ब्रिटेन में पोर्न देखने के लिए फेस स्कैनिंग सेल्फी जरूरी:मीडिया रेग्युलेटर ने 6 नए रूल बनाए; एक्सपर्ट बोले- इससे पर्सनल डाटा का गलत इस्तेमाल
ब्रिटिश रेग्युलेटर ऑफकॉम ने कहा है कि वो इंटरनेट एक्ट का फाइनल ड्राफ्ट 2025 में पेश करेगा। (प्रतीकात्मक)
ब्रिटेन की मीडिया और कम्युनिकेशन रेग्युलेटर अथॉरिटी ऑफकॉम ने पोर्न वेबसाइट्स देखने वालों के लिए 6 नए और सख्त नियम बनाए हैं। इनमें यह तय करने की कोशिश की गई है कि 18 साल से कम उम्र वाले इस तरह की वेबसाइट्स पर विजिट न कर सकें। नए नियमों में से एक यह है कि वेबसाइट खोलने से पहले यूजर को फेस स्कैनिंग सेल्फी लेनी होगी।
दूसरी तरफ, एक्सपर्ट सरकार के इस कदम को गलत ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि इससे फायदा कम और नुकसान ज्यादा होगा। उनके मुताबिक- पोर्न वेबसाइट्स यूजर के डाटा का गलत इस्तेमाल करेंगी, वो पहले भी यही करती रही हैं।
ऑनलाइन सेफ्टी एक्ट में यूजर की जिम्मेदारी
- ऑफकॉम की तरफ से मंगलवार को जारी बयान में नए नियमों की जानकारी दी गई है। नए नियम ऑनलाइन सेफ्टी एक्ट के तहत बनाए गए हैं। इसमें कुछ अहम बातें हैं। मसलन, अब पोर्नोग्राफिक वेबसाइट्स के साथ ही यूजर की जिम्मेदारी भी तय की गई है। यूजर को वेबसाइट्स ओपन करने की मंजूरी तभी मिल सकेगी, जब वो ये साबित कर देगा कि उसकी उम्र 18 साल या उससे ज्यादा है।
- इसके लिए फोटो ID मैचिंग जरूरी होगी। एक्ट का जो ड्राफ्ट जारी किया गया है उसके मुताबिक- इस कवायद का मकसद बच्चों को पोर्नोग्राफी के जाल से बचाना है। मान लीजिए, अगर कोई यूजर फोटो आईडी मैचिंग के लिए डॉक्यूमेंट के तौर पर पासपोर्ट अपलोड करता है तो फेस स्कैनिंग सेल्फी के जरिए उसकी उम्र जांची जाएगी। साथ ही यह भी तय किया जाएगा कि वास्तव में यूजर वही है, या कोई डॉक्यूमेंट का गलत इस्तेमाल कर रहा है।
वेबसाइट्स को खुद साबित करना होगा कि उनकी टेक्नोलॉजी पूरी तरह एक्यूरेट, सेफ और रिलायबल है, और ये यूजर की सही उम्र और पहचान कर सकती है। (प्रतीकात्म)
वेबसाइट्स पर भी लगाम
नए रूल ड्राफ्ट में यह कोशिश की गई है कि पोर्न वेबसाइट्स भी हर सेफ्टी रिस्पॉन्सिबिलिटी पर खरी उतरें। जैसे, अब इन वेबसाइट्स को खुद साबित करना होगा कि उनकी टेक्नोलॉजी पूरी तरह एक्यूरेट, सेफ और रिलायबल है, और ये यूजर की सही उम्र और पहचान कर सकती है।
इसके लिए वो वेरिफाइड फेसियल ऐज एस्टिमेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेंगी। इसके अलावा यूजर के मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर को भी जिम्मेदार बनाया गया है। अगर कोई यूजर 18 साल से कम उम्र का है तो वो इन वेबसाइट्स को एक्सेस ही नहीं कर सकेगा।
इसके अलावा यूजर को अपना डिजिटल आईडेंटिटी वॉलेट भी बतौर सबूत देना होगा। इस वॉलेट में उसके वेरिफाइड डॉक्यूमेंट्स मौजूद होंगे और इनके जरिए आईडेंटिटी को क्रॉस चेक किया जा सकेगा।
ऑफकॉम की चीफ एग्जीक्यूटिव मेलेनी डावेस ने कहा- पोर्नोग्राफी वेबसाइट्स एक्सेस करना अब तक बहुत आसान था। इसलिए हमने इसे बदलने का फैसला किया है। (प्रतीकात्मक)
इसमें खामियां कहां
रेग्युलेटर ने खुद माना है कि इस एक्ट में अब भी कुछ खामियां हैं और इन्हें जल्द ही दूर किया जाएगा। ज्यादातर मामले ऑनलाइन या डेबिट कार्ड से पेमेंट से जुड़े हैं। पहले नियम तोड़ने पर सिर्फ जुर्माना होता था। नए एक्ट में यह साफ नहीं है कि यह नियम जारी रहेगा या इसे सख्त बनाया जाएगा।
ऑफकॉम की चीफ एग्जीक्यूटिव डेम मेलेनी डावेस ने कहा- पोर्नोग्राफी वेबसाइट्स एक्सेस करना अब तक बहुत आसान था। इसलिए हमने इसे बदलने का फैसला किया है। उम्मीद है, इसके बेहतर नतीजे मिलेंगे। कुछ और बदलाव किए जाने हैं। 2025 में इसका फाइनल वर्जन पेश किया जाएगा।
केट विंस्लेट की पिछले साल एक फिल्म ‘आई एम रूथ’ आई थी। इसमें उनकी बेटी मिया ने अहम किरदार निभाया था। फिल्म मोबाइल फोन एडिक्शन और इसके खराब नतीजों से जुड़ी थी। विंस्लेट भी इस मुद्दे पर बोलती रही हैं।
टाइटैनिक एक्ट्रेस और एक्सपर्ट्स का बयान
- हॉलीवुड ब्लॉक बस्टर टाइटैनिक की एक्ट्रेस केट विंस्लेट की पिछले साल एक फिल्म ‘आई एम रूथ’ आई थी। इसमें केट के साथ उनकी बेटी मिया ने अहम किरदार निभाया था। फिल्म मोबाइल फोन एडिक्शन और इसके खराब नतीजों से जुड़ी थी।
- इस फिल्म के बाद ब्रिटेन में ऑनलाइन या इंटरनेट सेफ्टी को लेकर बहस छिड़ गई थी। खुद विंस्लेट ने कहा था- जो कुछ देख रही हूं, उससे बहुत डर लगता है। सोशल मीडिया और फिर पोर्न वेबसाइट्स…। हम बच्चों को क्या सिखा रहे हैं?
- इसके बाद मशहूर ब्रिटिश राइटर और इंटरनेट एक्सपर्ट थॉमस बेकडेल ने भी यही कहा। मंगलवार को नए नियम जारी होने के बाद थॉमस नाखुश दिखे। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा- पता नहीं ऑफकॉम किस बारे में बात कर रहा है। पोर्न साइट्स तो पहले ही डाटा के खतरनाक इस्तेमाल के लिए बदनाम हैं। इस तरह की ज्यादातर वेबसाइट्स पायरेटेड और जाली हैं। इन पर फंसाने वाले विज्ञापन होते हैं। अब ऑफकॉम ने उन्हें निजी जानकारी हासिल करने की छूट दे दी है। बस उम्मीद कर सकते हैं कि वो इस डेटा का गलत इस्तेमाल नहीं करेंगी।
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