‘भारत सरकार दस हजार किसान उत्पादक संगठन योजना’ की दी जानकारी
बीकानेर, 30 जुलाई। ‘भारत सरकार दस हजार किसान उत्पादक संगठन योजना’ के तहत छोटे व मझौले किसानों को व्यापारिक संगठन बनाने के लिए दिशा-निर्देशों की जानकारी उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला मंगलवार को आत्मा सभागार में आयोजित हुई।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रुप में नैफेड बोर्ड सदस्य और सात राज्यों के प्रभारी राम प्रकाश चौधरी मौजूद रहे। उन्होंने एफपीओ से जुडे छोटे-मझौले किसानों को व्यापारिक गतिविधियों के माध्यम से बड़े उद्योग की तरफ ले जाने के लिए प्रेरित किया। भारत सरकार के प्राकृतिक खेती के लक्ष्य में एफपीओ के योगदान के महत्व की जानकारी देते हुए प्राकृतिक खेती तथा पशुपालन के लिए एफपीओ को आगे आने का आह्वान किया। एफपीओ को किसान हित में सबसे सशक्त मॉडल बताया और नैफेड के माध्यम से एफपीओ को दी जाने वाली सेवाओं की जानकारी दी। मुख्य रुप से छोटे किसानों को आगे लाने के लिए किए जा सकने वाले कार्यों के बारे में बताया। किसानों को फसल का पूरा मूल्य मिले, इसके मद्देनजर एफपीओ द्वारा किए जाने योग्य कार्यों की जानकारी दी।
आत्मा के मुकेश गहलोत ने एफपीओ के माध्यम से कम दर पर उपलब्ध उच्च क्वालिटी बीज योजना, ग्रीन हाउस योजना तथा छोटे व मझौले किसानों के लिए किसान सारथी के माध्यम से प्रदान की जा रही योजनाओं पर अपनी बात रखी।
इस दौरान प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग उन्नयन योजना, पीएमएफएमई प्रमुख द्वारा किसानों को व्यापारिक गतिविधियों में प्रदान की जा रही अनुदान योजना के बारे में बताया गया।
नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक रमेश ताम्बिया ने किसान उत्पादक संगठनों को आवश्यक लाईसेंस के बारे में बताया और किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से किसानों के लिए पशुधन योजना, ग्रामीण भंडारण योजना तथा कृषि कार्यो के लिए कार्यशाील पूंजी की आवश्यकता की पूर्ति के लिए केसीसी की जानकारी दी।
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