बीकानेर से अकेले सुमित गोदारा बने मंत्री:चतुष्कोणीय मुकाबले में लूणकरनसर से जीते; पिता बोले, अब जिम्मेदारी बढ़ गई
सुमित गोदारा आज सुबह जयपुर के लिए रवाना हुए हैं।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मंत्रिमंडल में बीकानेर से अकेले सुमित गोदारा को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। बड़ी बात ये है कि पहली ही बार में सुमित को केबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। ऐसे में उनके पास किसी बड़े विभाग की जिम्मेदारी की उम्मीद की जा रही है। सुमित ने लूणकरनसर के चतुष्कोणीय मुकाबले में भाजपा के लिए ये सीट निकाली, जिसका पुरस्कार उन्हें शनिवार को मिल गया।
दैनिक भास्कर से बातचीत में सुमित गोदारा ने सुबह ही स्पष्ट कर दिया था कि वो जयपुर पहुंच रहे हैं। उन्हें खुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने फोन करके ये कहा था कि आप जयपुर पहुंचे और केबिनेट मंत्री के रूप में आपको शपथ लेनी है। गोदारा ने किसी के सामने ये प्रकट नहीं किया कि उन्हें केबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई जा रही है। ये जरूर बताया कि वो शपथ ले सकते हैं।
दूसरी बार विधायक बने
सुमित गोदारा लूणकरनसर से लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं। इससे पहले पिछला चुनाव उन्होंने तत्कालीन गृह राज्यमंत्री वीरेंद्र बेनीवाल को हराया था। तब से वो चर्चा में थे लेकिन भाजपा की सरकार नहीं बन पाई। इसके बाद सुमित ने पांच साल तक लूणकरनसर में जमकर मेहनत की। इसी कारण उन्होंने दूसरी बार भी जीत हासिल कर ली। सुमित ने कांग्रेस के डॉ. राजेंद्र मूंड को हराया। वहीं निर्दलीय उम्मीदवार वीरेंद्र बेनीवाल और प्रभुदयाल सारस्वत को हराया।
पिता डॉक्टर, दवाओं का काम
सुमित गोदारा के पिता आर.के. चौधरी ने पीबीएम अस्पताल में डॉक्टर के रूप में सेवाएं दी। खुद सुमित गोदारा पूर्व में दवाओं के कारोबार से जुड़े रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2010 के बाद सक्रिय राजनीति में हिस्सा लेना शुरू किया। वो पहला चुनाव निर्दलीय मानिक चंद सुराना से हार गए थे लेकिन बाद में उन्होंने वीरेंद्र बेनीवाल को हराया और इस बार वीरेंद्र बेनीवाल के साथ कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. राजेंद्र मूंड को भी हरा दिया। वर्ष 2018 में पहली बार विधायक बने और इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वो राजनीति में लगातार सफल होते जा रहे हैं। दो बार विधायक बनने के साथ ही उन्हें सीधे केबिनेट मंत्री का पद मिला है।
पिता बोले, जिम्मेदारी बढ़ गई
सुमित गोदारा के पिता आर.के. चौधरी ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि जीतने की खुशी सबको होती है। मंत्री बन गए तो समर्थक भी खुश और परिवार भी खुश है। इससे बड़ी बात ये है कि अब सुमित गोदारा की जिम्मेदारी बढ़ गई है। उन्हें आम जनता के प्रति अपनी जवाबदेही और बढ़ानी होगी।
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