भारत संग रिश्तों पर पाकिस्तान ने दिखाई आंख तो तालिबान ने निकाला तोड़, डोभाल को दिया बड़ा संदेश
अफगानिस्तान और पाकिस्तान में तनावपूर्ण हालात के बीच तालिबान ने भारत को चाबहार पोर्ट को लेकर बड़ा संदेश दिया है। तालिबानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह इस ईरानी पोर्ट के इस्तेमाल और अफगानिस्तान में इसको सभी सुविधाएं मुहैया कराएगा। इस बीच भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) अफगानिस्तान को लेकर अहम बैठक करने वाले हैं।
काबुल: अफगानिस्तान और भारत के बीच रिश्तों पर लगातार आंखें दिखा रहे पाकिस्तान को तालिबानी सरकार बड़ा झटका देने जा रही है। तालिबान सरकार ने व्यापार के लिए ईरान में भारत के बनाए चाबहार पोर्ट के इस्तेमाल का समर्थन किया है। यही नहीं तालिबानी सरकार ने यह भी कहा है कि वह इस दिशा में सभी ‘सुविधाएं’ देने के लिए तैयार है। तालिबानी विदेश मंत्रालय ने चाबहार पोर्ट को उत्तर-दक्षिण अंतरराष्ट्रीय ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर में शामिल किए जाने का ‘स्वागत’ किया है। तालिबान का यह बयान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के मध्य एशियाई देशों के साथ अहम बैठक से ठीक पहले आया है।उत्तर दक्षिण अंतरराष्ट्रीय ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई को रूस की राजधानी मास्को से जोड़ता है और यह ईरान तथा अजरबैजान से होकर जाता है। वियॉन न्यूज के मुताबिक तालिबानी बयान में कहा गया है कि वह इस संबंध में सभी जरूरी सुरक्षा और सुविधाएं देने के लिए तैयार है। भारत ईरान के चाहबहार में बंदरगाह का पहला चरण विकसित कर रहा है ताकि उसके जरिए खासकर जमीन से चारों ओर से घिरे मध्य एशिया के देशों से संपर्क जोड़ा जा सके। भारत ने 8.5 करोड़ डॉलर का निवेश कर रहा है।
पाकिस्तान ने भारत के गेहूं को भेजने पर किया था नाटक
भारत ने हाल ही में चाबहार पोर्ट के लिए 6 मोबाइल हार्बर क्रेन दिए हैं जिनकी क्षमता 140 टन से लेकर 100 टन तक है। इसके अलावा 2.5 करोड़ डॉलर के अन्य उपकरण भी दिए गए हैं। इस बंदरगाह का पहले भी इस्तेमाल अफगानिस्तान को मानवीय मदद भेजने के लिए किया जा चुका है। साल 2020 में भारत ने चाबहार पोर्ट के जरिए 75 हजार मिट्रिक टन गेहूं मानवीय मदद के रूप में अफगानिस्तान को भेजा था। इससे पहले पाकिस्तान ने अपनी जमीनी सीमा से भारत के अफगानिस्तान को गेहूं को भेजने पर बहुत नाटक किया था। हालांकि तालिबान के दबाव में आकर उसे यह मंजूरी देनी पड़ी थी। दिसंबर 2018 में भारतीय कंपनी इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड ने पूरे पोर्ट का कार्यभार संभाल लिया था।चाबहार पोर्ट 215 मालवाहक जहाजों और 40 लाख टन सामान को एक जगह से दूसरी जगह पर भेजा जा चुका है। तालिबान ने चाबहार पोर्ट पर यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब चाहता है कि अफगानिस्तान के आधारभूत ढांचे के पुर्ननिर्माण के लिए भारतीय निवेश फिर से शुरू हो सके। तालिबान ने भारत से यह भी आह्वान किया है कि वह नए काबुल शहर के निर्माण में मदद करे। इससे पहले भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल अफगानिस्तान और उससे संपर्क को खासतौर पर ध्यान में रखते हुए भारत-मध्य एशियाई देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की एक बैठक नई दिल्ली में आयोजित करने जा रहे हैं।
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