बोइंग 737-मैक्स एयरक्राफ्ट के प्रोडक्शन पर रोक:FAA का फैसला, इससे भारतीय एयरलाइंस के 527 विमानों की डिलिवरी लेट होने की आशंका
नई दिल्ली
एअर इंडिया ने बोइंग को 181 ‘737 मैक्स’ विमानों के ऑर्डर दिए हैं। वहीं अकासा एयर ने 204 और स्पाइसजेट ने 142 मैक्स जेट के ऑर्डर दिए हुए हैं।
फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने कंट्रोवर्शियल बोइंग 737 मैक्स एयरक्राफ्ट की मैन्यूफेक्चरिंग पर रोक लगा दी है। FAA के इस फैसले का असर भारत की एयरलाइंस कंपनियों पर पड़ सकता है। एअर इंडिया एक्सप्रेस, स्पाइसजेट और अकासा एयर ने बोइंग को 527 विमान के ऑर्डर दिए हैं।
क्वालिटी कंट्रोल प्रैक्टिसेस को लेकर जांच का सामना कर रही बोइंग
तीन हफ्ते पहले अलास्का एयरलाइंस के एक एयरक्राफ्ट का पैनल हवा में उड़ गया था। हालांकि, विमान सुरक्षित लैंड कर गया था, लेकिन इस हादसे में कुछ यात्रियों को मामूली चोटें आईं थीं। इस हादसे के बाद से बोइंग को अपनी क्वालिटी कंट्रोल प्रैक्टिसेस को लेकर जांच का सामना करना पड़ रहा है।
फुटेज अमेरिका में अलास्का एयरलाइंस की बोइंग 737 मैक्स प्लेन की है। टेकऑफ के बाद इसका दरवाजा हवा में उड़ गया, जिसके बाद इसकी इमरजेंसी लैंडिंग हुई।
इतना ही नहीं इस हादसे के बाद से बोइंग की मैन्यूफेक्चरिंग प्रोसेस की भी जांच बढ़ गई है। बोइंग 737 मैक्स 9 से 5 जनवरी की यह घटना उसी विमान में कई महीनों पहले हुई छोटी समस्याओं के बाद हुई थी।
अलास्का एयरलाइंस से हुआ यह हादसा बोइंग के लिए ऑपरेशनल प्रॉब्लम को दर्शाता है। वहीं 2018 और 2019 में 737 MAX 8 विमानों से दो दुर्घटनाएं हुईं थीं, जिसमें 346 लोगों की जान गई थी। इसके बाद इस जेट को लंबे समय के लिए ग्राउंडेड कर दिया गया था।
737 मैक्स एयरक्राफ्ट के प्रोडक्शन का विस्तार नहीं कर सकती बोइंग: FAA
अमेरिकी एविएशन रेगुलेटर ‘फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन’ (FAA) ने अब फैसला सुनाया है कि बोइंग कंट्रोवर्शियल 737 मैक्स एयरक्राफ्ट के प्रोडक्शन का विस्तार तब तक नहीं कर सकती, जब तक कि वह उसकी समस्याओं को ठीक नहीं कर लेती।
प्रोडक्शन में विस्तार के लिए बोइंग की किसी भी रिक्वेस्ट पर सहमत नहीं होंगे
FAA ने एक स्टेटमेंट में कहा, ‘हम प्रोडक्शन में विस्तार के लिए बोइंग की किसी भी रिक्वेस्ट पर सहमत नहीं होंगे या 737 मैक्स के लिए एडिशनल प्रोडक्शन लाइनों को मंजूरी नहीं देंगे। जब तक कि हम संतुष्ट नहीं हो जाते कि इस प्रोसेस के दौरान सामने आए क्वालिटी कंट्रोल मुद्दों का समाधान हो गया है।’
FAA का यह फैसला भारतीय एयरलाइनों के लिए क्यों है एक चुनौती
FAA का यह फैसला एअर इंडिया एक्सप्रेस, स्पाइसजेट और अकासा एयर सहित उन भारतीय एयरलाइनों के लिए एक चुनौती है, जिन्होंने सामूहिक रूप से बोइंग 737 मैक्स के सैकड़ों वेरिएंट के लिए ऑर्डर दिए हैं।
पिछले साल साइन हुई 70 बिलियन डॉलर यानी करीब 5.82 लाख करोड़ रुपए की डील के तहत एअर इंडिया एक्सप्रेस ने बोइंग को 181 ‘737 मैक्स’ विमानों के ऑर्डर दिए हैं। जबकि, अकासा एयर ने 204 और स्पाइसजेट ने 142 मैक्स जेट के ऑर्डर बोइंग को दिए हुए हैं। FAA के इस फैसले के कारण भारतीय एयरलाइनों के ऑर्डर्स के प्रोडक्शन और डिलीवरी में देरी हो सकती है।
DGCA ने भी बोइंग 737 मैक्स विमानों को लेकर सुरक्षा संबंधी चिंताएं जताईं
भारत का डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) भी देश में चल रहे सभी बोइंग 737 मैक्स विमानों का निरीक्षण पहले ही कर चुका है और उसने सुरक्षा संबंधी चिंताएं जताई हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय एयरलाइंस पर FAA के फैसले का प्रभाव कितना होगा, यह निश्चित नहीं है। हालांकि, यह फैसला 737 मैक्स के लिए एक नई मैन्युफैक्चरिंग लाइन स्थापित करने की बोइंग की योजना को संभावित रूप से प्रभावित कर सकता है।
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अपने डोमेस्टिक और इंटरनेशनल ऑपरेशन को एक्सपैंड करने के लिए बजट एयरलाइन अकासा एयर ने बोइंग को 150 नैरोबॉडी एयरक्राफ्ट का ऑर्डर दिया है। इस ऑर्डर में 737 MAX 10 और 737 MAX 8-200 जेट का संयोजन शामिल है। अकासा के ऑर्डर में MAX 9 वर्जन शामिल है या नहीं, इसकी डिटेल्स का खुलासा नहीं किया गया है। हाल ही में अलास्का एयरलाइंस के केबिन पैनल ब्लोआउट की घटना के बाद MAX 9 एयरक्राफ्ट को एयरलाइन ने ग्राउंडेड कर दिया गया था।
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