*पाकिस्तान में डरावने हालात, भारत भाग आया परिवार:बोले- रोज बच्चियों-महिलाओं को उठा ले जाने की धमकी मिलती है, परेशान हुए*
पाकिस्तान में बच्चियों का अपहरण और जबरन विवाह कराने की धमकियों से परेशान परिवार पाकिस्तान छोड़ कर भारत आ रहे है। पाकिस्तान में हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि परिवार बिना वीजा भारत में आ रहे है। ऐसा ही 10 लोगों एक परिवार सोमवार को बाड़मेर में सामने आया। जो करीब 25-30 दिन से बाड़मेर के धोरीमन्ना इलाके रोहिला गांव में अपने रिश्तेदार के घर पर रह रहे है। इस परिवार ने पाकिस्तान के जो हालात बताए वो चौंकाने वाले हैं। परिवार ने कहा कि वहां रोज बच्चियों को उठाकर ले जाने की धमकी मिलती है। रोज मारपीट और उत्पीड़न की घटनाएं हो रही हैं। इससे बेहद परेशान थे। दरअसल, यह पाकिस्तानी परिवार नेपाल के रास्ते भारत में करीब डेढ माह पहले आ गए थे। जो पाकिस्तान के मीरपुर खास का रहने वाला है। इस परिवार के राजेश मेघवाल व उदो पुत्र कुम्भों अपने परिवार महिलाओं सहित बच्चों को लेकर पहले पाकिस्तान से दुबई पहुंचे। फिर नेपाल होते हुए भारत में प्रवेश किया। भारत में लखनऊ होते जोधपुर तक सड़क से पहुंचे। जोधपुर के सालुड़ी गांव में करीब 10 दिन तक रिश्तेदारों के पास रहे। जोधपुर से 16 अप्रैल को यह परिवार धोरीमन्ना के रोहिला गांव पहुंच गए। अपने रिश्तेदार के साथ रह रहे हैं।
*सुरक्षा एजेंसियों ने की पूछताछ*
इनके रिश्तेदार अभी भी पाकिस्तान में रह रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान परिवार के सदस्यों से पूछताछ की है, इनकी तलाशी भी ली गई है। परिवार ने जोधपुर व बाड़मेर सीआईडी ऑफिस में पेश होकर भारत में बसने की इच्छा जाहिर की है। सीआईडी आफिस ने गृह मंत्रालय को पत्र लेकर मार्गदर्शन मांगा है। अभी मंत्रालय से मार्गदर्शन नहीं मिला है।
*बेटे का हुआ अपहरण*
पाकिस्तान से भारत आई महिला राणी का कहना है कि मेरे बेटे का पाकिस्तान में अपहरण कर लिया। मारपीट करके छोड़ दिया। धमकी देकर कहा कि तुम्हारी बच्चियां व महिलाओं को उठाकर ले जाएंगे। वीजा का लंबे समय से खूब प्रयास किया, लेकिन नहीं मिला। किसी ने बोला की नेपाल में वीजा मिल जाएगी। वहां पर वीजा नहीं मिलने पर सड़क मार्ग से भारत की सीमा में घुस गए।
*वहां लगता था डर*
राणी के बेटे राजेश कुमार का कहना है कि मेरे भाई का अपहरण कर फिरौती मांगी। हमारे पास इतने रुपए नहीं थे। धीरे-धीरे परेशानियां बढ़ती जा रही थी। वहां लोग रोज परेशान करते थे। बच्चियों के लिए डर लगता था।
*दो जगह सीआईडी के समक्ष हुए पेश*
परिवार ने जोधपुर व बाड़मेर सीआईडी ऑफिस में पेश हुए थे और भारत में बसने की इच्छा जाहिर की थी। सीआईडी आफिस ने गृह मंत्रालय को पत्र लेकर मार्गदर्शन मांगा है। सीआईडी को मार्गदर्शन नहीं मिला है।
*पूछताछ की गई और कोई संदिग्ध सामान नहीं मिला*
एसपी दीपक भार्गव के मुताबिक अधिकारिक रूप से कोई सूचना या कागज बाड़मेर पुलिस को नहीं मिला है। पाकिस्तानी परिवार बिना वीजा के यहां रह रहा है। इस परिवार ने दुबई व नेपाल में वीजा अप्लाई किया था, लेकिन नहीं मिला था। जोधपुर व बाड़मेर सीआईडी के समक्ष पेश हुए थे। विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने पूछताछ की लेकिन अभी तक कोई संदिग्ध चीज सामने नहीं आई है। संज्ञान में आने के बाद पुलिस जांच कर रही है। भारत गृह मंत्रालय से सब चीजें स्पष्ट होगी। पाक विस्थापित के रूप में भारत रहने का प्रावधान है। पूरी इनक्वायरी होने के बाद भी स्पष्ट हो पाएगी।
*भारत बंटवारे में बिछड़ा था परिवार*
जानकारी के मुताबिक भारत-पाक बंटवारे से पहले राजेश के माता-पिता काम के लिए सिंध गए हुए थे। इस दौरान भारत-पाक बंटवारा हो गया। तब से पाकिस्तान के मीरपुर खास इलाके में ही रह रहे है। परिवार के अन्य सदस्य भारत के बाड़मेर जिले धोरीमन्ना इलाके के रोहिला गांव में रह गए। पाकिस्तान में उत्पीड़न से परेशान होकर भारत में आना चाहते थे। काफी लंबे समय से वीजा का प्रयास कर रहे थे। पाकिस्तान में ही इन्हें भारत आने का वीजा नहीं मिला तो इन्होंने नेपाल रास्ते बिना वीजा भारत में प्रवेश कर लिया।
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