रबी 2020-21 सत्र के दौरान पूरे देश में उर्वरक की उपलब्धता सुविधापूर्ण रही है। इस बीच कोविड -19 प्रकोप से उत्पन्न विभिन्न चुनौतियों के बावजूद उर्वरक का उत्पादन, आयात और वितरण समय पर तथा पर्याप्त रूप से होता रहा है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीएसी एंड एफडब्ल्यू) ने खरीफ 2021 सत्र के लिए राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों के साथ विभिन्न उर्वरकों की आवश्यकता का आकलन किया है और उर्वरक विभाग (डीओएफ) को इससे अवगत कराया गया है। उर्वरक विभाग ने विभिन्न उर्वरक निर्माताओं के साथ मिलकर देश में उर्वरक उत्पादन के लक्ष्य को अंतिम रूप दिया है और इस पर कड़ी निगाह रखी जा रही है।
यूरिया के मामले में मूल्यांकन की जरूरत तथा स्वदेशी उत्पादन के बीच की खाई को पाटने के लिए योजनाबद्ध तरीके से आयात निर्धारित समय पर और पर्याप्त रूप से किया जा रहा है। फॉस्फेटिक और पोटासिक (पी एंड के) उर्वरकों के मामले में, आयात ओजीएल (ओपन और जनरल लाइसेंस) के तहत आते हैं, जिसमें उर्वरक कंपनियां अपनी वाणिज्यिक ज़रूरतों और महत्व के अनुसार मात्रा / कच्चे माल के आधार पर आयात करने के लिए स्वतंत्र हैं।
केंद्रीय मंत्री (रसायन एवं उर्वरक) श्री डी वी सदानंद गौड़ा ने खरीफ 2021 सत्र की तैयारियों का आकलन करने के लिए 15.03.2021 को विभिन्न उर्वरक कंपनियों के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / प्रबंध निदेशकों के साथ समीक्षा बैठक की थी। इस दौरान विभिन्न मुद्दों स्वदेशी उत्पादन, कच्चे माल / तैयार उर्वरकों के अपेक्षित आयात के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। इसी क्रम में उर्वरक सचिव की अध्यक्षता में 01.04.2021 को फॉलो अप बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में विभिन्न उर्वरक कंपनियों ने खरीफ 2021 सीजन के लिए अपनी तैयारियों, वितरण सूची की स्थिति और वितरण की योजना प्रस्तुत की थी। बैठक में उर्वरक उद्योगों द्वारा यह भी बताया गया कि, फॉस्फेटिक और पोटासिक उर्वरकों के कच्चे माल की कीमतें बढ़ गई हैं।
इफको द्वारा मिश्रित उर्वरकों के मूल्य संशोधन के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री (रसायन एवं उर्वरक) श्री डी.वी. सदानंद गौड़ा ने 08.04.2021 को उर्वरक विभाग तथा इफको के प्रतिनिधि व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की और कंपनी को यह सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त सलाह दी गई कि, किसानों को पुराने मूल्यों पर ही डी-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और मिश्रित उर्वरकों का मौजूदा स्टॉक बेचा जाए। इफको द्वारा इस बात की पुष्टि की गई कि, उनके द्वारा लगभग 11.26 लाख मीट्रिक टन उपलब्ध स्टॉक में डीएपी / मिश्रित उर्वरकों को पुरानी दरों पर ही बेचा जायेगा।
उर्वरक सचिव की अध्यक्षता में 09.04.2021 को फिर से एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें पी एंड के उर्वरकों के संबंध में उपलब्धता परिदृश्य की विशेष रूप से समीक्षा की गई थी। कंपनियों को उर्वरकों की आवाजाही जारी रखने की सलाह दी गई है, ताकि खरीफ सत्र के चरम स्तर पर पहुंचने से पहले ही पूर्व स्थिति के वांछित स्तर को प्राप्त किया जा सके। निर्माताओं और आयातकों ने भी लक्षित स्वदेशी उत्पादन और उर्वरकों के आयात को प्राप्त करने के संबंध में आश्वासन दिया है।
सभी कंपनियों के लिए यह स्पष्ट संदेश था कि, हाल के वर्षों में उर्वरक की जितनी सहज उपलब्धता की स्थिति रही है, उसी तरह से ही आगे भी ठोस प्रयासों के माध्यम से जारी रहेगी। फर्टिलाइज़र एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (एफएआई) ने एक विश्लेषण प्रस्तुत किया, जिसमें यह बताया गया कि पहले से ही उपलब्ध कराई गई सूची के अनुसार राज्यों में विभिन्न उर्वरकों के लिए अगले तीन महीनों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त स्टॉक है। सरकार किसानों के हित में उर्वरकों की उपलब्धता और कीमतों की बारीकी से निगरानी कर रही है।
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