तेजस के पायलट ने बचाई 4 हजार लोगों की जान:कॉलोनी से 500 मीटर पहले हॉस्टल पर गिरा था फाइटर प्लेन
जैसलमेर
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राजस्थान के पोकरण में मंगलवार को ‘भारत शक्ति’ युद्धाभ्यास में शामिल होकर लौटते समय फाइटर जेट तेजस क्रैश हो गया। फायरिंग रेंज में प्रदर्शन के महज 10 मिनट बाद ही तेजस के इंजन में तकनीकी खराबी आ गई।
तेजस उड़ा रहे पायलट ने न केवल खुद की जान बचाई, बल्कि सूझबूझ से 4 हजार से ज्यादा आबादी वाली कॉलोनी पर गिरने का खतरा टालने में भी कामयाब रहे।
फाइटर जेट जैसलमेर एयरपोर्ट से 2 किलोमीटर और आबादी वाली कॉलोनी से महज 500 मीटर पहले एक स्टूडेंट हॉस्टल पर गिरा। गनीमत रही कि, हादसे के समय बच्चे बाहर थे। 23 साल के इतिहास में स्वदेशी तेजस के क्रैश होने की यह पहली घटना है।
देश में बने हाईटेक 11 वेपन का युद्धाभ्यास कर रहीं थीं तीनों सेनाएं
एशिया की सबसे बड़ी फील्ड फायरिंग रेंज में मंगलवार को तीनों सेनाएं (आर्मी, नेवी और एयरफोर्स) स्वदेशी वेपन से ‘भारत शक्ति’ युद्धाभ्यास में हथियारों की क्षमता दिखा रही थीं। इस युद्धाभ्यास को देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मंगलवार दोपहर जैसलमेर जिले के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में पहुंचे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित करीब 300 सैन्य अधिकारी भी वहां मौजूद थे। युद्धाभ्यास में उन 11 एडवांस हथियारों का प्रदर्शन किया जा रहा था, जो किसी जमाने में भारत को विदेश से मंगवाने पड़ते थे।
![हेलिकॉप्टर से नीचे उतरते कमांडो।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/03/12/00001_1710260266.gif)
हेलिकॉप्टर से नीचे उतरते कमांडो।
ध्रुव हेलिकॉप्टर के बाद तेजस की बारी थी
पोकरण फायरिंग रेंज में ‘भारत शक्ति’ युद्धाभ्यास दोपहर 1.45 मिनट पर शुरू हुआ था। इसमें सबसे पहले एयरफोर्स का लाइट हेलिकॉप्टर ध्रुव-3 मार्क सेना के वाहनों को लेकर मैदान में आया। युद्धाभ्यास में यह वाहन मार्कोस और गरुड़ कमांडो के लिए पहुंचाए गए थे। इसके बाद देश में बने लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट तेजस के प्रदर्शन की बारी थी।
PM के सामने- दो तेजस ने दुश्मन के टैंक तबाह किए
फायरिंग रेंज में प्रदर्शन के दौरान दो तेजस फाइटर प्लेन ने आते ही कुछ ही सेकेंड में दुश्मन के फ्यूल ड्रम्स, ब्रिज, कमांड सेंटर को बर्बाद कर दिया। आर्मी में इसे एयर कोऑर्डिनेट ऑपरेशन कहते हैं। इसके बाद तेजस ने फ्लैश फायर (उड़ते एयरक्राफ्ट से आग निकालना) का प्रदर्शन किया।
![पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में ‘फ्लैश फायर’ करता तेजस।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/03/12/whatsapp-image-2024-03-12-at-72353-pm_1710260210.jpeg)
पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में ‘फ्लैश फायर’ करता तेजस।
तेजस ने 18 किलोमीटर तक हिट किए दुश्मन के ठिकाने
दुश्मन पर हमले के लिए तेजस के साथ सर्विलांस सैटेलाइट के अलावा 200 मीटर दूरी तक के ट्रिनिटी एफ-90 प्लस ड्रोन भी मौजूद थे। ये सर्विलांस ड्रोन (सर्वे ग्रेड ड्रोन) कहलाते हैं, जो दिन हो या रात, दुश्मन के ठिकानों की एकदम सटीक जानकारी देते हैं। ड्रोन ने एक नेटवर्क सिस्टम में ऑपरेट करते हुए दुश्मन की सटीक लोकेशन हेड क्वार्टर को भेजी।
इन्फॉर्मेशन मिलते ही तेजस ने 18 किलोमीटर की रेंज तक दुश्मन के टारगेट को पिनाका रॉकेट लॉन्चर से रॉकेट दागकर तबाह कर दिया। तेजस के बाद दुश्मन की लोकेशन बताने वाले ड्रोन ने भी प्रदर्शन किया था।
…10 मिनट बाद लैंड करते समय हुआ हादसा
युद्धाभ्यास में दोनों तेजस ने अपना प्रदर्शन किया। इसके बाद युद्धाभ्यास वाले स्थान से 100 किलोमीटर दूर जैसलमेर एयरपोर्ट पर बने सेना के रनवे पर लैंड करना था।
![तस्वीरों के जरिए समझिए कैसे क्रैश हुआ तेजस।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/03/12/03-2_1710259631.gif)
तस्वीरों के जरिए समझिए कैसे क्रैश हुआ तेजस।
तेजस और रनवे में महज डेढ़ से दो किलोमीटर की ही दूरी बची थी। दोपहर करीब सवा दो बजे लैंड करने से कुछ क्षण पहले ही तेजस में अचानक तकनीकी खराबी आ गई। इस पर पायलट ने सेफ इजेक्ट कर दिया और फाइटर जेट तेजस जैसलमेर शहर से 2 किमी दूर जवाहर नगर स्थित भील समाज के हॉस्टल पर जा गिरा।
तेजस के क्रैश होने के बाद टायर बाहर निकले हुए थे। इससे संभावना है कि तेजस का पायलट हादसे से पहले लैंड करने की तैयारी कर रहा था, लेकिन लैंड करने से पहले ही कुछ तकनीकी खराबी आ गई और प्लेन क्रैश हो गया। हॉस्टल से महज डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर एयरपोर्ट का रनवे है।
पायलट की सूझबूझ से टल गया बड़ा हादसा
तेजस फाइटर प्लेन भील समाज के हॉस्टल पर क्रैश हुआ। जिस जगह हादसा हुआ है, उससे महज 500 मीटर पहले लक्ष्मीचंद सावल कॉलोनी है। अगर प्लेन इस कॉलोनी में क्रैश होता तो उस समय अधिकतर लोग अपने घरों में थे। स्थानीय लोगों के अनुसार इस कॉलोनी में 4 हजार से अधिक लोग रहते हैं।
![कॉलोनी के पीछे का हिस्सा जहां हॉस्टल की दीवार लगती है।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/03/12/21_1710259652.gif)
कॉलोनी के पीछे का हिस्सा जहां हॉस्टल की दीवार लगती है।
अगर प्लेन कॉलोनी में चला जाता तो कितनी जानें जातीं इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है, लेकिन पायलट की सजगता से प्लेन कॉलोनी से 500 मीटर दूर पर स्थित हॉस्टल की दीवार पर जाकर क्रैश हुआ। यह भी संयोग ही रहा कि हॉस्टल से जब प्लेन टकराया, उस समय वहां कोई नहीं था। स्थानीय लोगों में भी चर्चा है कि शायद पायलट ने हॉस्टल के सामने खाली मैदान देखकर तेजस को डायरेक्शन दी होगी।
![जैसलमेर स्थित भील समाज के हॉस्टल से 1 किलोमीटर दूर लक्ष्मीचंद सावल कॉलोनी के पास पायलट सुरक्षित मिला।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/03/12/whatsapp-image-2024-03-12-at-32312-pm1710237644_1710260381.jpeg)
जैसलमेर स्थित भील समाज के हॉस्टल से 1 किलोमीटर दूर लक्ष्मीचंद सावल कॉलोनी के पास पायलट सुरक्षित मिला।
हादसे के समय कमरे में कोई नहीं था
1850 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से उड़ने वाला तेजस मार्क-1 अपनी पूरी गति में था। लैंड होने के दौरान स्पीड और भी ज्यादा होती है। तेजस जिस हॉस्टल के कमरे से टकराया वो पूरा का पूरा तहस-नहस हो गया। गनीमत ये रही कि उस समय कमरे में कोई स्टूडेंट नहीं था।
भील समाज हॉस्टल के पास में ही मेघवाल समाज का हॉस्टल बना हुआ है। हॉस्टल निवासी गिराधारी लाल ने बताया- भील समाज के इस हॉस्टल में पांच कमरे बने हुए हैं। जिस कमरे में फाइटर जेट गिरा है, वहां करीब 15 बच्चे रहते हैं। बच्चे सुबह 7 बजे बाहर चले गए थे। इसलिए कोई हताहत नहीं हुआ है।
भील समाज के हॉस्टल से 500 मीटर दूर लक्ष्मीचंद सावल कॉलोनी के पास पायलट सुरक्षित मिला। पायलट को आर्मी हॉस्पिटल ले जाया गया।
![घटना को लेकर एयरफोर्स ने X पर पोस्ट कर जानकारी दी है।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/03/12/capturedddd_1710260034.jpg)
घटना को लेकर एयरफोर्स ने X पर पोस्ट कर जानकारी दी है।
सेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के दिए आदेश
जैसलमेर शहर से 2 किमी दूर जवाहर कॉलोनी में तेजस फाइटर जेट के क्रैश होने की घटना को लेकर सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए हैं। वहीं एक टीम फाइटर प्लेन के ब्लैक बॉक्स की भी तलाश कर रही है। ब्लैक बॉक्स से ही सेना पता लगा पाएगी कि फाइटर प्लेन में क्या खराबी आई।
23 साल में तेजस के क्रैश होने की पहली घटना
देश में बने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस मार्क-1 फाइटर प्लेन के क्रैश होने की यह पहली घटना है। इस समय भारतीय वायु सेना के बेड़े में जो टॉप फाइटर जेट हैं, उनमें सुखोई Su-30MKI, राफेल, मिराज, MiG-29 के बाद तेजस का नाम आता है। तेजस में बेहद कम जगह यानी 460 मीटर के रनवे पर टेक ऑफ करने की क्षमता है।
यह फाइटर जेट इन चारों में ही सबसे ज्यादा हल्का, महज 6500 किलो का है। पिछले पांच दशकों में 400 से ज्यादा MiG-21 विमानों के क्रैश होने की वजह से भारत सरकार इसे रिप्लेस कर तेजस को शामिल किया था, लेकिन तेजस के क्रैश होने की घटना ने हैरान कर दिया है।
तेजस का 1983 से शुरू हुआ था सफर
1983 में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) प्रोजेक्ट के तहत तेजस का निर्माण शुरू हुआ और 4 जनवरी 2001 को इसने पहली उड़ान भरी थी। वैज्ञानिक डॉ. कोटा हरिनारायण और उनकी टीम ने इस स्वदेशी लड़ाकू विमान को विकसित किया था।
2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे तेजस नाम दिया। साल 2007 में नौसेना के विमानवाहक पोतों के लिए तेजस फाइटर जेट बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। वर्ष 2016 में पहले दो तेजस विमानों को वायु सेना के स्क्वॉड्रन में शामिल किया गया। 2021 में तेजस को आधिकारिक रूप से भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया।
साल 2017 में रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को 83 तेजस विमानों का ऑर्डर दिया। इनमें से 73 तेजस मार्क 1ए और 10 तेजस मार्क 1ए ट्रेनर विमान हैं। लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस एक मल्टी टास्किंग लड़ाकू विमान है। तेजस अपनी श्रेणी में सबसे छोटा और हल्का विमान है। 2016 में तेजस को शामिल करने वाला पहला IAF स्क्वॉड्रन नंबर 45 स्क्वॉड्रन, ‘फ्लाइंग डैगर्स’ था।
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