कच्चे सफेद धागे से बनी पवित्र रंगीन मौली कलेवा का सफर –
बीकानेर मांगलिक कार्य में जिस प्रकार से श्री प्रथम गजानंद जी गणेश की पूजा होती है ठीक वैसे ही धार्मिक अनुष्ठान पूजा पाठ वह मांगलिक कार्य के लिए कलाई पर रक्षा सूत्र या मौली बांधने का भी विशेष महत्व है। श्राद्ध पक्ष के बाद मांगलिक कार्यों की भरमार पूजा स्थान प्रारंभ हो जाते हैं और ऐसे में बोली की मांग और भर जाती है!
श्री कृष्णा ग्राम उद्योग बीकानेर की संचालिका श्रीमती कृष्णा खत्री द्वारा बीकानेर में निर्मित मौली देशभर में बिक्री के लिए सप्लाई की जाती है।
कृष्णा खत्री ने बताया सफेद कच्चे धागों को कलर करके उनके कोन बनाए जाते हैं और उसके बाद उनके गोल चकरी बनाए जाते हैं और उन्हें कलर किया जाता है कलर करने के बाद उन्हें दो से तीन दिन सुखाया जाता है और सूखने के बाद इनके नाप वजन के हिसाब से गोल गेंद बनाई जाती है और उन पर फिर ब्रांड नाम की स्लिप लगाई जाती है फाइनली वजन के बाद पैकिंग कर सप्लाई हेतु दुकानदारों को ली जाती है इस कार्य में तकरीबन 5 से 7 दिन लग जाते हैं कृष्णा खत्री ने बताया कि उनका यह पुश्तैनी काम है ससुराल में छोटे लेवल पर काम होता था परंतु अब पिछले 10 से 12 साल से इस उद्योग के रूप में विकसित कर 20 से 25 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करवा रही है। कृष्णा खत्री ने बताया कि हम फाइन क्वालिटी का धागा उसे करके और पक्के रंग उच्च क्वालिटी के प्रयोग में लेते हुए पवित्रता से पवित्र धागे का निर्माण करते हैं! कृष्णा खत्री ने बताया हमारी क्वालिटी उत्तम क्वालिटी की है इस काम से वह 15 – 20 महिलाओं सहित 25 लोगों को रोजगार उपलब्ध करवा रही है!
कृष्ण खत्री ने कहा कि मेहनत लगन के साथ किसी काम को किया जाए तो सफलता जरूर मिलती है हमारे ब्रांड के के लिए कोई सेल्स प्रतिनिधि नहीं है ना ही हमारा कोई रिश्तेदार व्यापारिक संपर्क के लिए आप हमें सीधा संपर्क कर सकते हैं हमारे ब्रांड के मिलते जुलते नकली और निम्न क्वालिटी की मौली के साथ कृपया आप भ्रमित ना होवे।
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