फंगल इन्फेक्शन
फंगल इन्फेक्शन के लक्षण
स्किन के फंगल इन्फेक्शन में चकत्ते, लालिमा, पपड़ी या दरारे बनान आम हैं।
मुंह के फंगल इन्फेक्शन में भीतरी गाल, जीभ, मुंह की छत और गले पर सफेद धब्बे हो जाते हैं।
योनि में फंगल इन्फेक्शन होने पर योनि में खुजली और जलन के साथ सफेद पानी भी आता है।
सामान्य लक्षण
लाल रंग के चकत्ते होना (रैश)
त्वचा में लाल या बैंगनी रंग के पैच होना
प्रभावित क्षेत्रों पर सफेद पाउडर की तरह पदार्थ का निकलना
त्वचा में पपड़ी जमना व खाल उतरना
त्वचा में दरारें होना
त्वचा के प्रभावित हिस्से में दर्द
त्वचा का लाल होना
त्वचा का कुछ हिस्सा सफेद व नरम हो जाना
प्रभावित क्षेत्रों में पस के साथ दाने होना
फंगल इन्फेक्शन से बचाव
- पैरों को साफ और सूखा रखें। मोजों को हर रोज बदलें। इस बात पर भी ध्यान दें कि आपके जूते ज्यादा टाइट न हों और आपको सही तरह से फिट हों।
- जूतों में रोज़ एंटी-फंगल पाउडर का इस्तेमाल करें।
- पुराने जूते और चप्पल पहनने से बचें। इसके अलावा आप दूसरों के साथ जूते साझा न करें।
- जिस जगह पर आप नियमित रूप से नंगे पैर चलते हों, उस फर्श को अच्छी तरह से साफ रखें।
- अपना चेहरा नियमित रूप से धोएं। इसके साथ ही त्वचा को शुष्क व साफ रखें और अपने निजी चीजों को किसी के साथ साझा न करें।
- बाथरूम, जिम, कारपेट और सार्वजनिक स्नान वाली जगहों पर नंगे पैर जाने से बचें। इन जगहों पर चप्पल जरूर पहनें।
- यदि आपका वजन अधिक हो या आप मोटापे से ग्रस्त हों, तो आप अपनी त्वचा को अच्छी तरह से सुखाएं।
- साफ व सूती अंडरवियर और ढीली पैंट ही पहनें। अपने रान (जांघ और जन्नांग को जोड़ने वाला हिस्सा) को साफ और सूखा रखें।
- नाखूनों के ऊपरी हिस्सों को काट कर छोटा रखें और नाखूनों को बढ़ने न दें
- परिवार के किसी सदस्य या मित्र को फंगल इन्फेक्शन हो तो इसका इलाज तुरंत करवाएं, इस समस्या में अनदेखी न करें।
- अगर किसी को रान या किसी अन्य हिस्से में फंगस हो जाएं, तो उसको नियमित रूप से साफ़ करें
होम्योपैथिक दवाएँ:- सलफर, नाईट्रिक एसिड, ब्राइनिया, मिजेरियम आदि।
होमियोपैथिक ओषधि का उपयोग केवल मात्र शिक्षित चिकित्सक के निगरानी मे ही लेवे !
*डॉ रुबीना खानम मिर्ज़ा
(महिला रोग होम्योपैथिक विशेषज्ञ)
डॉ. मिर्ज़ा होम्यो
9414348220
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