बीकानेर 19 अगस्त। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संभागीय केन्द्र सादुल गंज में सोमवार को रक्षा बंधन पर्व पर स्नेह आत्मीयता, उल्लास के साथ उत्सव का माहौल रहा। केन्द्र में नियमित कक्षा व भोग व भाई बहनों की राखी के निमित्त सामूहिक कार्यक्रम हुआ। रक्षा बंधन के आध्यात्मिक रहस्य पर प्रवचन केन्द्र प्रभारी बी.के.कमल के प्रवचन हुए। उन्होंने नशामुक्ति, सदाचार, सद्व्यवहार, शांति, सद्भावना प्रतिज्ञा करवाई जाएगी।
केन्द्र प्रभारी बी.के.कमल, बी.के.मीना व बी.के. रजनी ने केंद्रीय कानून एवं विधि राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल, जिला कलेक्टर नम्रता वैष्णि सहित अनेक जन प्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों, सेवानिवृत कार्मिकों व केन्द्र में आने वाले भाई बहनों के भाल पर तिलक कर रक्षा का सूत्र बांधा तथा मुंह मीठा करवाकर मंगलमय जीवन की कामना की। केन्द्रीय मंत्री मेघवाल को पर्यावरण रक्षा का संदेश देने वाली मोर पंख की सवा फीट की गोलाकार राखी भेंंट की।
बी.के.कमल ने रक्षा सूत्र बंधवाने वालों को बधाई संदेश भी दिया । बधाई संदेश में बताया गया कि कलाई पर शोभायमान यह रक्षा सूत्र दिखने में तो रेशम की डोर है, परन्तु शक्ति में बेजोड़ है। यह राखी आत्मोत्थान की कुंजी एवं दिव्य गुणों की पूंजी भी है। सर्व गुणों को जीवन में सजाना राखी का मधुर संदेश है। स्व-परिवर्तन की अलख जगाना परमात्मा का दिव्य उपदेश है । यह कोमल बंधन आध्यात्मिकता से ओतप्रोत तथा परमात्म शक्तियों का स्रोत है।
बी.के.कमल ने आध्यात्मिक प्रवचन में कहा कि रक्षा बंधन के दिन हम आपस में एक पवित्र संबंध को स्थापित व पुनः जागृत करते है। रक्षा बंधन का पर्व सही अर्थों में हमें अपने में व्याप्त विकारों, बुराइयों को दूर कर आत्मा-परमात्मा से आत्मिक रूप से जुड़ने, देखने, एक दूसरे को स्नेह से सम्मान देने, पवित्र जीवन जीने का संदेश देता है। सभी जीवात्माओं के एक ही परमपिता परमात्मा है। बस अंतर इतना है कि हम आत्माओं को अपना शरीर है किन्तु परमात्मा का अपना शरीर नहीं हैं। उनको हम सब गौड, ईश्वर, खुदा,रब या अल्लाह कहकर पुकारते है। शरीर के पिता सबके अलग-अलग है, इसलिए हम सब एक दूसरे को अलग समझते हैं, लेकिन हम सब आत्मा हैं और हम आत्माओं का एक ही पिता परमात्मा होने के कारण हमारा आपसी संबंध बहुत गहरा, भाईचारे का संबंध है। बी.के.राधा, बी.के. मीना, बी.के.रजनी ने भी केन्द्र में आने वाले भाई-बहनों के रक्षा सूत्र बांधकर उनके प्रति शुभ संकल्प किया।
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