भाजपा जॉइन करेंगे कांग्रेस के 6 से ज्यादा नेता-पूर्व मंत्री:लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान में ऑपरेशन लोटस की तैयारी, आदिवासी विधायकों को गहलोत ने बुलाया
लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान में बड़े स्तर पर दल-बदल की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसी के चलते भाजपा ने कांग्रेस में ऑपरेशन लोटस की तैयारी शुरू कर दी है। पहले फेज में बीजेपी की नजर प्रदेश के आदिवासी क्षेत्र पर है।
ये कयास लगाया जा रहा है कि कांग्रेस सुप्रीम बॉडी कांग्रेस कार्य समिति (CWC) के सदस्य और गहलोत सरकार में मंत्री रहे महेंद्रजीत सिंह मालवीय जल्द बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं। मालवीय बांसवाड़ा जिले की बागीदौरा से विधायक भी हैं। इसके साथ ये भी संभावना जताई जा रही है कि बीजेपी में शामिल होने की तैयारी में अकेले मालवीय ही नहीं है, कांग्रेस के आधा दर्जन नेता, पूर्व मंत्री और विधायक अलग-अलग समय में बीजेपी जॉइन कर सकते हैं।
इधर, कांग्रेस ने डैमेज कंट्रोल की रणनीति शुरू कर दी है। मालवीय के साथ जिन कांग्रेसी नेताओं के बीजेपी में जाने की संभावना थी, उन्हें जयपुर बुलाकर मीटिंग ली।
फोटो पीएम नरेंद्र मोदी के मानगढ़ दौरे की है। हवाई पट्टी पर महेंद्र जीत सिंह मालवीय प्रोटोकॉल के तहत उन्हें रिसीव करने गए थे।
दूसरे फेज में मारवाड़, शेखावाटी और पूर्वी राजस्थान
लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने राजस्थान में ऑपरेशन लोटस की फेज मैनर में रणनीति तय की है। पहले फेज में आदिवासी बेल्ट में मजबूत जनाधार वाले नेताओं को पार्टी में लाने की तैयारी है। वहीं दूसरे फेज में मारवाड़, शेखावाटी और पूर्वी राजस्थान के कुछ कांग्रेस नेता है, जो भाजपा में जाने की तैयारी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इनकी जॉइनिंग बड़े स्तर पर जयपुर में ही होगी।
पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने के बाद अब उनके चाचा रिछपाल मिर्धा के भी बीजेपी में शामिल होने की तैयारी है। इसके अलावा जयपुर, भीलवाड़ा और पूर्वी राजस्थान से जुड़े पूर्व मंत्रियों के भी बीजेपी में शामिल होने की अटकलें हैं।
बीजेपी ने इलाकेवार तैयार की कांग्रेस नेताओं की लिस्ट
पूर्व मंत्री राजेंद्र यादव, उदयलाल आंजना, लालचंद कटारिया को लेकर लंबे समय से सियासी कयास लगाए जा रहे हैं। तीनों नेताओं के दिल्ली दौरे को लेकर भी सियासी चर्चाएं हैं, हालांकि इन नेताओं ने अभी तक कुछ नहीं कहा है।
बीजेपी ने सियासी पर्सेप्शन बदलने की ताकत रखने वाले कांग्रेस नेताओं को पार्टी में लाने पर एक्सरसाइज शुरू कर दी है। इलाकेवार नेताओं की लिस्ट तैयार है। बताया जाता है कि बीजेपी में शामिल होने की कतार में कई ऐसे कांग्रेसी नेता भी हैं, जिन्हें जांच एजेंसियों के रडार पर होने का खतरा है।
फोटो विधानसभा चुनाव के दौरान का है। जब आदिवासी क्षेत्र के नेताओं ने गहलोत से मुलाकात की थी। इनमें से भी कुछ नेताओं के बीजेपी में अटकलें थीं।
भाजपा के ऑपरेशन के बाद कांग्रेस ने शुरू किया डैमेज कंट्रोल शुरू
महेंद्रजीत सिंह मालवीय के बीजेपी में जाने की संभावनाओं को देखते हुए कांग्रेस ने डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने आदिवासी बेल्ट के सभी कांग्रेस विधायकों और स्थानीय नेताओं को जयपुर बुलाया है।
मालवीय के साथ दो कांग्रेस विधायकों नानालाल निनामा और रमिला खड़िया की भी दलबदल की चर्चाएं चल रही थीं, इसलिए गहलोत ने इन विधायकों को मिलने बुलाया है। जितने नेताओं के बीजेपी में जाने की चर्चाएं हैं उनमें से ज्यादातर पूर्व सीएम अशोक गहलोत के समर्थक हैं।
जिन इलाकों में बीजेपी कमजोर रही, वहां जनाधार वाले कांग्रेस नेताओं को शामिल करने की तैयारी
विधानसभा चुनावों में जिन इलाकों में बीजेपी का प्रदर्शन कमजोर रहा, उन इलाकों में बीजेपी का फोकस कांग्रेस के जनाधार वाले नेताओं को अपने पाले में करने का है। कांग्रेस के कई हारे हुए पूर्व मंत्रियों पर भी बीजेपी की निगाह है, क्योंकि सियासी समीकरणों के हिसाब से कुछ इलाकों में कांग्रेस के हारे हुए चेहरे बीजेपी में आते ही जिताऊ बन जाएंगे।
पूर्वी राजस्थान में धौलपुर और बूंदी में विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी खाता नहीं खोल पाई थी। पूर्वी राजस्थान के एक पूर्व मंत्री को बीजेपी में शामिल कर समीकरण साधने की तैयारी है, पूर्व मंत्री के बीजेपी के नेताओं से अच्छे संबंध हैं। सीकर, झुंझुनूं, चूरू और नहरी क्षेत्र में भी बीजेपी कांग्रेस नेताओं के संपर्क में है।
फोटो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का है। शुक्रवार को मालवीय ने बीजेपी में जाने पर कहा- कांग्रेस का पहले विजन था, लेकिन अब नहीं है। पार्टी कुछ लोगों से घिर गई है।
मालवीय और दूसरे कांग्रेसी नेताओं से सीट मजबूत करने की रणनीति
बांगड़ के आदिवासी बाहुल्य डूंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ में भारतीय आदिवासी पार्टी(BAP) के उभार ने बीजेपी को खासा नुकसान पहुंचाया है। बीजेपी को बांसवाड़ा, डूंगरपुर की 9 में से केवल 2 सीटें मिली हैं। बांसवाड़ा की पांच में 4 सीटें कांग्रेस ने जीती है, जबकि डूंगरपुर में एक सीट बीजेपी और एक कांग्रेस के पास है।
विधानसभा चुनावों के रिजल्ट के हिसाब से बीजेपी की हालत इस इलाके में कमजोर है। आदिवासी इलाके में बीजेपी को मजबूत नेता की तलाश थी,इसीलिए बीजेपी महेंद्र जीत सिंह मालवीय को पार्टी में शामिल कर रही है। मालवीय और दूसरे कांग्रेस नेता अगर बीजेपी में जाते हैं तो इसका लोकसभा चुनावों में सीधा फायदा होगा।
लोकसभा चुनावों में जीत के लिए आदिवासी इलाके में कांग्रेसी नेताओं को तोड़ने की रणनीति
बीजेपी के रणनीतिकार हर हाल में बांसवाड़ा-डूंगरपुर की लोकसभा सीट जीतना चाहते हैं। विधानसभा चुनावों के नतीजों ने बीजेपी को चेता दिया। बीजेपी की रणनीति आदिवासी इलाके के समीकरणों को साधने की है। मालवीय का गुजरात के आदिवासी इलाकों तक भी प्रभाव है। मालवीय के बीजेपी में जाने से पार्टी को आदिवासी इलाके में एक मजबूत और जनाधार वाला चेहरा मिल जाएगा, इससे कांग्रेस की हालत इस इलाके में कमजोर हो जाएगी।
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