महेश जोशी को पूछताछ के लिए बुला सकती है ईडी:जल जीवन मिशन घोटाले में सभी को आमने-सामने बैठाकर जांच करेंगे अधिकारी
जल जीवन मिशन (जेजेएम) घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) पूर्व मंत्री महेश जोशी (कांग्रेस नेता) को जल्द ही ऑफिस बुलाकर पूछताछ करेगी। इसके अलावा अजमेर के सीनियर इंजीनियर परितोष गुप्ता, जगदीश प्रसाद फर्म का मालिक शिवरतन अग्रवाल, जल जीवन मिशन में घोटाले का मास्टरमाइंड पदमचंद जैन, महेश मित्तल, जलदाय विभाग का सीनियर इंजीनियर सुनील गर्ग, तत्कालीन नागौर अधीक्षण अभियंता एमपी सोनी को भी ईडी जल्द पूछताछ के लिए बुला सकती है। फिलहाल महेश मित्तल फरार है। मंगलवार को महेश जोशी, जलदाय विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों से ईडी ने 15 घंटे पूछताछ की थी। जांच एजेंसी तीन बार राजस्थान में 24 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है। अब कड़ी से कड़ी जोड़ी जा रही है। इसके बाद ऑफिस में बुलाया जाएगा।
शिवरतन अग्रवाल के घोटाले
कॉन्ट्रैक्टर शिवरतन अग्रवाल को जलदाय विभाग ने 1200 करोड़ के टेंडर दिए थे। इसमें मेजर प्रोजेक्ट्स के 650 करोड़ और ओटीएमपी के 550 करोड़ के टेंडर दिए। फर्म पर आरोप है कि इंजीनियर्स से मिलीभगत कर ऊंची दरों पर टेंडर दिए गए। जगदीश प्रसाद अग्रवाल के फर्म को बांसवाड़ा, डूंगरपुर और उदयपुर में दूसरी फर्मों को दरकिनार करते हुए काम दिया गया।
बताया जा रहा है कि सुनील गर्ग अकेले SE बांसवाड़ा, उदयपुर प्रोजेक्ट और रीजन का काम संभाल रहे हैं। वहीं, तत्कालीन नागौर अधीक्षण अभियंता एमपी सोनी के घर भी छापे पड़े थे।
पदमचंद और महेश मित्तल के घोटाले
गणपति और श्री श्याम ट्यूबवेल फर्म के मालिक पदमचंद जैन और महेश मित्तल ने जल जीवन मिशन में जमकर घोटाला किया। दोनों फर्मों ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के नाम पर लूट मचाई। जगतपुरा में 81.80 करोड़, सवाई माधोपुर में 16.85 करोड़, नीमकाथाना में 23.87 करोड़ और 23.81 करोड, खो नागोरियान प्रोजेक्ट में 53.28 करोड़, शाहपुरा में 6.19 करोड़, नागौर में 93.15 करोड़ और 85.77 करोड़, सीकर में 14.65 करोड़, अजीतगढ़-श्रीमाधोपुर में 21.38 करोड़, खंडेला में 23.81 करोड़ के टेंडर लिए थे। दोनों फर्मों को कुल 900 करोड़ के टेंडर दिए गए थे। तत्कालीन सीनियर इंजीनियर नागौर एमपी सोनी ने पदमचंद और महेश मित्तल से मिलीभगत कर टेंडर दिए थे।
मंगलवार को जयपुर रेलवे स्टेशन के पास स्थित पूर्व मंत्री महेश जोशी के घर पर ED की टीम रेड करने पहुंची थी।
इनकी भी जांच कर रही ईडी
तत्कालीन एसीएस सुबोध अग्रवाल, तीन चीफ इंजीनियर दिनेश गोयल, केडी गुप्ता, आरके मीणा से ईडी पूछताछ कर चुकी है। इसके अलावा तत्कालीन एडिशनल चीफ इंजीनियर आरसी मीणा, सुबोध अग्रवाल के पूर्व ओएसडी और एडिशनल चीफ इंजीनियर शुभांशु दीक्षित, मंत्री महेश जोशी के पूर्व ओएसडी और एक्सईएन संजय अग्रवाल, मंत्री (महेश जोशी) के करीबी संजय बढाया, तपन गुप्ता, नमन गुप्ता, पूर्व आरएएस अमिताभ कौशिक, प्रॉपर्टी डीलर रामअवतार शर्मा, आलोक खंडेलवाल, कल्याण सिंह से भी पूछताछ हो चुकी है। अभी जांच जारी है।
जल जीवन मिशन घोटाले केस में ईडी ने मंगलवार को पूर्व मंत्री महेश जोशी और उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापे मारे थे। जयपुर, दिल्ली और गुजरात की 10 टीमों ने मंगलवार सुबह 5 बजे जयपुर, बांसवाड़ा समेत कई जिलों में स्थित ठिकानों पर छापे की कार्रवाई शुरू की थी। इनमें महेश जोशी के 2 घर, जलदाय विभाग के 2 ठेकेदारों और 2 अधिकारियों के ठिकाने शामिल थे। 15 घंटे चली पूछताछ के बाद ईडी के अधिकारी महेश जोशी के घर से वापस चले गए थे।
ईडी के जाने के बाद महेश जोशी ने कहा था- राजस्थान में फिर से ईडी का दुरुपयोग हो रहा है। सरकार बदल गई। कोई नया डेवलपमेंट नहीं हो रहा। बार-बार जलदाय विभाग की बात की जाती है। जेजेएम की बात की जाती है। उनके हाथ में जलदाय विभाग है। वह बताएं कि कहां गड़बड़ी हुई। जेजेएम में किसी टेंडर में गड़बड़ी हुई। इन सारी बातों की वह खुद जानकारी कर सकते हैं। उनके पास पूरा विभाग है। ईडी को भेजना राजनीतिक प्रतिशोध है। मेरे को ईडी के अधिकारियों से कोई शिकायत नहीं है। उनको आदेश मिलता है। वह अपना काम कर के जाते हैं। केन्द्रीय जांच एजेंसियों के माध्यम से जो डर फैलाया जा रहा है, वह लोकतंत्र में सही नहीं है। आने वाले समय में देश और प्रदेश की जनता इसका जवाब निश्चित देगी।
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