बीकानेर के दिव्यांग बच्चों का दिखाया कमाल:ऑनलाइन शो किए साइंस प्रोजेक्ट्स, ‘”ब्लाइंड स्टिक” के नए वर्जन के साथ रोबोटिक हैंड बनाया
बीकानेर
बीकानेर के जो स्टूडेंट्स बोल नहीं पाते हैं, उन्होंने साइंस प्रोजेक्ट्स पर जबर्दस्त काम किया है। इन बच्चों ने “ब्लाइंड स्टिक” का नया वर्जन बना दिया तो रोबोटिक हैंड और पवन चक्की सहित कई प्रोजेक्ट्स पेश किए। ये आयोजन तो चित्तौड़गढ़ में हुआ लेकिन बीकानेर के स्टूडेंट्स किसी कारण वहां पहुंच नहीं सके। इस पर शिक्षा सचिव नवीन जैन के प्रयासों से इनके प्रोजेक्ट्स को लाइव वीडियो के माध्यम से देखा गया। निर्णायकों ने इन प्रोजेक्ट्स को काफी सराहा।
बीकानेर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय (बधिर) के पांच स्टूडेंट्स मनीष, श्यामलाल, सुरेंद्र सिंह, कालूराम और नंदलाल को चित्तौड़गढ़ में आयोजित राज्य स्तरीय विज्ञान, गणित एवं पर्यावरण प्रदर्शनी में अपने मॉडल पेश करने थे। किसी कारण ये लोग वहां पहुंच नहीं सके। इसकी जानकारी जब स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव नवीन जैन काे मिली तो उन्होंने अधिकारियों को आपस में समन्वय करते हुए ऑनलाइन ही इनके मॉडल देखने के निर्देश दिए। इसके बाद वीडियो कॉल पर इनके मॉडल देखे गए।
ऑनलाइन मोड पर बीकानेर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बधिर की कक्षा 9 के छात्र मनीष ने सीनियर वर्ग में दिव्यांगों एवं बुजुर्गों के लिए ‘ब्लाइंड स्टिक’ के मॉडल का प्रदर्शन किया। वहीं जूनियर कैटेगरी में कक्षा 7 के चार छात्रों छात्रों में से रामलाल ने पवन चक्की, सुरेंद्र सिंह ने कृषि विषय पर मॉडल, कालूराम ने ‘एक्सीडेंट प्रीवेंटर’ तथा नंदलाल ने ‘रोबोटिक हैंड’ के मॉडल बीकानेर से ही चितौड़गढ़ में बैठे निर्णायकों के समक्ष प्रदर्शित किए। चित्तौड़गढ़ में बैठे निर्णायक मंडल के सदस्यों ने इन छात्रों के जज्बे और विजन की तारीफ करते हुए मॉडल तैयार करने में उनकी मेहनत और प्रयासों को भी सराहा।
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