NATIONAL NEWS

दिव्य ज्योति सेवा संस्थान को ‘बेस्ट NGO ऑफ़ द ईयर 2024’ का सम्मान

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

दिव्य ज्योति सेवा संस्थान को ‘बेस्ट NGO ऑफ़ द ईयर 2024’ का सम्मान

जयपुर, 23 नवम्बर 2024: दिव्य ज्योति सेवा संस्थान द्वारा संचालित ‘दिव्य ज्योति दृष्टिबाधित कन्या शिक्षण संस्थान एवं पुनर्वास केंद्र’ जयपुर को दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में EU MEDIA द्वारा ‘बेस्ट NGO ऑफ़ द ईयर 2024’ का पुरस्कार प्रदान किया गया। यह सम्मान संस्था को दृष्टिबाधित छात्राओं के लिए किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए दिया गया है। इस सम्मान से संस्था की मेहनत और समर्पण को मान्यता मिली है, जो वह समाज के दृष्टिबाधित वर्ग के उत्थान के लिए लगातार करती आ रही है।

समारोह का आयोजन और पुरस्कार वितरण

दिल्ली के एक प्रमुख होटल में आयोजित इस सम्मान समारोह में देश भर के कई प्रतिष्ठित एनजीओ के प्रतिनिधि और समाजसेवी उपस्थित थे। समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में यूरोपीय संघ के वरिष्ठ प्रतिनिधि और भारत में सामाजिक कार्यों के लिए सक्रिय नामचीन हस्तियां मौजूद थीं। दिव्य ज्योति सेवा संस्थान की संस्थापक और प्रमुख रेनू शर्मा को यह पुरस्कार प्राप्त हुआ। पुरस्कार प्राप्ति के बाद रेनू शर्मा ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, “यह सम्मान हम सभी के लिए एक प्रेरणा है। हमारी संस्था का मुख्य उद्देश्य दृष्टिबाधित छात्राओं को समाज की मुख्य धारा से जोड़ना है। हम इस दिशा में निरंतर काम कर रहे हैं और आगे भी इस मिशन को जारी रखेंगे।”

दिव्य ज्योति दृष्टिबाधित कन्या शिक्षण संस्थान का योगदान

दिव्य ज्योति दृष्टिबाधित कन्या शिक्षण संस्थान एवं पुनर्वास केंद्र ने पिछले कुछ वर्षों में न केवल दृष्टिबाधित छात्राओं को शिक्षा प्रदान करने का कार्य किया है, बल्कि उन्हें जीवन के विभिन्न पहलुओं में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए हैं। यहां दृष्टिबाधित लड़कियों को Braille पढ़ाई, कम्प्यूटर शिक्षा, कुकिंग, हैंडक्राफ्ट, सिलाई-कढ़ाई जैसे कौशल सिखाए जाते हैं, ताकि वे अपने पैरों पर खड़ा हो सकें और समाज में सम्मानजनक स्थान बना सकें।

संस्थान ने विशेष रूप से यह सुनिश्चित किया है कि छात्राओं को न केवल शैक्षिक दृष्टि से, बल्कि मानसिक और शारीरिक दृष्टि से भी एक सशक्त मंच मिले। वे विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेकर आत्मविश्वास विकसित कर रही हैं। इसके अलावा, संस्था द्वारा समय-समय पर आयोजित किए गए स्वास्थ्य शिविर और मानसिक सशक्तिकरण कार्यक्रम भी छात्राओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में मददगार साबित हुए हैं।

संस्था का उद्देश्य और भविष्य की दिशा

संस्था की संस्थापक रेनू शर्मा ने कहा कि यह पुरस्कार केवल संस्था की मेहनत का प्रतीक नहीं है, बल्कि समर्पण, कठिनाईयों का सामना करने की शक्ति और समाज में बदलाव लाने के संकल्प का प्रमाण भी है। उनका मानना है कि दृष्टिबाधित छात्राओं को सिर्फ शिक्षा देने से ज्यादा, उन्हें समाज में बराबरी का हक देना और उनकी छिपी हुई क्षमताओं को पहचानना बहुत जरूरी है।

रेणू शर्मा ने आगे कहा, “हमारा उद्देश्य केवल दृष्टिबाधित छात्राओं को शिक्षा देना नहीं है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि वे समाज में किसी भी कठिनाई का सामना कर सकें। हम आगे भी इस दिशा में काम करना जारी रखेंगे और अधिक से अधिक दृष्टिबाधित बच्चों को अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे।”

समाज में जागरूकता और समर्थन की आवश्यकता

दिव्य ज्योति सेवा संस्थान की यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि यदि किसी संस्था को सही दिशा और समर्पण से काम करने का अवसर मिले, तो वह समाज में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। दृष्टिबाधिता के बावजूद, इन छात्राओं को सशक्त बनाकर समाज में उनकी अहम भूमिका स्थापित करना बहुत महत्वपूर्ण है। रेनू शर्मा का मानना है कि दृष्टिबाधित समुदाय के लिए समाज में और अधिक जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है, ताकि वे भी मुख्यधारा में अपनी जगह बना सकें।

संस्था ने अब तक सैकड़ों दृष्टिबाधित छात्राओं को शिक्षा और पुनर्वास के माध्यम से जीवन में सफलता हासिल करने का अवसर प्रदान किया है, और आने वाले समय में यह संख्या और बढ़ाने की योजना है।

यह पुरस्कार दिव्य ज्योति सेवा संस्थान के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो समाज में दृष्टिबाधित वर्ग के अधिकारों के लिए निरंतर संघर्ष कर रहा है।

समाज में बदलाव की दिशा में और अधिक कदम उठाने की आवश्यकता

इस सफलता के साथ-साथ दिव्य ज्योति सेवा संस्थान की संस्थापक रेनू शर्मा ने समाज से अपील की है कि हमें दृष्टिबाधित व्यक्तियों के प्रति अपनी सोच और दृष्टिकोण में बदलाव लाने की आवश्यकता है। उनका मानना है कि यदि समाज इस दिशा में एकजुट होकर कार्य करे, तो समाज में हर वर्ग को समान अवसर मिल सकते हैं, और वे अपनी पूरी क्षमता के साथ जीवन जी सकते हैं।

यह पुरस्कार संस्था की न केवल समर्पण और मेहनत को सम्मानित करता है, बल्कि यह हमारे समाज में बदलाव की दिशा में उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों का प्रतीक भी है।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!