बीकानेर।बीकानेर में पिछले कई दिनों से कोरोना रोगियों की संख्या में इजाफा होने के बीच रेमडेसीविर इंजेक्शन की कालाबाजारी दिनोदिन बढ़ती जा रही है हालात यह हैं कि बीकानेर में नामी दवा कारोबारियों ने रेमडेसिवर इंजेक्शन की बड़ी मात्रा अपने पास जमा कर ली है। सूत्रों के अनुसार कल एक निजी अस्पताल में भर्ती युवक की कोरोना के कारण तबीयत बिगड़ने पर वहां 1400 रूपए कीमत के रेमडेसीविर इंजेक्शन के लिए 20000 रुपए देने के बावजूद इंजेक्शन उपलब्ध नहीं करवाया गया। जब उस मरीज की स्थिती अत्यंत दयनीय हो गई और ऑक्सीजन लेवल 50 तक पहुंच गया तब इंजेक्शन के बदले 80000 रुपए की मांग की गई। उस समय बिगड़ती तबीयत के बीच युवक को पीबीएम अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां इंजेक्शन लगने के बाद उसकी स्थिति में कुछ सुधार हुआ है। युवक की स्थिति अब खतरे से बाहर बताई जा रही है । प्राइवेट अस्पतालों की स्थति और कालाबाजारी की खबरें बाहर आने के बाद एसओजी की टीम ने सर्जिकल स्ट्राइक के अंदाज में जिला मुख्यालय के बड़े दवा कारोबारियों पर जांच प्रारंभ कर दी है। सूत्रों के हवाले से औषध विभाग ने मित्तल फार्मा ,राजेंद्र जनरल स्टोर सहित विभिन्न स्टॉकिस्टों की दुकानों पर जांच का कार्य शुरू कर दिया है। उल्लेखनीय है कि बीकानेर में कोरोना रोगियों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है और हालात नियंत्रण से बाहर होते जा रहे हैं।पिछले एक माह से रेमदेसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी की खबरें बार-बार प्रकाश में आई हैं।कार्यवाही की भनक लगते ही जिला मुख्यालय के दवा कारोबारियों में हड़कंप का माहौल है। इसके साथ ही कई प्राइवेट हॉस्पिटलों के मेडिकल स्टोर्स में भी एसओजी की जांच जारी है।
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