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प्रगति-पथ:पहला ‘मेड इन इंडिया’ सी-295 विमान 2026 में एयरफोर्स में शामिल हो जाएगा

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प्रगति-पथ:पहला ‘मेड इन इंडिया’ सी-295 विमान 2026 में एयरफोर्स में शामिल हो जाएगा

भारत को सितंबर में मिलने वाला पहला विमान तैयार। - Dainik Bhaskar

भारत को सितंबर में मिलने वाला पहला विमान तैयार।

देश में पहली बार सी-295 विमान निजी फैक्ट्री बनाएगी। फ्रांसीसी कंपनी एयरबस के साथ टाटा एडवांस सिस्टम लि. गुजरात के वडोदरा में 2024 के मध्य तक सी-295 विमान बनाना शुरू करेगी। यहां पर इस मालवाहक विमान की फाइनल असेम्बली लाइन का काम चल रहा है।

इस फैक्ट्री में मेड इन इंडिया यानी पहला स्वदेशी सी-295 विमान 2026 में तैयार होगा और इसे एयरफोर्स को सौंपा जाएगा। फाइनल असेम्बलिंग करने के लिए एयरबस और टाटा के हैदराबाद व नागपुर प्लांट में 14000 से ज्यादा स्वदेशी पार्ट्स तैयार कर वडोदरा भेजे जाएंगे। वडोदरा के प्लांट में 40 विमान तैयार होंगे, जिनकी आपूर्ति 2031 तक एयरफोर्स को होगी। बता दें कि एयरबस से करार के अनुसार, इस विमान की 90% तकनीक भारत को साैंपी जाएगी।

केंद्र सरकार ने 2.8 बिलियन यानी 21 हजार करोड़ रु. की लागत से 56 सी-295 एमडब्ल्यू ट्रांसपोर्ट विमान की एयरबस के साथ डील की है। इसके तहत 2025 तक 16 विमान सीधे स्पेन से रेडी टू फ्लाई मोड पर एयरफोर्स को मिलेंगे। पहला विमान आगामी सितंबर में एयरफोर्स को मिल जाएगा। दूसरे विमान की डिलीवरी मई 2024 तक की जाएगी। इसका निर्माण स्पेन के सेविले प्लांट में हो रहा है। शेष 40 विमान का उत्पादन भारत में होगा।

रेडी टू फ्लाइट मोड- पहला विमान सितंबर में मिलेगा

  • 90% तकनीक मिलने के बाद इंडस्ट्रियल इको सिस्टम में उत्पादन, असेम्बलिंग, विमानों के टेस्टिंग की सुविधा विकसित होगी। विमानों का मेंटेनेंस भी वडोदरा में किया जाएगा।
  • एयरबस गुजरात के प्लांट में ओवरऑल हब विकसित करेगी। यूएई, फिलीपींस, थाईलैंड, उज्बेकिस्तान और इंडोनेशिया को विमानों की मेंटेनेंस और रिपेयरिंग सुविधा दी जाएगी।
  • गुजरात के वडोदरा में अगले साल फाइनल असेम्बली लाइन तैयार होगी
  • हैदराबाद और नागपुर में विमान के 14,000 पार्ट्स बनकर वडोदरा आएंगे

विमान की पहली तैनाती आगरा एयरबेस पर होगी। यहां पर सिम्युलेटर के साथ ट्रेनिंग सुविधा विकसित होगी।

नेवी और कोस्ट गार्ड के लिए 15 विमान खरीदे जाने की डील होने की संभावना है

एयरफोर्स के अलावा नौसेना और कोस्ट गार्ड के लिए 15 से 16 विमान की डील होने की संभावना हैं। इसके लिए एयरबस की नेवी और कोस्ट गार्ड के साथ बातचीत चल रही है। नेवी के लिए 9 से 10 विमान समुद्री सर्विलांस व पेट्रोलिंग के लिए तैयार किए जाएंगे। वहीं कोस्ट गार्ड भी 6 विमानों का उपयोग निगरानी और ट्रूपर्स मूवमेंट के लिए करेगा। बॉर्डर की निगरानी करने वाली देश की पहली रक्षा पंक्ति बीएसएफ ने भी सी-295 खरीदने की तैयारी की है। वहीं दो-तीन सुरक्षा एजेंसियां निगरानी के लिए विमान खरीदने को तैयार हैं। 6 पायलट और 10 इंजीनियर के दल ने सेविले में ट्रेंनिंग पूरी कर ली हैं।

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