पूर्व सांसद के एक्सीडेंट का लाइव VIDEO:200 की स्पीड में थी कार, एक्सप्रेस-वे पर अनियंत्रित होकर 30 मीटर दूर दीवार से टकराई
अलवर
हादसा मंगलवार शाम 5 बजे दिल्ली-मुंबई एक्स्प्रेस-वे से सटे रसगन के खुसपुरी गांव के पास हुआ था।
पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह के बेटे पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह के परिवार के एक्सीडेंट का लाइव वीडियो सामने आया है। बताया जा रहा है कि उनकी कार की स्पीड 200 किमी प्रति घंटा थी। मंगलवार शाम को हुए इस हादसे में मानवेंद्र सिंह की पत्नी चित्रा सिंह की मौत हो गई थी। वहीं, मानवेंद्र सिंह, उनका बेटा हमीर सिंह और ड्राइवर घायल हो गए थे, मंगलवार देर रात को इलाज के लिए घायलों को गुरुग्राम रैफर किया गया है।
एक्सीडेंट के फुटेज में साफ नजर आ रहा है कि तेज गति से चल रही कार एक्सप्रेस-वे से नीचे उतर गई और डिवाइडर पर बने अंडर पास की दीवार से टकरा गई। कार एक्सप्रेस-वे से नीचे क्यों उतरी, इस सवाल का जवाब फिलहाल नहीं मिल पाया है। वीडियो से यह साफ हो रहा है कि एक्सप्रेस-वे पर कार की किसी वाहन या जानवर से टक्कर नहीं हुई थी। इसलिए अंदाजा लगाया जा रहा है कि ड्राइवर ने कार से कंट्रोल खो दिया था। हादसा मंगलवार शाम 5 बजे दिल्ली-मुंबई एक्स्प्रेस-वे से सटे रसगन के खुसपुरी गांव के पास हुआ था।
मानवेंद्र सिंह की पसलियां टूटीं
इस हादसे में पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह की दो पसलियां टूट गई हैं। वहीं बेटे के हाथ और नाक में फ्रैक्चर आया है। दोनों को मंगलवार रात को ही गुरुग्राम के हॉस्पिटल में रैफर कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि हादसे के बाद पीछे के एयर बैग नहीं खुल पाए थे, जहां उनकी पत्नी चित्रा सिंह बैठी थी।
हादसे में पूर्व सांसद चित्रा सिंह की मौके पर ही मौत हो गई थी।
एयरबैग की वजह से आगे बैठे दो लोगों की जान बच गई
हाईवे की पेट्रोलिंग टीम के अनुसार कार करीब 200 की स्पीड में थी। जैसे ही कार का आगे का हिस्सा दीवार से टकराया आगे के दोनों एयर बैग खुल गए थे। ऐसे में उनकी जान बच गई। जबकि कार के पीछे वाला हिस्सा पूरी तरह से सुरक्षित है। एक्सपर्ट का कहना है कि पीछे वाले हिस्से पर प्रेशर नहीं आने की वजह से सेंसर काम नहीं कर पाए और एयर बैग नहीं खुल पाए थे।
चित्रा सिंह पीछे ही बैठी थी, ऐसे में एयर बैग नहीं खुलने से उनकी मौत हाे गई। पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह का परिवार दिल्ली से जयपुर आ रहा था। मानवेंद्र सिंह, उनके बेटे हमीर सिंह की हालत को देखते हुए गुरुग्राम रैफर किया गया है। जबकि ड्राइवर दिनेश रावत का अलवर के ही हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।
मानवेंद्र सिंह का बेटा हमीर सिंह। जिनका हाथ फ्रैक्चर हुआ।
अलवर के प्राइवेट हॉस्पिटल में हुआ पूर्व सांसद का ऑपरेशन
अलवर के सोलंकी हॉस्पिटल के डॉ. जीएस सोलंकी ने बताया कि मानवेंद्र सिंह की दो पसलियों में फ्रैक्चर है, जिसे न्यूमोथोरक्स कहते हैं। इसके लिए माइनर ऑपरेशन कर चेस्ट ट्यूब डाली गई है। इससे अब उन्हें सांस लेने में तकलीफ नहीं हो रही है। उनकी हालत खतरे से बाहर है। हमीर सिंह के दाएं हाथ और नाक की हड्डी में फ्रैक्चर है, जबकि कार ड्राइवर के हाथ-पैरों में चोटें आई हैं। डॉ. ने बताया कि चित्रा सिंह को मृत हालत में हॉस्पिटल लाया गया था।
हादसे के बाद पूर्व सांसद की दो पसलियां टूट गईं। मंगलवार रात को ही मानवेंद्र सिंह और उनके बेटे को गुरुग्राम रैफर किया गया।
चित्रा सिंह का पार्थिव शरीर पहुंचा जोधपुर, शिव विधायक पहुंचे
इस घटना के बाद चित्रा सिंह का पार्थिव शरीर मंगलवार देर रात ही अलवर से सड़क मार्ग से जोधपुर भेजा गया। बताया जा रहा है कि गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। घटना की जानकारी मिलने के बाद उनकी बेटी भी मंगलवार रात को जोधपुर पहुंच गई थी।
इधर, घटना की जानकारी मिलने के बाद शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी भी देर रात अलवर हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने बताया कि पूर्व सांसद और उनके बेटे की हालत खतरे से बाहर हैं और दोनों के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।
ड्राइवर दिनेश रावत को भी गुरुग्राम भेज दिया गया। वही कार चला रहे थे।
1999 में लड़ा था पहला चुनाव, चित्रा सिंह संभालती थीं चुनावी कैंपेन
मानवेंद्र सिंह ने बाड़मेर-जैसलमेर सीट से पहली बार 1999 में लोकसभा चुनाव लड़ा था और वे हार गए। 2004 में बीजेपी से इस सीट पर चुनाव लड़ा था और जीत गए। इसके बाद 2009 में चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। 2013 में शिव विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत गए।
2018 में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए। 2018 विधानसभा चुनाव तत्कालीन सीएम वसुंधरा के सामने झालापाटन से लड़े थे, लेकिन हार गए। इसके बाद कांग्रेस से ही 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन कैलाश चौधरी ने बड़े अंतर से हरा दिया।
2023 विधानसभा सभा चुनाव में वे जैसलमेर से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन कांग्रेस पार्टी ने सिवाना सीट से टिकट देकर चुनाव लड़वाया, यहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
चित्रा सिंह मानवेंद्र सिंह के चुनावी कैंपेन को देखती थी। 2013 के विधानसभा चुनाव में पूरे कैंपेन की बागडोर चित्रा सिंह ने संभाल रखी थीं, वे शिव के अलग-अलग गांवों में जाकर चुनाव प्रचार करती थीं।
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