बीकानेर, 26 अक्टूबर। राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती संगीता बेनीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का संकल्प है कि प्रदेश बालश्रम मुक्त हो। बीकानेर द्वारा इस दिशा में पहल करते हुए बीछवाल औद्योगिक क्षेत्र को बालश्रम मुक्त बनाया गया है, जो कि सराहनीय है।
श्रीमती बेनीवाल मंगलवार को बीछवाल औद्योगिक क्षेत्र को बाल श्रम मुक्त घोषित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि बालश्रम मुक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने के लिए सभी को साझा प्रयास करने होंगे। प्रत्येक नागरिक को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए बालश्रम करवाने वालों को सावचेत तथा इससे जुड़े कानूनी प्रावधानों के प्रति जागरुक करना होगा। बालश्रम में लिप्त बच्चों को बालश्रम से दूर करने के साथ उन्हें राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं और कौशल विकास कार्यक्रमों से जोड़ा जाए, जिससे ऐसे बालकों का भविष्य सुरक्षित हो सके।
श्रीमती बेनीवाल ने बीकानेर को बाल श्रम मुक्त करने के लिए किए जा रहे प्रयासों को सराहा और कहा कि शीघ्र ही पूरा जिला बालश्रम मुक्त हो। उन्होंने जिला कलक्टर द्वारा कोविड की दूसरी लहर के दौरान ‘आॅक्सीजन मित्र’ के रूप में किए गए नवाचार को भी अभिनव पहल बताया और कहा कि बालश्रम मुक्ति के इस अभियान में भी सभी इसी भावना के साथ जुट जाएं।
जिला कलक्टर नमित मेहता ने बालश्रम को अभिशाप बताया और कहा कि यह किसी भी क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में बाधक है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र को बाल श्रम मुक्त बनाने की इस पहल में क्षेत्र की सभी औद्योगिक इकाईयों की प्रभावी भूमिका रही। इस दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि कोई भी इकाई ऐसी नहीं हो, जहां बालश्रम होता है। उन्होंने कहा कि बीछवाल औद्योगिक क्षेत्र ने प्रशासन के इस अभियान में सकारात्मक साथ दिया और जिले का पहला बालश्रम मुक्त औद्योगिक क्षेत्र बनने का गौरव हासिल किया। सम्पूर्ण जिले को बालश्रम मुक्त बनाने तक यह कार्यवाही निरंतर जारी रहेगी।
पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने कहा कि बालश्रम मुक्त बीकानेर के इस अभियान में पुलिस का पूर्ण सहयोग रहेगा तथा कहीं भी बालश्रम पाया जाएगा तो नियमसम्मत सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बालश्रम उन्मूलन से जुड़े विभिन्न कानूनी प्रावधानों के बारे में बताया।
बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक कविता स्वामी ने जिले को बालश्रम मुक्त बनाने के लिए अब तक की गई कार्यवाही की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक औद्योगिक इकाई में समझाइश की गई और इन इकाईयों में बालश्रम नहीं होने का बोर्ड लगाने के साथ इस संबंध में शपथ पत्र भी लिया गया।
किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य अरविंद सिंह सैंगर ने बालश्रम मुक्ति के लिए गठित टीमों एवं इनके द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में बताया। बीछवाल उद्योग संघ के उमाशंकर माथुर ने आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन ज्योति प्रकाश रंगा ने किया।
इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर(नगर) अरुण प्रकाश शर्मा, जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष डी पी पचिसिया, बीकाजी ग्रुप के निदेशक दीपक अग्रवाल, बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष डाॅ. किरण सिंह बतौर अतिथि मौजूद रहे।
बालिका एवं किशोर गृह, अस्पताल और पुलिस थाने का किया निरीक्षण
राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती संगीता बेनीवाल ने पवनपुरी स्थित बालिका गृह का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने छोटी बच्चियों से बातचीत की और उनकी पढ़ाई और अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी ली। उन्होंने पीबीएम के शिशु अस्पताल का अवलोकन किया। यहां पीकू एवं नीकू वार्ड तथा बच्चों के इलाज के लिए की जाने वाली व्यवस्थाओं को देखा। उन्होंने कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर सभी व्यवस्थाएं चाक-चैबंद रहें। उन्होंने बीछवाल स्थित पुलिस थाने का निरीक्षण किया और बाल कल्याण अधिकारी डेस्क तथा विभिन्न पत्रावलियों का अवलोकन किया। उन्होंने गजनेर रोड स्थित राजकीय सम्प्रेषण एवं किशोर गृह का अवलोकन भी किया तथा यहां आवासित बालकों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में जाना। उन्होंने सुरक्षित गृह में आवासित एवं विधि से संघर्षरत बालकों को ओपन स्कूल के माध्यम से शिक्षा से जोड़ने को सकारात्मक पहल बताया। इस दौरान उन्होंने बाल कल्याण समिति एवं किशोर न्याय बोर्ड द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी भी ली।
बीकानेर पहुंचने पर किया स्वागत
इससे पहले राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष के बीकानेर पहुंचने पर सर्किट हाउस में उनका भव्य स्वागत किया गया। अतिरिक्त जिला कलक्टर(नगर) अरुण प्रकाश शर्मा एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह इंदौलिया ने उनकी अगवानी की। इस दौरान बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष डाॅ. किरण सिंह, सदस्य सरोज जैन, एड. जुगल किशोर व्यास, एड. हर्षवर्धन सिंह भाटी, आईदान, किशोर न्यास बोर्ड के सदस्य अरविंद सिंह सैंगर, किरण गौड़, महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक शारदा चौधरी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एलडी पंवार, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी डाॅ. राजकुमार शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. ओपी चाहर तथा बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक कविता स्वामी आदि मौजूद रहे।
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