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बारामती में सुप्रिया सुले और भाभी सुनेत्रा पवार में मुकाबला:शरद पवार की बेटी 2009 से सांसद, अजित की पत्नी पहली बार चुनावी मैदान में

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बारामती में सुप्रिया सुले और भाभी सुनेत्रा पवार में मुकाबला:शरद पवार की बेटी 2009 से सांसद, अजित की पत्नी पहली बार चुनावी मैदान में

मुंबई

बारामती में 7 मई को लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी। 4 जून को नतीजे आएंगे। - Dainik Bhaskar

बारामती में 7 मई को लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी। 4 जून को नतीजे आएंगे।

महाराष्ट्र के बारामती लोकसभा सीट से शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ डिप्टी सीएम अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार चुनाव लड़ेंगी। NCP अजित गुट के नेता सुनील तटकरे ने शनिवार (30 मार्च) को इसकी घोषणा की।

अजित और सुप्रिया चचेरे भाई-बहन हैं। इस रिश्ते से सुप्रिया और सुनेत्रा ननद-भाभी हैं। NCP शरद गुट ने शनिवार 30 मार्च की शाम को ही राज्य की 5 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था। इसके कुछ देर बाद NCP अजित गुट ने बारामती से अपने कैंडिडेट की घोषणा की।

बारामती सीट 57 सालों से पवार परिवार का गढ़ माना जाता है। शरद पवार ने 1967 में पहली बार बारामती से विधानसभा चुनाव जीता था। वे 1972, 1978, 1980, 1985 और 1990 के विधानसभा चुनाव में यहां से लगातार जीते।

इसके बाद शरद 1991, 1996, 1998 और 2004 में बारामती से लगातार सांसद चुने गए। ​​​​​उन्होंने ​2009 में अपनी बेटी सुप्रिया को ये सीट सौंप दी थी। सुप्रिया ने 2009, 2014 और 2019 में यहां से जीत दर्ज की। सुनेत्रा पहली बार चुनाव में उतरी हैं।

कौन हैं सुनेत्रा पवार…

60 साल की सुनेत्रा पवार सोशल एक्टिविस्ट हैं। सुनेत्रा पवार एनवायर्नमेंटल फोरम ऑफ इंडिया की संस्थापक हैं, जो 2010 में स्थापित NGO है। सुनेत्रा विद्या प्रतिष्ठान के लिए ट्रस्टी के रूप में काम करती हैं। वह 2011 में फ्रांस में विश्व उद्यमिता मंच थिंक टैंक की सदस्य रही हैं।

उनके भाई वरिष्ठ राजनीतिज्ञ और पूर्व मंत्री पदमसिंह पाटिल हैं। उनके भतीजे राणा जगजीतसिंह पदमसिंह पाटिल उस्मानाबाद से भाजपा के विधायक हैं। उनके बड़े बेटे पार्थ ने मावल से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन असफल रहे थे।

अजित पवार ने 2023 में चाचा शरद से नाता तोड़ा था
अजित पवार पिछले साल 2 जुलाई 2023 को NCP के आठ विधायकों के साथ भाजपा-शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे। इसी दिन शिंदे सरकार में अजित ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद NCP दो धड़ों में बट गई थी। एक गुट अजित पवार और दूसरा शरद पवार का हो गया था।

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