बीकानेर।वस्त्र मंत्रालय के सौजन्य तथा नाबार्ड के सहयोग से बीकानेर के बीजेएस रामपुरिया जैन महाविद्यालय में क्राफ्ट्स डिमॉन्सट्रेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्यतः महिलाओं को आत्मनिर्भरता बनाने तथा हस्तशिल्प के क्षेत्र में उन्हें बाजार से जोड़ने हेतु इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नाबार्ड के मुख्य महा प्रबंधक बिज्जु एन क्रूप ने कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ टेक्सटाइल के साथ मिलकर आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य के ग्रामीण तबके तथा विशेषकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। इस प्रकार के कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्र के व्यक्तियों तथा महिलाओं में जीवन स्तर के सुधार को लेकर चलाए जाते हैं । उन्होंने बताया कि बीकानेर में एक साथ इस प्रकार के तीन कार्यक्रम चलाए गए हैं, इसमें जेल में कैदियों के लिए आयोजित कौशल विकास कार्यक्रम को उन्होंने बहुत सफल बताते हुए कहा कि इससे समाज के इस तबके को रोजगार मिले इसके लिए विशेष प्रयास किए गए हैं।
कार्यक्रम में पधारे नाबार्ड के महा प्रबंधक पुष्पहास पांडे ने विशेष बातचीत में कहा कि महिलाओं को विभिन्न हस्त कलाओं से जोड़ने तथा उनके लिए आजीविका उत्पन्न करने हेतु यह प्रयास किया गया है। इसी कड़ी में लूणकरणसर में सैनिटरी नैपकिन को लेकर एक प्रोजेक्ट प्रारंभ किया गया है जिसके विपणन तक का कार्य महिलाओं के माध्यम से किया जा रहा है, ताकि वे अधिकाधिक आत्मनिर्भर बन सकें। इस दौरान आयोजित कला प्रदर्शनी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें महिलाओं का विशेष योगदान है तथा इससे महिलाएं अपने तथा परिवार की आमदनी को बढ़ाने के लिए सकारात्मक प्रयास करने में सफल हुई है। कार्यक्रम में आए डीडीएम नाबार्ड बीकानेर रमेश तांबिया ने नाबार्ड के माध्यम से किए जा रहे प्रयासों पर बात करते हुए कहा कि क्राफ्ट के माध्यम से लंबे समय तक आय अर्जन की जा सकती है । उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के लिए बीकानेर पधारे नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक तथा महाप्रबंधक ने इस अवसर पर आईजीएनपी, महिला उद्यमिता डूंगरगढ़ व लूणकरणसर में आयोजित कार्यक्रमों का अवलोकन किया साथ ही नाबार्ड द्वारा भारत सरकार व राज्य सरकार के द्वारा जो पैसा दिया जा रहा है उसका सही उपयोग सही जगह पर किया जा रहा है इसकी भी जानकारी ली। कला प्रदर्शनी के विषय में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से बीकानेर की उस्ता कला को पूरे देश में पहचान मिली है। उन्होंने इस कला प्रदर्शनी के लिए उस्ता कला कलाकार हनीफ उस्ता, शौकत अली तथा साफा बांधने में विशेष महारत रखने वाले कृष्ण चंद्र पुरोहित आदि का धन्यवाद व्यक्त किया। इस अवसर पर महिलाओं के उद्यम हेतु चलने वाले विभिन्न सेंटर्स के माध्यम से योगदान देने वाले से सहभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। इस प्रकार के उद्यम शिविरों में योगदान देने वाली प्रवीण शर्मा ने इस अवसर पर बताया कि उनके द्वारा नाबार्ड के सहयोग से जेल में महिला कैदियों के लिए आयोजित शिविर में महिलाओं को विभिन्न प्रकार के कौशलों का प्रशिक्षण दिया गया ताकि इसके माध्यम से वह जेल से निकलने के बाद न केवल आत्मनिर्भर बने बल्कि एक सम्मानित जीवन व्यतीत कर सकें।
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