*ED Raid on Vivo: भारत छोड़कर भागे वीवो से संबंधित फर्म के दो डायरेक्टर, ईडी ने 48 ठिकानों पर मारा था छापा*
चीनी मोबाइल कंपनी वीवो पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच तेज करने के बाद कंपनी से संबंधित फर्म के दो डायरेक्टर भारत छोड़कर चीन भाग गए हैं। ईडी की ओर से जांच तेज करने के बाद चीनी फर्म Vivo कंपनी से संबंधित फर्म के दो निदेशक झेंगशेन ओउ और झांग जी भारत से भाग गए हैं।
*देश में 48 ठिकानों पर छापामार कार्रवाई*
प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को चीनी स्मार्टफोन निर्माता VIVO और उससे जुड़ी हुई फर्मों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में 48 स्थानों पर तलाशी ली गई थी। ED के अधिकारियों ने जानकारी दी कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं के तहत छापेमारी की जा रही है। ईडी ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मेघालय, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में Vivo और उससे संबंधित कंपनियों से जुड़े 48 स्थानों पर तलाशी ले रही है।
*शेल कंपनियों के जरिए धन की हेराफेरी का आरोप*
ED को शक है कि वीवो कंपनी ने कथित शेल कंपनियों का उपयोग करके अवैध रूप से कमाए गए धन की हेराफेरी की है। कुछ ‘‘आपराधिक आय’’ को विदेश भेजा गया या भारतीय कर और प्रवर्तन एजेंसियों को धोखा देकर कुछ अन्य व्यवसायों में लगा दिया गया। इस कार्रवाई को चीनी संस्थाओं और उनसे जुड़े भारतीय पक्षों के खिलाफ केंद्र सरकार की कार्रवाई के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है।
*ऐसे सामने आई VIVO की कारस्तानी*
दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने जम्मू-कश्मीर स्थित वीवो के एक डिस्ट्रीब्यूटर्स के खिलाफ केस दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कुछ चीनी नागरिक कंपनी के शेयरहोल्डर्स थे और उन्होंने पहचान के तौर पर फर्जी डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल किया है। इसके बाद EOW की FIR का संज्ञान लेते हुए ED हरकत में आ गई और Vivo कंपनी के खिलाफ प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज किया। जब ईडी ने जांच शुरू की तो पता चला कि कथित जालसाजी के लिए कई शेल कंपनियां बनाई गईं थी और इसके जरिए अवैध रूप से कमाई गई रकम की हेराफेरी की गई थी। एजेंसी को इस बात का भी शक है कि अवैध रूप से कमाई गई रकम को विदेशों में भेजा गया था या फिर टैक्स डिपार्टमेंट और कानूनी एजेंसियों को धोखे में रखकर भारत में कुछ दूसरे बिजनेस में लगा दिया गया था।
*भारत में VIVO कंपनी का बड़ा बाजार*
मार्केट रिसर्च फर्म IDC के मुताबिक भारत के वीवो की हिस्सेदारी 15 फीसदी के आसपास है और साल 2022 की पहली तिमाही में 55 लाख स्मार्टफोन का शिपमेंट किया था। वहीं दूसरी ओर काउंटरप्वाइंट रिसर्च की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 10 से 20 हजार रुपये की कीमत के 5G स्मार्टफोन में वीवो भारत का सबसे बड़ा 5G ब्रांड है।
Add Comment