राजस्थान में 7 IAS ,4 IAS विशेषाधिकारी अफसरों के तबादले, राज्यपाल के प्रमुख शासन सचिव का तबादला निरस्त
राजस्थान में गहलोत सरकार ने देर रात 7 आईएएस अफसरों के तबादले किए है। सरकार ने राज्यपाल के प्रमुख शासन सचिव के पद किया सुबीर कुमार का तबादला निरस्त कर दिया है। सुबीर कुमार अपने तबादले से नाखुश थे।
राजस्थान में गहलोत सरकार ने देर रात 7 आईएएस अफसरों के तबादले किए है। सरकार ने राज्यपाल के प्रमुख शासन सचिव के पद किया सुबीर कुमार का तबादला निरस्त कर दिया है। सुबीर कुमार अपने तबादले से नाखुश थे। कार्मिक विभाग द्वार जारी आदेश के अनुसार तीन जिलों के ओएसडी बदले गए है। जबकि एक नए जिले में ओएसडी लगाया गया है। कार्मिक विभाग द्वारा आधी रात को जारी तबादला सूची के अनुसार 3 जिलों के ओएसडी बदले गए है। हरजी लाल अटल अब सांचोर के बजाय नीमकाथान के ओएसडी होंगे। पूजा कुमारी पार्थ नीमकाथान की बजाय सांचोर की ओएसडी बनाई गई है। वहीं, सीताराम जाट अनूपगढ़ के बजाय अब डीडवाना-कुचामान के ओएसडी बनाए गए है। वहीं भानुप्रकाश अटरू को शासन सचिव आयुर्वेद एवं भारती चिकित्सा पद्धति विभाग राजस्थान जयपुर लगाए गए है। जबकि करण सिंह को विशिष्ट शासन सचिव श्रम विभाग लगाया गया है। महेंद्र कुमार पारख क अध्यक्ष, राजस्थान कर बोर्ड लगाया गया है। राजेंद्र सिंह शेखावत को आयुक्त नगर निगम जयपुर हैरिटेज, टीकमचंद बोहरा को मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजस्थान हैरिटेज संरक्षण एवं पदोन्नति प्राधिकरण, अक्षय गोदारा अतिरिक्त आयुक्त वाणिज्यिक कर विभाग और शिल्पा सिंह को मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद जयपुर लगाया गया है।
तबादले से नाखुश थे अफसर
उल्लेखनीय है कि गहलोत सरकार ने 15 मई को 73 आईएएस अफसरों का तबादला किया था। इनमें से कई अफस ऐसे थे जो अपने तबादले से नाखुश बताए जा रहे थे। सरकार ने दूसरी सूची जारी कर एडजस्टमेंट किया है। जबकि आलोग गुप्ता का प्रशासनिक सुधार विभाग और जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग से तबादला निरस्त किया गया है। इन अफसरों ने अपने तबादले से पर नाखुशी जताई थी। माना जा रहा है कि सरकार ने अफसरों की नाराजगी दूर करने के लिए ही इन अफसरों को तबादला किया है।
चुनावी साल में थोक के भाव तबादले
राजस्थान में 8 महीने बाद चुनाव होने वाले है। ऐसे में सीएम गहलोत ने 15 मई को बड़े पैमाने पर अफसरों का तबादला किया था। इनमें आधा दर्जन जिलों के जिला कलेक्टर भी शामिल थे। जिनका सरकार ने तबादला किया था। माना जा रहा है कि विधायकों की डिजायर के आधार पर ही अफसरों के तबादले किए गए है। सीएम गहलोत चुनावी साल होने की वजह से विधायकों को नाराज नहीं करना चाहते हैं।
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