नहीं खुलेंगे बंद लिफाफे:कृषि-वेटरनरी विवि की भर्तियां रद्द, फिर से होंगे आवेदन… कुलपति का रिटायरमेंट बना वजह
आवेदन परीक्षा, इंटरव्यू, नियुक्ति ये प्रक्रिया है। राजस्थान में इसके साथ ही पेपर लीक, घोटाला, मुकदमा और परीक्षा निरस्त भी चल रहा है। हर बार इसका खामियाजा उन युवाओं को उठाना पड़ता है जो बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। ऐसा ही कुछ बीकानेर के वेटरनरी विवि और कृषि विवि में सामने आया। जहां अचानक दोनों विश्वविद्यालयों में भर्तियां निरस्त कर दी गईं। घोटाला जैसा कुछ सामने तो नहीं आया मगर एक शिकायत मात्र ने वेटनरी विवि की भर्तियों को निरस्त करा दिया तो कृषि विवि में नए कुलपति ने आते ही पुरानी भर्तियों को रोक दिया। आवेदक दोनों ही मामलों में ठगे गए महसूस कर रहे हैं।
कृषि विवि : बगैर किसी वजह के भर्तियां कर दीं निरस्त
स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विवि में पूर्व कुलपति प्राे.आर.पी.सिंह के समय टीचिंग और नाॅनटीचिंग की भर्ती के लिए सरकार से अनुमति ली गई। आवेदन लिए गए। स्क्रूटनी तक हाे गईं। कुलपति का रिटायरमेंट हाेेना था। अंतिम समय में भर्तियां करने से सरकार ने इनकार कर दिया। नए कुलपति आए और उन्हाेंने समूची प्रक्रिया ही निरस्त कर दी। वजह अब तक सामने नहीं अाई। सामान्य श्रेणी से नाॅनटीचिंग में करीब एक हजार और टीचिंग संवर्ग में दाे हजार से ज्यादा फीस ली गई। भर्तियां निरस्त हाेने के बाद सैद्धांतिक सहमति बनी कि अभ्यर्थियाें का पैसा वापस करेंगे। कृषि विवि की रजिस्ट्रार सुनीता चाैधरी का कहना है कि विवि ड्राफ्ट के माध्यम से राशि रिटर्न करने की प्रक्रिया शुरू करेगा।
वेविवि: सिर्फ एक शिकायत, बंद लिफाफे हमेशा के लिए बंद
वेटेरनरी यूनिवर्सिटी ने असिस्टेंट प्राेफेसर की 72 पाेस्ट के लिए करीब 500 अभ्यर्थियाें ने आवेदन किया था। 3000 रुपए फीस थी। आवेदन, स्कूटनी, इंटरव्यू हुए। रिजल्ट तक लिफाफे में बंद हो गए। एक शिकायत मिलते ही सरकार ने भर्ती ही निरस्त कर दी। इन्हीं पदाें के अब दुबारा से आवेदन मांगे गए। जिन लाेगाें ने पहले आवेदन किया था उन्हें फिर से उतनी ही फीस जमा करनी हाेगी। पहले जिन लाेगाें ने फीस जमा की है उन्हें दूसरी बार में न काेई छूट मिल रही है और न तो विवि शुल्क वापस करने पर भी विचार नहीं कर रहा। विवि के कुलपति प्राे.एस.के.गर्ग का कहना है कि अभी तक विवि ने इस बारे में विचार नहीं किया लेकिन मुझे लगता है कि जब परीक्षा हाे गई ताे शुल्क रिटर्न नहीं हाेना चाहिए।
3 संभाग बीकानेर और 4 संभाग जाेबनेर वेटरनरी विवि के अधीन
20 जुलाई को राजस्थान विधानसभा ने राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (जोबनेर) जयपुर विधेयक-2023 चर्चा के बाद ध्वनि मत से पारित हो गया। यानी अब प्रदेश में दो वेटेरनरी विवि हो जाएंगे। इस विधेयक के साथ राजस्थान पहला राज्य होगा जहां दो वेटेरनरी विवि होंगे। अब दोनों विवि के बीच बंटवारा होगा। फौरी तौर पर सामने आया कि बीकानेर के अधीन तीन संभाग और जोबनेर के अधीन चार संभाग होंगे।
जिलाें के लिहाज से देखें तेा बीकानेर में पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार में 16 जिले और जोबनेर में बनने वाले नए विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार में 17 जिले होंगे। बीकानेर के अधीन जाे 17 जिलें हाेंगे वाे बीकानेर, उदयपुर और जाेधपुर संभाग के हाेंगे। जाेबनेर वेटेरनरी विवि के अधीन वाले जिलाें में जयपुर, अजमेर, काेटा और भरतपुर संभाग के जिले शामिल हैं। जाे पशु विज्ञान केन्द्र जिस जिले में वाे जिलाें के हिसाब से ही दाेनाें यूनिवर्सिटी में शामिल किया जाएगा।
फिलहाल प्रदेश में तीन वेटेरनरी कॉलेज हैं। वेटेरनरी कॉलेज उदयपुर, बीकानेर और जयपुर। बीकानेर के अधीन स्थापित दाे वेटेरनरी काॅलेज हाेगा जबकि जाेबनेर के अधीन एक। लेकिन सरकार ने कुछ नए वेटेरनरी काॅलेज और खाेलने की अनुमति दी है जिसमें जाेधपुर और सिराेही में नए वेटेरनरी काॅलेज खाेले जाने हैं। जाेबनेर वेटेरनरी काॅलेज के अधीन नए काॅलेजाें काे मिलाते हुए करीब 8 काॅलेज उसमें शामिल हाेंगे।
बंटवारे में भी जाे स्टाॅफ जहां है वाे उसी संस्थान के हिसाब से दाेनाें यूनिवर्सिटी में जाएंगे। सरकार ने विधानसभा में चर्चा के दाैरान कहा था कि राज्य में 5 लाख 66 हजार पशुधन और 1 लाख 46 हजार कुक्कुट संपत्तियां हैं। भारत सरकार के नये आँकड़ों के अनुसार राज्य दूध के उत्पादन में अब अव्वल है। ऐसे में दूसरा वेटेरनरी विवि बनने से प्रदेश के पशुधन में और बढ़ाेतरी हाेगी।
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