नाबालिग से रेप के दोषी को मृत्यु तक की जेल:5 लाख क्षतिपूर्ति देने के आदेश, बच्ची को बहलाफुसलाकर ले गया था
नाबालिग बालिका के साथ रेप करने के आरोपी को पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई मृत्यु पर्यन्त आजीवन कठोर कारावास व 25,000 रूपए के जुर्माने की सजा।
राजसमंद में 13 साल की नाबालिग बालिका को बहला-फुसलाकर व धमकाकर ले जाने व रेप के मामले में पॉक्सो कोर्ट की न्यायाधीश पूर्णिमा गौड़ ने फैसला देते हुए आरोपी गोपाराम को आजीवन कारावास की सजा व 25 हजार रूपए का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा पीड़िता को 5 लाख रूपए प्रतिकर राशि बतौर क्षतिपूर्ति देने के आदेश दिए हैं।
बालिका से बलात्कार करने के आरोपी गोपाराम को आजीवन (शेष प्राकृत जीवन काल के लिए) कठोर कारावास तथा 25,000 रुपए जुर्माने की सजा से दंडित किया। विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य के अनुसार 14 नवम्बर 2021 को पीड़िता के पिता ने थानाधिकारी पुलिस थाना केलवाडा में रिपोर्ट पेश की कि 4 नवम्बर 2021 को शाम करीब 8 बजे उनकी नाबालिग पुत्री घर के बाहर शौच के लिए गई हुई थी।
पूछने पर अगले दिन बताया
दीपावली होने से वे दीपक करने व त्योहार मनाने में व्यस्त थे और उनकी पुत्री रात्रि करीब 10 बजे वापस घर आई। वह काफी घबराई हुई थी। वह बिना बोले अपने कमरे में जाकर सो गई, जब दूसरे दिन बच्ची को उठाया और पूछा कि रात को क्या हुआ जो तू इतनी परेशान थी। उसके मुंह पर खरोंच के निशान थे जिनके बारे में पूछा तो उनकी बेटी जोर-जोर से रोने लगी और उसने बताया कि वह रात को शौच करने गई तभी गोपाराम वहां पर आया। उसे रुकवाकर जबरदस्ती हाथ पकड़ा और मुंह पर हाथ लगाकर जबरदस्ती उसे उठाकर रताराम के घर के नीचे बीड़ में ले गया। वहां उससे रेप किया और उसे धमकी दी कि यह बात किसी को बताई तो उसे और उसके माता-पिता को जान से खत्म कर देगा।
पीड़िता को 5 लाख क्षतिपूर्ति देने के आदेश
पिता की रिपेार्ट पर मामला दर्ज कर केलवाडा पुलिस ने अनुसंधान पूरा कर पॉक्सो न्यायालय राजसमंद में अभियुक्त गोपाराम के खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत पेष किया। न्यायालय में राज्य सरकार व पीड़िता की ओर से पैरवी करते हुए विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने 16 गवाह व 30 डॉक्यूमेंट कोर्ट में पेश किए।
न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी गोपाराम पुत्र हजारी राम को दोष सिद्ध घोषित किया और न्यायाधीश ने फैसला देते हुए आरोपी गोपाराम को मृत्युपर्यन्त आजीवन कारावास व 25 हजार रूपए का जुर्माना सुनाया। इसके अलावा कोर्ट ने पीड़िता को 5 लाख रूपए प्रतिकर राशि बतौर क्षतिपूर्ति दिलाए।
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