीराम मंदिर पर हमला शामिल है।
‘पूजा-अर्चना के लिए 150 किमी दूर जाते हैं, अब आसानी होगी’
मीरनशाह की इबरती देवी का कहना है कि यहां अब तक कोई बड़ा मंदिर नहीं है। लोगों को डेढ़ सौ किमी दूर दक्षिण वजीरिस्तान के वाना शहर जाना पड़ता है। काफी समय से यहां पर मंदिर बनाने की मांग की जा रही थी। अब उन्हें वाना नहीं जाना पड़ेगा। एक अन्य वृद्धा जमीला चंद का कहना है कि विभाजन के वक्त कुछ हिंदू परिवार भारत चले गए थे, लेकिन ज्यादातर यहीं रहे। स्थानीय लोगों ने किसी भी हिंदू परिवार की संपत्ति पर कब्जा नहीं किया था।
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