नाबालिग से दुष्कर्म पर शेष जीवन कारावास:अदालत ने कहा; ये निकृष्टता की पराकाष्ठा है, ऐसे लोग समाज से दूर रहने चाहिए
बीकानेर
जुलाई 2020 में एक सात साल की लड़की और नौ साल का लड़का बकरियां चराने के लिए पड़ौस के खेत में गए थे। तभी वहां युवक ने लड़के को डराकर भगा दिया और लड़की के साथ जबरन दुष्कर्म किया और दस रुपए देकर चुप रहने के लिए कहा। इसके बाद भी लड़की ने परिजनों को सब कुछ बता दिया तो गांव वालों ने कैलाश नाम के युवक को गिरफ्तार कर लिया। इस पूरे मामले में अदालत ने मंगलवार को आरोपी कैलाश को आजीवन कारावास की सजा सुना दी।
पोक्सो एक्ट के इस मामले में सेशन न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण, अधिनियम 2012) मीनाक्षी जैन ने इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए अभियुक्त कैलाश पुत्र पेमाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।आदेश में कहा गया है कि आजीवन कारावास का मतलब शेष जीवन है। ऐसे में अभियुक्त को अब सारा जीवन कारावास में ही भुगतना होगा। महज सात साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म को अदालत ने बहुत ही गंभीरता से लिया है। इस मामले में मृत्युदंड भी दिया जा सकता था लेकिन अदालत ने कहा कि ये “रेयरेस्ट ऑफ द रेयरे” केस नहीं है। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक सुभाष साहू ने पक्ष रखा।
मानवता को शर्मसार किया
सेशन न्यायाधीश ने अपने आदेश में लिखा है कि ये प्रकरण मानवता को शर्मसार करने वाला और निकृष्टता की पराकाष्ठा का परिचायक है। इस प्रकार के घृणित अपराध करने वाले को समाज से दूर रखा जाना उचित है, तभी समाज में लड़कियां सुरक्षित रह सकेगी।
अनेक धाराओं में सजा
अदालत ने कैलाश को अनेक धाराओं में सजा देते हुए करीब एक लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड जमा नहीं कराने की स्थिति में अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। सभी सजायें एक साथ चलेगी।
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