DEFENCE / PARAMILITARY / NATIONAL & INTERNATIONAL SECURITY AGENCY / FOREIGN AFFAIRS / MILITARY AFFAIRS

बिना NDA सेना में अफसर बनने का सपना होगा साकार, जानें क्या है CDS

TIN NETWORK
TIN NETWORK
FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

बिना NDA सेना में अफसर बनने का सपना होगा साकार, जानें क्या है CDS

CDS का मतलब कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज है, और यह इंडियन आर्म्ड फोर्सेज में चयन के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षा है। यह परीक्षा, ग्रेजुएट लोगों के लिए आयोजित की जाती है। इस परीक्षा में 21 से 24 साल के छात्र हिस्सा ले सकते हैं।

 What Is CDS: CDS की परीक्षा डिफेंस, नेवी और एयरफोर्स में ऑफिसर बनने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए आयोजित होती है।

CDS परीक्षा के लिए एलिजिबिलिटी:

  • उम्मीदवार भारत में स्थायी रूप से बसे हों
  • उम्मीदवार ग्रेजुएट हों या ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष में हों
  • परीक्षा के लिए न्यूनतम आयु सीमा 19 साल है
  • उम्मीदवारों की उम्र 20-24 साल के बीच होनी चाहिए
  • पुरुष उम्मीदवारों की लंबाई कम से कम 157.5 सेंटीमीटर होनी चाहिए, नौसेना के लिए 157 सेंटीमीटर और वायु सेना के लिए 162.5 सेंटीमीटर होनी चाहिए

CDS परीक्षा का पैटर्न तीन चरणों (I, II, III) में होता है:

  • प्रिलिमनरी एग्जामिनेशन (रिटन एग्जाम – I): यह पहला चरण है और इसमें तीन पेपर्स होते हैं – एक पेपर मैथ्स, एक पेपर जनरल नॉलेज, और एक पेपर अंग्रेजी भाषा में। इस परीक्षा को सफलता पूर्वक पास करने वाले उम्मीदवारों को अगले चरण में भाग लेने का अधिकार होता है।
  • मैंन एग्जाम (रिटन एग्जाम – II): इसमें वही तीन पेपर्स होते हैं – मैथ्स, जनरल नॉलेज, और अंग्रेजी भाषा में। इसके बाद, सफल उम्मीदवारों को तीन सेना अकादमियों (इंडियन मिलिट्री एकेडमी, नैवल अकादमी, एयर फोर्स अकादमी) के लिए इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है।
  • इंटरव्यू और मेडिकल परीक्षा: इंटरव्यू चरण में, उम्मीदवारों को उनकी पर्सनालिटी और अनुभवों पर आधारित इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। इसके आधार पर उन्हें सेना की तैयारी और हाई लेवल लीडरशिप स्किल्स में जाँचा जाता है।

रिटन एग्जाम यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा आयोजित किया जाता है। इंटरव्यू और मेडिकल एग्जाम सर्विस सिलेक्शन बोर्ड द्वारा आयोजित किए जाते हैं। इस पूरी प्रक्रिया के आधार पर, उम्मीदवारों का चयन अगले चरण में होता है और उन्हें विभिन्न सेना अकादमियों में प्रशिक्षण दिया जाता है। यदि वे प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करते हैं, तो उन्हें आर्म्ड फोर्सेज के ऑफिसर के रूप में नियुक्ति मिलती है। CDS परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों को कैडेट ट्रेनिंग से गुज़रना पड़ता है। ट्रेनिंग के दौरान सेना, नौसेना, या समकक्ष पदों के अधिकारियों को निश्चित स्टाइपेंड मिलता है।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!