बीकानेर के सामुदायिक भवनों की बदहाल स्थिति को लेकर न्यायालय ने प्रशासनिक अधिकारियों सहित अन्य को किया तलब
बीकानेर। बीकानेर के सामुदायिक भवनों की स्थिति और संचालन की माकूल व्यवस्था नही होने के चलते न्यायालय ने जिला कलक्टर, संभागीय आयुक्त, नगर निगम तथा नगर विकास न्यास को तलब किया है।
उल्लेखनीय है कि बीकानेर के हर वार्ड में लगभग सामुदायिक भवन प्रशासन द्वारा स्थापित किए गए हैं । इन भवनों को स्थापित करने के पीछे मंशा यह रही कि उस वार्ड विशेष के लोगों को अपने कार्यक्रमों, निजी कार्यक्रमों, क्षेत्र विशेष के कार्यक्रमों तथा अन्य अवसरों पर उचित दर पर यह भवन आसानी से उपलब्ध हो सके। परंतु वर्तमान स्थिति यह है कि जिस वार्ड में यह भवन स्थापित है वहां के वार्ड पार्षद द्वारा इसका निजी तौर पर इस्तेमाल करने तथा अपने हित साधने की कोशिश की जा रही है। सूत्रों की मानें तो आए दिन वार्ड पार्षदों द्वारा अपने क्षेत्र के लोगों को इन सामुदायिक भवनों का लाभ देने की जगह इसे स्व संपत्ति समझकर उपयोग करने तथा अपने जानकारों को फायदा देने के कार्य भी किए जाते रहे हैं। इस विषय पर संज्ञान लेते हुए स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष महेश कुमार शर्मा तथा सदस्य रामकिशन शर्मा ने यह माना है कि सामुदायिक भवनों के रखरखाव एवं सफाई व्यवस्था को लेकर भी प्रशासन द्वारा कोई रचनात्मक कार्य नहीं किया जा रहा है। इस संदर्भ में जेल वेल मोहल्ला समिति द्वारा इस विषय पर न्यायालय का ध्यान अवगत करवाया गया है जिस पर कार्यवाही करते हुए न्यायालय ने माना है कि बीकानेर शहर में विभिन्न जगहों पर सामुदायिक भवन बने हुए है जिनके संचालन बाबत किसी प्रकार की कोई नियमावली या नियम नहीं बने हुए है और न ही नगर निगम द्वारा उनका संचालन किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में यह आवश्यक है कि इस बारे में एक समुचित नियमावली बनाई जाये ताकि इन सामुदायिक भवनों का संरक्षण एवं उचित देखभाल हो तथा आम जनता को इसका लाभ प्राप्त हो सके। इसके लिये राज्य सरकार के प्रतिनिधि जिला कलक्टर, संभागीय आयुक्त, नगर निगम तथा नगर विकास न्यास को नोटिस जारी है।
जेल वेल मोहल्ला समिति द्वारा इस संदर्भ में मामला लगाए जाने के बाद स्थाई लोक अदालत ने आगामी 24 अगस्त 2022 को जिला कलक्टर, संभागीय आयुक्त, नगर निगम तथा नगर विकास न्यास को तलब करते हुए न्यायालय में पेश होने के आदेश जारी किए गए हैं।
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