मंत्रियों से नाराज होकर दिल्ली गए थे IAS पंत:कोरोना मैनेजमेंट से PM मोदी की नजर में आए; अब राजस्थान के मुख्य सचिव बने
राजस्थान के नए मुख्य सचिव सुधांश पंत ने बतौर IAS अफसर कोरोना काल में जो सेवाएं दीं, उनसे स्वयं पीएम नरेंद्र मोदी भी प्रभावित हुए। आखिर जब बारी आई राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी की सबसे ऊंची मुख्य सचिव की कुर्सी संभालने की तो राज्य सरकार की रिक्वेस्ट को पीएम ने मंजूर किया। मोदी ने अपनी टीम के चुनिंदा अफसरों में से एक सुधांश पंत को राजस्थान भेज दिया।
कार्मिक विभाग ने उषा शर्मा के रविवार को मुख्य सचिव पद से रिटायर होने के बाद देर शाम पंत को सीएस बनाने के आदेश जारी किए।
पंत दिसंबर-2022 से दिल्ली ही थे। दिल्ली में पहले वे जहाजरानी मंत्रालय में थे। कोरोना की आहट फिर से सुनाई दी तो जून 2023 में पीएम मोदी ने उन्हें चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्रालय में सचिव बना दिया। हाल ही में दिसंबर 2023 में पूरे देश के चिकित्सा मंत्रियों-सचिवों और आम जनता के लिए कोरोना के नए वैरिएंट के बारे में जो चेतावनी पत्र जारी हुआ, वह पंत ने ही किया था।
गहलोत सरकार में मंत्रियों से नहीं बैठी थी पटरी
गहलोत सरकार से उनकी पटरी नहीं बैठी थी। गहलोत सरकार में जलदाय मंत्री डाॅ. महेश जोशी और खान राज्य मंत्री प्रमोद जैन भाया से उनकी अनबन रही।सूत्रों का कहना है कि पंत नियमों को इधर-उधर कर काम करने को तैयार नहीं होते।
जलदाय विभाग में ईडी के छापे पड़ने से तय हो गया था कि पंत ने जो आपत्तियां उठाई थीं, वे सही थीं। हालांकि पंत को महेश जोशी से अनबन के चलते डेढ़ साल के भीतर 4 पोस्ट पर इधर-उधर किया गया था। आखिर उन्होंने केंद्र सरकार को आवेदन किया तो उन्हें तत्काल दिल्ली बुला लिया गया था।
खासियत- हर फाइल पर हां या ना में फैसला
पंत विदेशों में चल रहे घटनाक्रम को लेकर अपडेट रहते हैं। खास तौर से विकसित देशों में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल और पॉलिसी के बारे में। अपडेट रहने की उनकी आदत का ही असर है कि उनकी बात और विचार का गहरा असर हर मीटिंग में होता है। किसी भी फाइल पर वे उलझाने वाली टिप्पणी नहीं करते। अपनी राय के बाद सीधे हां या ना में फैसला लिखते हैं।
रोजाना 8-10 किलोमीटर की वॉक
सुधांश पंत रोजाना 8-10 किलोमीटर की वॉक करते हैं। उन्हें अक्सर जयपुर के जेएलएन मार्ग की स्लिप लेन (गांधी नगर), स्मृति वन-शिक्षा संकुल में वॉक करते देखा जाता है। साथी ब्यूरोक्रेट उनसे दबाव के बीच शारीरिक-मानसिक फिटनेस और समय प्रबंधन पर टिप्स लेते हैं।
कैसे हुआ पंत का चयन, क्या है 2 C और 1 C फॉर्मूला
राजस्थान में भाजपा की सरकार बनने के बाद केंद्र सरकार, पीएम मोदी, भाजपा शीर्ष नेतृत्व, सीएम भजनलाल शर्मा के स्तर पर चिंतन हुआ कि कौन अफसर राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी को टू-सी (करप्शन और केयरलेसनैस) से मुक्त कर वन-सी (क्रैडिबिलिटी) वाली छवि प्रदान कर सकता है।
दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत 3 अफसरों पर सबकी निगाहें थीं। ये थे- वी. श्रीनिवासन, संजय मल्होत्रा और सुधांश पंत।
श्रीनिवासन ने खुद को पीछे कर लिया, क्योंकि वे दिल्ली से जयपुर नहीं आना चाहते। फिर मल्होत्रा और पंत के नामों पर विचार किया गया। संजय मल्होत्रा थोड़े कम इच्छुक थे। वे केंद्र सरकार में ही ऊंचे ओहदे कैबिनेट सैक्रेटरी की तरफ बढ़ना चाहते हैं। वे इस अवसर के बिल्कुल नजदीक हैं। यह उपलब्धि सैकड़ों आईएएस अफसरों में इक्का-दुक्का को ही मिलती है।
ऐसे में पंत पर अंतिम रूप से विचार किया गया। पंत को राजस्थान के कई जिलों में कलेक्टर रहने सहित नगरीय विकास विभाग, चिकित्सा, शिक्षा, खान, जलदाय सहित लगभग सभी विभागों में काम करने का अनुभव है। वे राजस्थान आने के लिए मान गए हैं। राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार से पंत की सेवाएं वापस राजस्थान को लौटाने की अपील की, जिसे 30 दिसंबर की देर रात मंजूरी कर लिया गया था।
एक रिटायर्ड IAS अफसर कर रहे हैं ब्यूरोक्रेसी की नई तस्वीर तैयार
3 दिसंबर को जब राजस्थान विधानसभा चुनावों का परिणाम आया था। इसके ठीक बाद सुधांश पंत 4-5 दिसंबर को जयपुर का दौरा करके गए थे। राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में उस वक्त सीनियर अफसरों के बीच सुगबुगाहट शुरू हो गई थी कि पंत ही नए बॉस के रूप में जयपुर आने वाले हैं।
सूत्रों के अनुसार राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी की तस्वीर इन दिनों राजस्थान काडर के एक रिटायर्ड आईएएस अफसर तैयार कर रहे हैं। उन्हें मोदी सरकार के दौरान दिल्ली में तीन शीर्ष पदों पर कार्य करने का अवसर मिला। वे मूलतः ब्यूरोक्रेसी का चेहरा, रूप, रंग और आकार तय कर रहे हैं। यह रिटायर्ड आईएएस अफसर राजस्थान में एक बार सीएमओ में प्रमुख शासन सचिव भी रहे। केंद्र सरकार के सबसे बड़े प्रतिष्ठित आयोग में चेयरमैन भी रहे।
दुखी मन से गए थे, हैपीनेस के साथ लौटे
राजस्थान में साल 2021 से 2022 के बीच लगभग डेढ़ साल में सुधांश पंत के साथ बहुत कुछ ऐसा हुआ जो हाल के एक दो दशक में किसी आईएएस अफसर के साथ नहीं हुआ। जनवरी-2021 से अक्टूबर 2022 के बीच उनके चार बार तबादले किए गए। जबकि अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के आईएएस के साथ आम तौर पर ऐसा नहीं होता।
उन्होंने दिल्ली जाने के लिए आवेदन किया तो केंद्र ने आवेदन स्वीकार भी कर लिया। लेकिन तत्कालीन राज्य सरकार ने उन्हें दिल्ली जाने की इजाजत नहीं दी। इसके बावजूद वे दिसंबर-2022 में दिल्ली पहुंच ही गए और पीएम मोदी की टीम में एक खास जगह भी बनाई। राजस्थान सरकार की विशेष मांग पर उन्हें वापस जयपुर भेजा गया है।
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