NATIONAL NEWS

पहली बार गायों में मिला बर्ड फ्लू का वायरस:ये प्रवासी पक्षियों से आया; इससे दूध गाढ़ा और उसका रंग फीका हो रहा

TIN NETWORK
TIN NETWORK
FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

पहली बार गायों में मिला बर्ड फ्लू का वायरस:ये प्रवासी पक्षियों से आया; इससे दूध गाढ़ा और उसका रंग फीका हो रहा

टेक्सास

गायों में पहली बार बर्ड फ्लू का वायरस पाया गया है। इस बीमारी के कारण गाय का दूध गाढ़ा हो रहा है और इसका रंग फीका पड़ रहा है। अमेरिका की गायों में ये बीमारी प्रवासी पक्षियों से आई है। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर ने इसकी पुष्टि की है।

विभाग ने कहा कि टेक्सास और कैनसस के 4 डेयरी फार्मों में गायों में एवियन इन्फ्लूएंजा (HPAI) का टेस्ट पॉजिटिव आया है। न्यू मेक्सिको में भी मामलों की पुष्टि की गई है। हालांकि प्रभावित डेयरी फार्मों की संख्या नहीं बताई है।

पाश्चराइजेशन कंज्यूमर्स को वायरस से बचाएगा
इलिनोइस यूनिवर्सिटी के पशु चिकित्सक और इन्फ्लूएंजा रिसर्चर जिम लोव ने बताया कि दूषित दूध सिरप जैसा गाढ़ा दिखता है। अगर यह प्रोडक्ट लोगों तक पहुंच भी गया हो, तो भी पाश्चराइजेशन कंज्यूमर्स को वायरस से बचाएगा।

पाश्चराइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें हानिकारक बैक्टीरिया को मारने के लिए दूध को एक निश्चित अवधि के लिए एक विशिष्ट तापमान पर गर्म किया जाता है।

पाश्चराइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें हानिकारक बैक्टीरिया को मारने के लिए दूध को एक निश्चित अवधि के लिए एक विशिष्ट तापमान पर गर्म किया जाता है।

प्रवासी पक्षियों से आया गायों में वायरस
कुछ किसानों ने अपने खेत पर मरे हुए प्रवासी जंगली पक्षियों को देखा है, जिससे पता चला कि ये वायरस इन्हीं से आया है। अब तक इस वायरस से बहुत कम गायों की मौत हुई है, लेकिन संक्रमण के कारण दूध उत्पादन में 40% तक गिरावट आई है।

लोगों को कोई खतरा नहीं
टेक्सास डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (TDA) का कहना है कि वह वायरस के फैलने की मॉनिटरिंग कर रहा है। वहीं कमिश्नर सिड मिलर ने कहा कि लोगों की जान को इससे कोई खतरा नहीं है और दूध की सप्लाई में कोई कमी नहीं होगी।

क्या है बर्ड फ्लू वायरस?
इसे एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस भी कहते हैं। बर्ड फ्लू के सबसे कॉमन वायरस का नाम H5N1 है। यह एक खतरनाक वायरस है जो चिड़ियों के साथ इंसान और दूसरे जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, H5N1 को 1997 में खोजा गया था। इस वायरस से संक्रमित होने पर 60% मामलों में मौत हो जाती है।

इंसान में यह वायरस कैसे फैलता है और पहला मामला कब आया?
बर्ड फ्लू के कई वायरस हैं, लेकिन H5N1 पहला वायरस है जिसने इंसान को संक्रमित किया। संक्रमण का पहला मामला हॉन्गकॉन्ग में 1997 में सामने आया था। यह वायरस संक्रमित मुर्गियों के जरिए इंसान तक फैला था। 2003 से यह वायरस चीन समेत एशिया, यूरोप और अफ्रीका में फैलना शुरू हुआ। 2013 में इंसान के संक्रमित होने का मामला चीन में भी सामने आया।

बर्ड फ्लू को लेकर हुआ था एक्सपेरिमेंट
15 साल पहले एक लैब एक्सपेरिमेंट में पता चला था कि मवेशियों को भी बर्ड फ्लू का वायरस प्रभावित कर सकता है। 1997 और 2005 के आउटब्रेक के बाद यह स्टडी की गई थी।

  • 1997 में एशिया में H5N1 आउटब्रेक आया था, जिसमें वाइल्ड बर्ड, पोल्ट्री और यहां तक कि इंसानों में भी ये संक्रमण हुआ था।
  • 2005 के प्रकोप में सूअर संक्रमित हो गए थे, लेकिन यह स्पष्ट नहीं था कि गाय जैसे जानवर भी इससे संक्रमित हो सकते हैं।
FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!