प्रमुख शासन सचिव राजस्थान सरकार द्वारा किया गया प्रतिष्ठान निरिक्षण
प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड] कला व संस्कृति विभाग राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान बीकानेर कार्यालय का निरिक्षण किया गया। निरिक्षण के दौरान प्रमुख शासन सचिव ने पाडुलिपि संधारण] संग्रहण] संरक्षण एवं शोधार्थियों की आवश्यकता के अनुरूप प्राच्य प्रतिष्ठान में रखी गयी हजारों पाडुलिपियों के लाखों पृष्ठों को डिजिटाईज करा कर शोधार्थियों के मांग अनुरूप उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया का अवलोकन किया। श्रीमती राठौड़ ने संस्थान में संग्रहित अतिदुर्लभ ग्रंथ जिनमें पेड़ की छाल, ताड पत्र एवं बास पर लिखी पाडुलिपि] खरडा] पट्टचित्र ग्रंथ एवं दुर्लभ श्रैणी के ग्रंथ वेलि कृष्ण रूकमणि री] प्रियविलास] कल्पसूत्र एवं राजप्रशनीयसूत्र आदि का अवलोकन किया। प्रतिष्ठान से प्रकाशित ख्यात नाम पुस्तके सीताराम लालस कृत राजस्थानी शब्दकोष] नैणसी री ख्यात] राठौड़ों की ख्यात] आर्ष रामायण आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की। संस्थान द्वारा डिजिटाईज कराई गई समस्त पाडुलिपियाँ एवं विवरणात्मक सूचियाँ की जानकारी भी कम्प्यूटर मे अवलोकन की गई। कार्यालय में बने पुस्तकालय निरिक्षण के दौरान प्राच्य प्रतिष्ठान द्वारा प्रारम्भ की गई ’’सुनी लिखी पढी श्रंZखला’’ की जानकारी भी प्राप्त की गई।
वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी डा. नितिन गोयल ने प्रमुख शासन सचिव को शैक्षणिक कार्यक्रमों के निरन्तर आयोजन, प्रतिष्ठान सदृढ़ीकरण वास्ते रिक्त पदों के भरने] नवीन पद सृजन एवं संसाधनों हेतु बजट उपलब्ध करने हेतु अनुग्रह किया। पुस्तकालय में शैक्षणिक गतिविधियों में सुगम आयोजनों के वास्ते वातानुकूलित करने के निर्देश भी दिये गये।
प्रमुख शासन सचिव द्वारा प्रतिष्ठान के गत वर्षों में किये गये आकादमिक आयोजनों एवं राजस्व अभिवृद्धि हेतु किये गये प्रयासों की भूरी-भूरी प्रशंसा की एवं कार्य उतरोतर गति से निरन्तर बनाये रखने के निर्देश भी दिये। इस दौरान पुरातात्विक विभाग के निदेशक] गंगा म्यूजियम के प्रभारी एवं प्रतिष्ठान के कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
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