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प्री-डीएलएड में भीलवाड़ा की संतरा सामान्य सब्जेक्ट में टॉप:संस्कृत में बूंदी की हिमांशी जैन सबसे आगे, तीसरे नंबर पर एक साथ दो स्टूडेंट

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प्री-डीएलएड में भीलवाड़ा की संतरा सामान्य सब्जेक्ट में टॉप:संस्कृत में बूंदी की हिमांशी जैन सबसे आगे, तीसरे नंबर पर एक साथ दो स्टूडेंट

बीकानेर

रिजल्ट शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला और निदेशक कानाराम रिजल्ट जारी करते हुए। - Dainik Bhaskar

रिजल्ट शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला और निदेशक कानाराम रिजल्ट जारी करते हुए।

राज्यभर में चल रहे डीएलएड कॉलेज में एडमिशन के लिए प्री-डीएलएड एग्जाम का रिजल्ट शुक्रवार को जारी हो गया है। सामान्य सब्जेक्ट में भीलवाड़ा की संतरा जाट ने प्रदेशभर में पहला स्थान प्राप्त किया है। संतरा ने 600 में से 525 अंक प्राप्त किए हैं। इसी तरह संस्कृत में बूंदी की हिमांशी जैन ने पहला स्थान प्राप्त किया। हिमांशी ने 600 में से 489 अंक प्राप्त किए हैं।

शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला और माध्यमिक शिक्षा निदेशक कानाराम ने रिजल्ट घोषित करते हुए बताया कि सामान्य वर्ग में दूसरे नंबर पर टोंक के विनोद बैरागी और तीसरे नंबर पर नागौर का रामनारायण रहा।

इसी तरह संस्कृत में दूसरे नंबर पर टोंक का सत्यनारायण जांगिड़ रहा। वहीं तीसरे नंबर पर दो स्टूडेंट्स रहे। जिनमें बूंदी के गिरध कुमार चिथौड़ा और भीलवाड़ा के प्रतिमा खटीक शामिल है।

6 लाख से ज्यादा कैंडिडेट ने लिया था हिस्सा

शिक्षा विभागीय पंजीयक कार्यालय की ओर से ये एग्जाम लिया गया था। इसमें 6 लाख 19 हजार कैंडिडेट ने हिस्सा लिया। इनमें सफल कैंडिडेट को प्रदेश के पौने चार सौ से ज्यादा डीएलएड कोर्स में एडमिशन दिया जाएगा। दो साल के डिप्लोमा कोर्स के लिए बारहवीं उत्तीर्ण की योग्यता है। प्री डीएलएड एग्जाम 28 अगस्त को आयोजित हुआ था और एक महीने में शिक्षा विभागीय परीक्षा कार्यालय ने इसका रिजल्ट तैयार कर लिया।

सभी को मार्क्स, नंबर पर सिलेक्शन

इस परीक्षा में कोई भी स्टूडेंट फेल नहीं हो रहा है। प्री डीएलएड देने वाले सभी कैंडिडेट को मार्क्स दिए जाएंगे। इसी मार्क्स के आधार पर उन्हें राज्य के 377 कॉलेज के लिए होने वाली काउंसिलिंग में हिस्सा लेना है। करीब 26 हजार सीट्स पर एडमिशन होगा। हर कैटेगरी के कैंडिडेट अपने मार्क्स के आधार पर काउंसिलिंग में सीट ले सकता है।

शिक्षा विभागीय पंजीयक कार्यालय के पंजीयक और अन्य अधिकारियों की ओर से एक महीने में ही रिजल्ट तैयार कर दिया गया।

शिक्षा विभागीय पंजीयक कार्यालय के पंजीयक और अन्य अधिकारियों की ओर से एक महीने में ही रिजल्ट तैयार कर दिया गया।

क्या है डीएलएड ?

पूर्व में जिस कोर्स को बीएसटीसी कहा जाता था, उसे अब डीएलएड नाम दिया गया है। डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एज्यूकेशन का ये सिलेबस दो साल का है। इसी के आधार पर पर प्रदेश के प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने का अवसर मिलता है। हाल ही में जिन चालीस हजार टीचर्स की नियुक्ति ग्रेड थर्ड लेवल वन और लेवल टू के रूप में हुई है, वो सभी डीएलएड योग्यताधारी है।

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