राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कराने अनापत्ति मांगी:जिला प्रशासन की 71.437 हेक्टेयर जमीन रेलवे के कब्जे में
आजादी के बाद से जिला प्रशासन की शहरी क्षेत्र में 71.437 हेक्टेयर जमीन रेलवे के कब्जे में है। रेलवे की ओर से इन जमीनों पर अपनी योजनाएं संचालित की जा रही है। जिला प्रशासन और रेलवे ने जमीन पर कब्जे का विवाद सुलझाने के प्रयास शुरू किए हैं। यूआईटी की राजस्व ग्राम बीकानेर के अलग-अलग खसरों में 15.697 हेक्टेयर व राजस्व ग्राम चकगर्बी में 29.59 हेक्टेयर सहित कुल 45.287 हेक्टेयर और नगर निगम की 26.15 हेक्टेयर जमीन रेलवे के कब्जे में है। राजस्व रिकॉर्ड में यह जमीन यूआईटी और नगर निगम के नाम है, लेकिन कब्जा रेलवे का है।रेलवे अपने कब्जे की जमीन पर परियोजनाएं संचालित कर रहा है। आजादी के बाद से कब्जाशुदा जमीन का निस्तारण नहीं हो पाया है। जिला प्रशासन और रेलवे ने अब एक बार फिर से प्रयास शुरू किए हैं और संयुक्त कमेटी बनाई। कमेटी में राजस्व विभाग, यूआईटी, नगर निगम और रेलवे के अधिकारियों को शामिल किया गया है। पिछले दिनों कलेक्टर की मौजूदगी में जमीन के निस्तारण पर विचार-विमर्श किया गया। रेलवे ने अपने कब्जे वाली जमीन को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए अनापत्ति चाही है। नगर निगम ने अपनी सहमति दे दी है और यूआईटी ने सरकार को पत्र लिखा है।
कहां, कितनी जमीन रेलवे के कब्जे में यूआईटी
खसरा नंबर 391 में रानीबाजार रेलवे क्रॉसिंग से पश्चिम की तरफ रेलवे स्टेशन की ओर 0 .67 हेक्टेयर
खसरा 608/393 में आंबेडकर सर्किल से रानीबाजार रेलवे क्रॉसिंग की तरफ जाने पर राइट साइड में 0.47 और 0.79 हेक्टेयर
खसरा 455 में जयपुर रोड स्थिति बापू कॉलोनी में 0.94 हेक्टेयर
खसरा 529 में चन्द्र चौधरी सर्किल से मेजर पूर्णसिंह सर्किल की तरफ लेफ्ट साइड में 1.33 हेक्टेयर
खसरा 388 में रानीबाजार फाटक से घड़सीसर की तरफ ट्रेक के नजदीक वाशिंग लाइन और आरपीएफ कॉलोनी 9.10 हेक्टेयर
खसरा 392 में खसरा 391 के पास रानीबाजार फाटक से स्टेशन की ओर 1.52 हेक्टेयर
नगर निगम
खसरा नंबर 394 में 5.66 हेक्टेयर जहां रेलवे स्टेशन व प्लेटफार्म बने हैं
खसरा 281 में 2.28 हेक्टेयर आंशिक रेलवे स्टेशन और उसके सामने की जमीन
खसरा 445 में 18.21 हेक्टेयर जहां रेलवे के ऑफिस, डीआरएम ऑफिस, स्टेडियम व आवासीय कॉलोनी है
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