
बीकानेर। प्रदेश के युवाओं मे बढ़ते नशे की लत से अपराध का ग्राफ निरतंर बढ़ता जा रहा है छोटे छोटे बच्चे भी नशे की जड़ में जकड़े जा रहें है “थोड़ी सी तूं भी चख ले के” सहारे एक दुसरे को पान मसाले को खाकर यदा कदा नशे की गिरफ्त में आते बालकों से युवा पीढ़ी निरन्तर नशे की गिरफ्त में आ रही है जिनकी अधिकांश जिंदगी धुँए में उड़ रही है । सरकार आक्रमक दिखती हुई पान मसाला,सिगरेट के रैपर पर धूम्रपान विरोधी दृश्य अंकित भी करवाती है उससे कोई फर्क पड़ता नजर नही आता । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल सदस्य श्रेयांस बैद ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया कि गली मुहल्लों संकड़ी गलियों चाय की दुकानों रेल्वे स्टेशनों,बस स्टैंडों के पास में शाम के समय नशेड़ियों के झुंड मिल जायंगे जिनकी ओसत उम्र भी 20 से 30 साल के लगभग नजर आएगी प्रदेश में शाम के समय शराब की दुकानों को समय पर बंद करने की बंदिशें है जो नाकाफी है । गुटखा बैन हुवा तो पान मसाले के साथ ज़र्दे का पॉउच आ गया जो साथ मे ही बिकता है प्रदेश में गांजे, भांग, चरस,अफीम का व्यवसाय चरम पर फल फूल रहा है जो प्रदेश वासियों को आदि बना रहा है प्रदेश की पुलिस को चाहिए कि वो मुखबिरों के माध्यंम से नशे के खिलाफ कार्यवाही करें सूचना देने वाले व्यक्ति की सूचना गुप्त रखी जाए । पूर्वव्रती सरकार में स्कूलों कॉलेजों में छात्रों के नशीली दवाइयां के सेवन की बात जग जाहिर हुई थी जो पत्र पत्रिकाओं में उजागर भी हुई थी ऐसी पुनरावृत्ति ना हो उसे भी रोकना चाहिए नशा संयुक्त अपराध को जन्म देता है राज्य विधिक सेवाप्राधिकरण निरंतर नशीली दवाओं के दुरुपयोग अवैध तस्करी विरुद्ध विधिक जागरूकता से नशा उन्मूलन के लिये अलख जगा रह है।नशे के कारोबारियों पर नकेल कसने का कार्य जरूरी है पान मसाला बिक्री करने वाले विक्रेता होलसेलर बिना बिल का माल बेचकर आज तक बेहिसाब गुटखा बेच रहे है जिन्हें सरकार से कोई सरोकार नही है ऐसे लोग से सांठ गाँठ रख कर अपना उल्लु सीधा करते रहें हैं प्रदेश में ही देखा जाए तो एक दिन में पान मसाला की बिक्री का आंकड़ा प्रतिदिन कम से कम 50 करोड़ रु का है अन्य अन्य नशे के कारोबार की तुलना की जाए तो ये ट्रांजेक्शन 100 करोड़ तक जाएगा ।आये दिन नशे से होने वाली मौतें भी इसी का कारण बनती है ।ज्यादातर वाहनों को पिकर चलाए जाना भी इसका एक बहुत बड़ा कारण है ।सरकार द्वारा राज्य को नशा मुक्त या प्रतिबंधित किया जाना तो मुश्किल है पर खुले में बिक्री,खुले में धूम्रपान, पीकर गाड़ी चलाना,पान मसाला गुटखे के विज्ञापन पर रोक,थोक विक्रेता पर महत्वपूर्ण फोकस किया जाना जरूरी है आमूलचूल परिवर्तन कुछ नई दिशा प्रदान कर सकते है ।
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