नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम किसान योजना की 17वीं किस्त बुधवार को जारी कर दी. देश के करोड़ों किसानों के खाते में इस योजना के पैसे पहुंच चुके हैं. इस बीच कई किसान इसलिए परेशान हैं क्योंकि पीएम मोदी के 17वीं किस्त ट्रांसफर करने के बावजूद उनके अकाउंट में पैसे नहीं पहुंचे हैं. अगर आपको भी पीएम किसान योजना की 17वीं किस्त नहीं मिली है तो उसके पीछे कुछ वजह हो सकती है.
यदि आपके भी खाते में पीएम किसान योजना की 17वीं किस्त के 2000 हजार रुपये नहीं पहुंचे हैं तो आपको परेशान होने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है. आप एक आसान तरीके से जान सकते हैं कि योजना का लाभ आपको क्यों नहीं मिला और अगर आप इसके लिए पात्र हैं तो आपको सरकार के टोल फ्री नंबर पर इसकी शिकायत करनी चाहिए.
सरकार ने नियमों को किया सख्त:
केंद्र सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों के लिए नियमों को सख्त बना दिया है. अब योजना का लाभ उन कृषकों को मिलता है जो इसके पात्र होते हैं. सरकार ने उन सभी फर्जी लाभार्थियों को सूची से बाहर कर दिया है जो इस योजना का गलत फायदा उठा रहे थे.
इस कारण नहीं आए होंगे किस्त के पैसे:
जिन किसानों ने ई-केवाईसी और जमीन का वेरिफिकेशन नहीं करवाया हुआ है उन्हें पीएम किसान योजना का लाभ नहीं मिला है. ऐसे किसानों की किस्त की राशि अटकी हुई है. लेकिन अगर आपने ईकेवाईसी किया है और आप योजना के लिए पूरी तरह से पात्रता रखते हैं तो आपको सबसे पहले लाभार्थी सूची में अपना नाम चेक करना चाहिए. अगर वहां आपको अपना नाम मिल जाता है और फिर भी आपको पैसा नहीं मिला है तो सरकार के टोल फ्री नंबर पर इसकी शिकायत दर्ज करवानी चाहिए.
लाभार्थी सूची में ऐसे चेक करें अपना नाम:
सबसे पहले पीएम किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाएं.
फार्मर कॉर्नर के विकल्प पर जाकर लाभार्थी लिस्ट पर क्लिक करें.
अब राज्य, जिला, उप-जिला और पंचायत की जानकारी सिलेक्ट करें.
इसरे बाद आधार नंबर या बैंक खाता नंबर दर्ज करके गेट डेटा पर क्लिक करें.
इसके बाद लाभार्थी सूची में आप अपना नाम चेक कर सकते हैं.
इस हेल्पलाइन नंबर पर करें शिकायत:
अगर लाभार्थी लिस्ट में आपका नाम है और फिर भी योजना का फायदा नहीं मिला है तो आप शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. इसके लिए पीएम हेल्प डेस्क से संपर्क करना पड़ेगा. आप चाहें तो हेल्पलाइन नंबर 011-24300606 और 155261 पर कॉल करके इसकी शिकायत कर सकते हैं.
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