नौकरी के बहाने 22 महिलाओं से रेप का सच:पीड़िताओं के नाम-एड्रेस थे फर्जी; अब फिर कांग्रेस नेता, पूर्व आयुक्त के खिलाफ 8 एफआईआर
आंगनबाड़ी में नौकरी के बदले अस्मत के मामले में कांग्रेस नेता और सिरोही परिषद के पूर्व आयुक्त के खिलाफ एक बार फिर 8 पीड़िताओं ने मुकदमा दर्ज करवाया है। यह उन्हीं पीड़िताएं में से हैं जिन्होंने करीब एक साल पहले भी परिवाद दिया था।
भास्कर ने जब पूरे मामले की पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। पुलिस ने पूर्व में दर्ज मुकदमों में जब जांच की थी तो सभी 22 पीड़िताओं के नाम, एड्रेस फर्जी निकले थे। वोटर लिस्ट में महिलाओं के नाम नहीं थे।
जिस समय की यह घटना बताई गई, उसके 6 महीने पहले ही नगर परिषद आयुक्त तो रिटायर्ड हो गए थे। अब पुलिस एक बार फिर से आठ महिलाओं के मामला दर्ज कराने के बाद इन महिलाओं की तलाश कर रही है।
वकील से भी इन महिलाओं के एड्रेस मांगे हैं ताकि बयान हो सकें। इधर नगर परिषद सभापति का कहना है कि कुछ भूमाफिया उनकी जमीन हड़पने और पद से हटाने के लिए साजिश रच रहे हैं।
इस मामले में 22 पीड़िताओं ने क्या आरोप लगाए? पुलिस ने पहले क्या इन्वेस्टिगेशन किया और उसमें क्या-क्या सामने आया? अब क्यों 8 पीड़िताओं ने फिर से रिट लगाई है?
वो मुकदमा जिससे चर्चा में आया था ये रेपकांड : SP के पास डाक से पहुंचा था परिवाद
सिरोही एसपी के पास डाक के जरिए एक परिवाद पहुंचा। पुलिस ने जब परिवाद पढ़ा तो पूरे सिरोही में हड़कंप मच गया था। 22 महिलाओं ने सिरोही नगर परिषद सभापति महेंद्र मेवाड़ा और नगर परिषद के पूर्व आयुक्त महेंद्र चौधरी पर रेप का आरोप लगाया।
रिपोर्ट में बताया कि नवबंर-दिसंबर माह में हम 15 से 20 महिलाएं आंगनबाड़ी में नौकरी के लिए सिरोही गई थी। वहां हम से नगर परिषद के चेयरमैन महेंद्र मेवाड़ा और आयुक्त महेंद्र चौधरी मिले। उन्होंने हमें किसी परिचित के घर रुकवाया और हमारे खाने की व्यवस्था की। खाने में नशीली दवाइयां मिलाने के कारण हम सभी महिलाएं बेहोश हो गई। इसके बाद चेयरमैन और आयुक्त ने अपने 10 से 15 दोस्तों के साथ हमारे साथ रेप किया और हमारे वीडियो बना लिए।
दोनों ने हमारे अश्लील वीडियो बनाकर हमें ब्लैकमेल कर 5-5 लाख रुपए की डिमांड की। पैसे नहीं देने पर वीडियो वायरल करने की धमकी दी। आरोपियों ने हमसें खाली कागज और स्टांप पर साइन और अंगूठे भी करवा लिए। पुलिस ने परिवाद पर नगर परिषद चेयरमैन और पूर्व आयुक्त महेंद्र चौधरी के खिलाफ 8 फरवरी 2023 को परिवाद दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
22 रेप पीड़िताओं के एड्रेस और नाम फर्जी निकले
इस मामले की जांच के बाद लगी एफआर के मुताबिक शिकायत में बताया गया था कि 12 महिलाएं पाली, 9 महिलाएं रोहट और 1 महिला मारवाड जक्शंन की रहने वाली है। इस पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी और पीड़िताओं के बयान लेने के लिए शिकायत में दिए उनके एड्रेस खोजे। रोहट थाना पुलिस ने रोहट में रहने वाली 9 पीड़िताओं के नाम और एड्रेस पर पड़ताल की तो पता लगा कि उन नामों की कोई भी महिला वहां नहीं रहती है।
रोहट के ग्राम विकस अधिकारी ने भी इसकी पुष्टि कर दी। इसके बाद कांस्टेबल शिवलाल मारवाड़ जक्शन में रहने वाली पीड़ित के एड्रेस पर पहुंचे तो वो भी फर्जी निकला। फिर पाली पुलिस ने पार्षद के साथ 12 महिलाओं के नाम और एड्रेस खोजे तो यह भी फर्जी निकले।
नगर परिषद सिरोही में फिलहाल कांग्रेस का बोर्ड है।
वोटर लिस्ट में भी नाम नहीं मिले
पुलिस को पाली की 12, रोहट की 9 और मारवाड़ जक्शन के 1 एड्रेस पर एक भी महिला नहीं मिली। इस पर सभी महिलाओं के क्षेत्रों की वोटर लिस्ट मंगवाई गई। तीनों शहरों के वोटर लिस्ट से मिलान किया तो जो पीड़िताएं बताई गई थी, उस नाम और एड्रेस की एक भी महिला नहीं मिली। ऐसे में पुष्टि हो गई कि शिकायत में दिए 22 महिलाओं के नाम और एड्रेस फर्जी हैं। शिकायत में किसी भी पीड़िता के मोबाइल नंबर भी मौजूद नहीं था। अगर मोबाइल नंबर होते तो पुलिस किसी भी एक पीड़ित से संपर्क करके उसके बयान ले पाती।
रेप का समय और जगह नहीं मिली
शिकायत में महिलाओं ने अपने साथ हुए रेप की जगह का खुलासा नहीं किया था। बताया गया कि नगर परिषद सभापति के किसी परिचित के घर पर रेप हुआ। लेकिन यह घर किस मोहल्ले में है या कौन सी जगह है, इसका जिक्र नहीं किया गया। वहीं शिकायत में घटना की तारीख और समय का भी जिक्र नहीं था। घटना शिकायत देने के 2 से 3 तीन माह पूर्व बताई गई थी।
शिकायत में पीड़िताओं ने बताया कि उन्हें आंगनबाड़ी में नौकरी दिलाने का झांसा देकर रेप किया गया। जबकि आंगनबाड़ी का कार्यक्षेत्र नगर परिषद में आता ही नहीं है। नगर परिषद के सभापति और आयुक्त दोनों के पास आंगनबाड़ी में नौकरी दिलाने का क्षेत्राधिकार नहीं होता है। नगर परिषद में सफाई कर्मियों अलावा किसी भी विभाग का काम नहीं होता है।
घटना के 6 महीने पहले ही रिटायर्ड हो गए थे आयुक्त
शिकायत में बताया गया कि उनके साथ नवंबर-दिसंबर 2022 में रेप हुआ। रेप करने वाले नगर परिषद सभापति और आयुक्त महेंद्र चौधरी ने उन्हें नौकरी दिलाने का झांसा दिया। जबकि नगर परिषद के आयुक्त महेंद्र चौधरी 31 अगस्त 2022 को रिटायर्ड हो गए थे।
इसके बाद वे अपने परिवार के साथ शिवगंज रहने चले गए थे। जिस समय घटना बताई जा रही है। उस समय वो ना तो आयुक्त के पद पर थे और ना ही सिरोही में रहते थे। पुलिस ने मामले की जांच सभी पीड़िताओं के नाम और एड्रेस फर्जी मिलने के बाद 28 फरवरी 2023 को एफआर लगा दी थी।
हाईकोर्ट ने प्रजेंटेशन मांगा तो फिर से 8 महिलाओं की FIR दर्ज हुई
हाईकोर्ट के वकील बृजेश ने महिलाओं की ओर से रिट दायर करके आरोप लगाया कि सिरोही पुलिस ने केस दर्ज करने की बजाय परिवार को जांच में रखा। परिवाद की जांच करके उसे झूठा मान लिया। हाईकोर्ट ने सिरोही पुलिस को प्रजेंटेशन पेश करने के निर्देश दिए तो वकील ने 1 फरवरी को आठ परिवाद फिर से सिरोही कोतवाली थाने में भेजे।
इस पर सिरोही पुलिस ने 8 महिलाओं के नाम से उसी घटनाक्रम की एफआईआर सिरोही के कोतवाली थाने में दर्ज की है। पुलिस ने 8 महिलाओं की एफआईआर दर्ज करके मामले की जांच सिरोही डीएसपी पारस चौधरी को दी है।
पुलिस ने वकील से बयान के लिए मांगे पीड़िताओं के एड्रेस
पिछले परिवाद की जांच में पुलिस को पीड़िताओं के नाम और एड्रेस फर्जी मिले थे। ऐसे में पुलिस ने इस बार वकील को ही सीआरपीसी 91 का नोटिस दिया है। नोटिस में पूछा है कि पीड़ित महिलाओं के बयान कराएं या उनके घर-परिवार का पता बताएं ताकि पुलिस पीड़िताओं मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान करवा सकें।
कोर्ट के जरिए 8 महिलाओं ने फिर से नगर परिषद सभापति और आयुक्त के खिलाफ रेप का मामला दर्ज करवाया है। इन 8 केस में वही महिलाएं हैं, जो पिछले परिवाद में थी। इनमें 3 पाली, रोहट 4 और मारवाड़ जक्शन की 1 पीड़िता है। पीड़िताओं के एड्रेस पुराने ही बताए जा रहे हैं।
मामले की जांच कर रहे डीएसपी पारस चौधरी ने बताया कि हमनें 8 महिलाओं के नाम से एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पीड़ित महिलाओं की तलाश की जा रही है, ताकि उनके बयान लेकर मामले की जांच कर सकें।
नगर परिषद चेयरमैन बोले- ये जमीनी विवाद…
- राजेंद्र गांधी ने पिछले कई साल से राजीव नगर आवासीय कॉलोनी में जमीन पर कब्जा कर रखा है। पहले पूर्व आयुक्त महेंद्र सिंह चौधरी के साथ मिलकर भूमि पर कब्जा करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया था।
- मेरे पिताजी की जमीन पर बैद्यनाथ कॉलोनी योजना बना रखी है। इस योजना के पास ही नगर परिषद की जमीन थी। इस जमीन को कब्जाने के लिए राजेंद्र गांधी ने खाली जमीन को स्वयं की बताकर भूमि रूपांतरण व लीज राशि आरटीजीएस से 24 नवंबर 2023 को 16 लाख 47 हजार 928 रुपए, 18 दिसंबर 2023 खसरा नंबर 428 रकबा 585 वर्ग मीटर के लिए 2 लाख 81 हजार 40 रुपए नगर परिषद कोष में जमा करवा दिए थे। इस पर यह राशि हमने फिर से इसे लौटाई थी।
- मेरी सिरोही में वैद्यनाथ कॉलोनी में भूखण्ड संख्या 146 से 148, 206 से 210, 213 से 214 जमीन है। राजेंद्र गांधी और रामनिवास डांगा ने यह जमीन 11 करोड़ में जयपुर की एक पार्टी को बिकवाने का झांसा दिया। आरोपियों ने मुझे 11 लाख का चेक भी दिया, जो बाद में बाउंस हो गया था।
- इसके बाद मैंने आरोपियों के खिलाफ 14 मार्च 2020 को मामला दर्ज करवाया था। तब से आरोपियों से मेरा विवाद चल रहा है। इसी का बदला लेने के लिए मेरे खिलाफ रेप के झूठे मामले दर्ज करवा रहे हैं।
रामनिवास डांगा बोले- मेरे साथ मेवाड़ा ने धोखा किया
रामनिवास डांगा ने खुद पर लगे आरोपों पर बताया कि महेंद्र मेवाड़ा से मेरा जमीन के सौदे को लेकर विवाद चल रहा है। उन्होंने मेरे साथ धोखा किया था, जिसका केस चल रहा है। वो मामला तो वर्ष 2020 का है और इन पर रेप का केस वर्ष 2022 में हुआ। मेरा रेप केस से कोई लेना-देना नहीं है। राजेंद्र गांधी तो महेंद्र मेवाड़ा के पुराने परिचित हैं।
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