*बिजली कनेक्शनों की प्रबंधन स्तर पर नहीं हो रही मॉनिटरिंग:बिजली कनेक्शन में ‘अवैध आपत्ति’, पूरी वायरिंग होने पर मीटर लगाने का नियम अधूरा, कंस्ट्रक्शन बता रोक देते हैं कनेक्शन*
जयपुर डिस्कॉम के फील्ड इंजीनियर बिजली कनेक्शन जारी करने में ‘अवैध आपत्ति’ लगा कर आम जनता को परेशान कर रहे है। बिजली सप्लाई के निबंधन एवं शर्तें (टीसीओएस) में एक कमरा होने पर भी केवल वायरिंग (तार फीटिंग) देखने के बाद कनेक्शन जारी कर मीटर लगाने का नियम है, लेकिन डिस्कॉम के एईएन व जेईएन अधूरा कंस्ट्रक्शन का बहाना कर कनेक्शन देने से रोक रहे है। इससे उपभोक्ता दलालों के चक्कर में फंस जाता है और दफ्तरों के बाहर काउंटर लगा कर बैठने वाले लोग अवैध वसूली करते है।
सिटी सर्किल तक कई शिकायतें पहुंची है, लेकिन ‘स्टॉफ’ का मामला होने के कारण एईएन-जेईएन पर कार्रवाई नहीं हो रही है। बिजली सप्लाई के निबंधन एवं शर्तें में बिजली कनेक्शन देने के 7 दिन तय है, लेकिन कनेक्शन 15 से 25 दिन में भी जारी नहीं किए जा रहे है। उपभोक्ता को सर्विस कनेक्शन जेईएन, कंज्यूमर क्लर्क व एईएन के पास चक्कर लगाने पड़ रहे है।
*कंस्ट्रक्शन चल रहा है तब ही दे सकता है नोटिस :* जेसीसी के अधीक्षण अभियंता एके त्यागी का कहना है कि यदि मौके पर कंस्ट्रक्शन या निर्माण कार्य चल रहा है, जब ही एईएन नोटिस दे सकता है। यदि 200 गज के प्लाॅट में केवल एक कमरा बन चुका है तो कनेक्शन दिया जा सकता है।
*कनेक्शन देने में पावरफुल जेईएन और सीसी बाबू*
सिटी सर्किल के अधिकांश सबडिवीजनों में सर्विस कनेक्शन का काम सिफारिशी जेईएन, एस्टीमेटर व कंज्यूमर क्लर्क देख रहे है। इनका चार्ज तीन साल से भी नहीं बदला है। हर सबडिवीजनों के बाहर कनेक्शनों की फाइल बनाने वाले काउंटरों पर ही कनेक्शन के एस्टीमेट व डिमांड नोटिस की राशि तय होती है।
उपभोक्ता की ओर से सेवा शुल्क देने पर यह राशि कम ज्यादा हो जाती है। इसके बाद सर्विस कनेक्शन का चार्ज देख रहे जेईएन व फील्ड में एस्टीमेट बनाने वाले टेक्निकल हेल्पर मनमर्जी करते है, लेकिन डिस्कॉम के एक्सईएन व अधीक्षण अभियंता की ओर से इन फाइलों की स्क्रूटनी कर एक बार भी कार्रवाई नहीं की है। दफ्तरों में दलाल इस कदर हावी है कि एईएन व एक्सईएन को शिकायत करने के बावजूद भी सर्विस कनेक्शन जेईएन, कंज्यूमर क्लर्क बाबू व एस्टीमेट बनाने वाले टेक्निकल हेल्पर नहीं बदले जाते है।
यह है नियम : डिस्काॅम की कॉमर्शियल विंग के अधीक्षण अभियंता पीके गुप्ता का कहना है कि टीसीओएस के अनुसार केवल फिटिंग यानि वायरिंग देखने के बाद मीटर लगा कर कनेक्शन दे सकते है। उपभोक्ता अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार कंस्ट्रक्शन करवा सकता है। कोई भी एईएन पूरा मकान बनाने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है।
*झोटवाड़ा सबडिवीजन में सबसे ज्यादा नोटिस*
झोटवाड़ा (करधनी) सबडिवीजन में पृथ्वीराज नगर क्षेत्र की कॉलोनियों में कनेक्शन को लेकर सबसे ज्यादा नोटिस जारी किए जा रहे है। नोटिस के बाद फाइल को बंद कर दिया जाता है। बेवजह शपथ पत्र मांगें जा रहे है। एसई व एमडी को शिकायत के बावजूद भी इस सबडिवीजन में कनेक्शन फाइलों की स्क्रूटनी व जांच नहीं की गई है। इससे प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे है।
Add Comment