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पीबीएम में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार को लेकर मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. सोनी ने लिए महत्वपूर्ण निर्णय

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कैंसर विभाग के अधिकारियों के साथ ली प्राचार्य डॉ. सोनी ने मीटिंग

बीकानेर, 18 अप्रैल। सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुंजन सोनी ने शुक्रवार को पीबीएम अस्पताल में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। प्राचार्य डॉ. सोनी ने बताया कि दिनांक 18 अप्रैल से पीबीएम के ट्रॉमा सेंटर मे एक आरजीएचएस काउंटर दोनों शिफ्ट सुबह 8 से रात्रि 8 बजे तक मरीजों के एडमीशन एवं डिस्चार्ज के लिए खुला रहेगा. बच्चा अस्पताल में भी अब दोनों शिफ्ट सुबह 8 से रात्रि 8 बजे तक एक्स रे सुविधा मिलेगी.

कैंसर विभाग की मीटिंग मे लिए अहम निर्णय

प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी ने आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केन्द्र की निदेशक डॉ. नीति शर्मा एवं संबंधित अधिकारियों की बैठक ली इस दौरान प्राचार्य डॉ. सोनी ने कहा कि कैंसर विभाग में मरीजों हेतु उपयोग में लिए जा रहे चिकित्सकीय उपकरणों, मशीनों आदि के रखरखाव एवं मरम्मत हेतु बजट की कमी नहीं आने दी जाएगी साथ ही टेण्डर प्रक्रिया की प्रभावी मॉनिटरिंग की जाएगी, इसके लिए पीबीएम अधीक्षक एवं कॉलेज प्रशासन संयुक्त रूप से कार्य करेगें। प्राचार्य डॉ. सोनी ने कहा कि कैंसर अस्पताल में मरीजों की सुविधाओं के विस्तार के क्रम में उनके द्वारा निजी तौर पर कलकता, मुम्बई, दिल्ली व बीकानेर के भामाशाहों से संपर्क कर और भागीरथी प्रयास किये जाएगें। मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग की बिल्डींग के विस्तार का प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भेजा जाएगा इसके अलावा जल्द ही आचार्य तुलसी कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंण्टर की गर्वनिंग काउंसिल की बैठक जो की लम्बे समय से नहीं हो पाई, शीघ्र ही गर्वनिंग काउंसिल की बैठक बुलायी जाएगी।

आधुनिक तकनीक से होगा रेडियोथैरेपी विभाग में मरीजों का उपचार : जयपुर के समकक्ष मिलेगी सुविधाएं

प्राचार्य डॉ. सोनी ने कहा कि रेडियोथैरेपी विभाग में एसआरएस, एसआरटी तथा एसबीआरटी से जुडी आधुनिक मशीनों के सुचारु प्रबंधन हेतु विभाग के डॉ. अथिमान, डॉ. हेमा जयपुर गए हुए है,इस विभाग में उपलब्ध मशानों को अपडेट करने का खर्च पीबीएम अधीक्षक द्वारा वहन किया जाएगा, इससे जयपुर के बराबर मरीजों को रैडियोथैरेपी की आधुनिक तकनीक से उपचार का लाभ मिलेगा। इसी विभाग में डॉ. यूनुस खिलजी द्वारा पेलिएटीव दर्द से पीड़ित मरीजों के घर जाकर पेलिएटीव मेडिसिन संबधित उपचार एवं मॉरफिन एवं अन्य दर्द निवारक दवाइयां दी जा रही है, डॉ. खिलजी का कार्य प्रशंसनिय है क्यूंकि वे राजकीय कर्त्तव्य निर्वहन के साथ साथ कैंसर मरीजों की सेवा उनके द्वारा ईमानदारी और निष्ठापूर्वक कर रहे है.

क्या है एसआरएस/एसआरटी तथा एसबीआरटी
एसआरएस (स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी), एसआरटी (स्टीरियोटैक्टिक रेडियोथेरेपी), और एसबीआरटी (स्टीरियोटैक्टिक बॉडी रेडियोथेरेपी) सभी प्रकार की विकिरण चिकित्सा हैं जो ट्यूमर को सटीक रूप से लक्षित करने और नष्ट करने के लिए विकिरण की अत्यधिक केंद्रित किरणों का उपयोग करती हैं । वे गैर-आक्रामक हैं और उनका उपयोग मस्तिष्क ट्यूमर, रीढ़ की हड्डी के ट्यूमर और शरीर के अन्य भागों में ट्यूमर सहित विभिन्न स्थितियों के इलाज के लिए किया जा सकता है।

ये रहे बैठक मे उपस्थित
पीबीएम अधीक्षक डॉ. सुरेन्द्र कुमार, समाजसेवी जेठ मल बोथरा, सोहन लाल बैद, वित्तीय सलाहकार राजेंद्र खत्री, डॉ. अजय श्रीवास्त, आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल की निदेशक डॉ. नीति शर्मा,डॉ. सुरेन्द्र बेनीवाल, डॉ. मुकेश सिंघल, डॉ. अथिमान, डॉ. जितेंद्र आचार्य, नानूराम देवकिशन, प्रवीण सोनी, चित्रेश, निजी सहायक विनय गोस्वामी आदि उपस्थित रहे।

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